बाम्बे हाउस: यहां ‘7 स्टार’ का खाना खाते है कुत्ते, ठंड में लेते है ‘सनबाथ’ का मजा
मुंबई: टाटा ग्रुप के पूर्व चेयरमैन और देश के जाने माने बिजेनसमैन रत्न टाटा ने मुंबई में कुत्तों के रहने के लिए एक आलीशान बंगला बनवाया है। जिसका नाम 'बाम्बे हाउस' है। इसे 9 महीने तक चले लम्बे रेनोवेशन के फिर से खोला गया है। अब ये बंगला कुत्तों का नया ठिकाना होगा। यहां पर रहने वाले कुत्तों को लग्जरी सुविधाएं मिलेगी।
ये है पूरा मामला
दरअसल, टाटा ग्रुप के मुंबई स्थित हेडक्वॉर्टर 'बॉम्बे हाउस' में पिछले 9 महीने से रेनोवेशन का काम चल रहा था। पिछले हफ्ते ही हेडक्वार्टर को दोबारा शुरू किया गया है। खास बात यह है कि रेनोवेशन के बाद ऑफिस की कायाकल्प तो हो ही गई, साथ ही एक अनूठी सुविधा भी शुरू की गई। इस नए सुविधा ने लोगों का ध्यान अपनी ओर आकर्षित किया। बॉम्बे हाउस में पहली बार 'केनेल' मतलब कुत्तों का घर डिजाइन किया गया है। टाटा ग्रुप के पूर्व चेयरमैन रतन टाटा ने खास कुत्तों के लिए यह घर बनवाया है।
बॉम्बे हाउस कई वर्षों से आवारा कुत्तों के रहने का ठिकाना था। यह अक्सर कुत्ते रिसेप्शन पर दिखाई देते थे। सिक्योरिटी गार्ड के केबिन में कुत्ते सोते थे। लेकिन, अब उन्हें अपना नया घर दिया गया है। बॉम्बे हाउस में कुत्तों के लिए अलग से कमरा डिजाइन किया गया है। केनेल का डिजाइन इस तरह तैयार किया गया है कि इसमें कुत्ते अपनी मर्जी से आ सकते हैं और जा सकते हैं।
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कुत्तों को मिलेंगी लग्जरी सुविधा
बॉम्बे हाउस में बनाए गए कुत्तों के घर में कुत्तों को लग्जरी सुविधाएं भी दी गई हैं। कमरे में कुत्तों के खिलौनों, डॉग बिस्किट और ताज होटल की किचन से प्रतिदिन आने वाले उबले हुए मीट की भी व्यवस्था की गई है। जानवरों के लिए काम करने वाली संस्था सेव आवर स्ट्रेज ने फेसबुक पर कुत्तों के नए घर की तस्वीर शेयर की है।
एक रिपोर्ट के मुताबिक रतन टाटा ने जब पहली बार बॉम्बे हाउस में कुत्तों को अपने नए घर में आराम करते देखा तो उन्होंने पूछा कि क्या वे यहां अपनी मर्जी से आए हैं। बॉम्बे हाउस के रेनोवेशन प्रोजेक्ट पर काम करने वाली आर्किटेक्चर फर्म सोमाया ऐंड कलापा कंसल्टेंट्स की नंदिनी संपत सोमाया ने बताया, 'टाटा यह देखकर काफी भावुक हो गए कि सभी कुत्ते वहां मौजूद थे और उन्हें वास्तव में वह जगह पसंद आई थी।' इस कमरे में कुत्तों के लिए सभी व्यवस्था की गईं। धूप, बारिश या सोने की जगह जो भी हो, कुत्तों यहां अपनी मर्जी से आराम कर सकते हैं।
बिल्डिंग में रेनोवेशन के वक्त बहुत कुछ ध्यान रखना था। बॉम्बे हाउस की पुरानी परंपराएं संभालकर रखनी थीं। इस बिल्डिंग में कुत्तों का भी अहम हिस्सा है। कई साल से कुत्तें यहां रहते थे। लेकिन, उनके लिए अलग से कोई व्यवस्था नहीं थी। रतन टाटा को कुत्तों से बहुत लगाव है और 2012 में उन्होंने जर्मन शेफर्ड नस्ल के अपने दो पालतू कुत्तों की तस्वीर ट्विटर पर शेयर की थी। केनेल में ग्राउंड फ्लोर के लाउंज एरिया से रास्ते पहुंचा जा सकता है। इसके अंदर चेरी रंग का पेंट किया गया है। इसमें दो बड़ी खिड़कियां हैं जिनसे बाहर की झलक मिलती है और खुलापन लगता है।
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8 कुत्तों का है बसेरा
बॉम्बे हाउस में बने केनेल में अभी आठ कुत्ते रहते हैं। इनको नाम भी दिए गए हैं। इनमें सबसे पुरानी और बड़ी शीबा है।एनजीओ के मुताबिक इसकी उम्र करीब 11-12 वर्ष होगी। सबसे छोटी मुन्नी है, जिसकी उम्र डेढ़ महीने की है। इसके अलावा गोवा, जैकाल, बुशी, जूली और सिंबा भी रहते हैं। कुत्तों से जुड़ी एनजीओ, द वेलफेयर ऑफ स्ट्रे डॉग्स के सीईओ अबोध अरास ने बताया 'शीबा की आयु अधिक होने के साथ ही उसका व्यवहार भी शांत है। सिंबा शर्मीला है, जबकि बाकी शरारती हैं।' उनके एनजीओ कुत्तों की मेडिकल जरूरतों का ख्याल रखता है. बताया जा रहा है कि रतन टाटा को इन सभी में से गोवा सबसे ज्यादा पसंद है।