कुंभकर्ण का गांव: महीनों सोते हैं इस गांव के लोग, जानें इसके पीछे की वजह
कजाकिस्तान में एक कलाची गांव है जहां लोग महीने - महीने सोते हैं। इस गांव को स्लीपी हॉलो भी कहते हैं। आपको बता दें कि यहां के लोग अक्सर सोते हुए ही नजर आते हैं।
कजाकिस्तान : हमने रामायण में सुना था कि कुंभकर्ण की नींद के बारे में की वो 6 महीने सोता है और 6 महीने जगता है। लेकिन हम आपको बता दें कि आज के युग में भी ऐसे लोग है जो महीनों - महीनों सोते हैं। कजाकिस्तान का एक गांव है जहां ऐसे लोग देखने को मिलेंगे जो महीनों महीनों सोते हैं। आइए जानते हैं इस गांव की हकीकत और इन लोगों के सोने की वजह।
इस नींद का कारण यह है
कजाकिस्तान में एक कलाची गांव है जहां लोग महीने - महीने सोते हैं। इस गांव को स्लीपी हॉलो भी कहते हैं। आपको बता दें कि यहां के लोग अक्सर सोते हुए ही नजर आते हैं। इस गांव में कई शोध हो चुके हैं लेकिन आज तक कोई पुख्ता प्रमाण नहीं मिल पाया है। बताया जाता है कि इस गांव में यूरेनियम की काफी जहरीली गैस निकलने के कारण ऐसा होता है। इस खदान का सालों से इस्तेमाल नहीं हुआ है इसलिए यहां का पानी काफी दूषित है। इसके प्रभाव से जो व्यक्ति एक बार सोता है वो एक महीने के बाद ही उठता है। वैज्ञानिकों ने यह शोध किया यहां के पानी में भी कार्बन मोनो ऑक्साइड की गैस पाई जाती है। इस वजह इस गांव के लोगों की यह स्थिति है।
सोने के बाद नहीं रहता कुछ भी याद
कजाकिस्तान के इन लोगों को नींद में जाने के बाद कुछ याद नहीं रहता है। आपको बता दें कि यहां के लोगों की आबादी 600 लोगों की है। जिसमें से 14 फीसदी लोगों को इस बीमारी ने अपने चपेट में ले लिया है। नींद में जाने के बाद इन लोगों को कुछ याद नहीं रहता है। जब इन्हें दूसरे लोग बताते हैं तब जाकर इन्हें याद आता है।
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कभी भी कहीं भी सो जाते ये लोग
इस बीमारी से परेशान यह लोग कहीं भी और कभी भी सो जाते हैं। आपको बता दें कि यहां के लोग रास्ते में चलते चलते सो जाते हैं। इन लोगों का कहना है कि इन लोगों को नींद का एहसास नहीं होता है। कुछ समय के लिए यह लोग सपनों की दुनिया में चले जाते हैं।
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