Smog Tower: ऐसा टॉवर जो प्रदूषण को करता है कम, जाने क्या है असली वजह
Smog Tower Unknown Fact: स्मॉग टॉवर एक फिल्टर मशीन की तरह काम करता है। ये टॉवर पानी को शुद्ध करने की तरह हवा को भी शुद्ध करता है।
Smog Tower Unknown Fact: बढ़ती जनसख्या के साथ प्रदूषण भी बहुत बढ़ रहा है। सर्दियों में प्रदूषण ज्यादा देखने को मिलता है। वह भी दिल्ली में, लेकिन यह कहने की बाते हैं कि दिल्ली में प्रदूषण ज्यादा है बल्कि आज के समय में तो हर जगह प्रदूषण ज्यादा है। ऐसा इसलिए क्योंकि हर जगह इंडस्ट्रीज बन रखी है। पेड़ पौधे तो कोई उगाना नहीं चाहता है। सभी लोग बस इंस्डस्ट्रीज पर ध्यान देते हैं। जो कि प्रदूषण को बढ़ाती है। आज के समय हर कोई अपने प्राइवेट ट्रासंपोर्ट से सफर करना पसंद करता है। जो कि प्रदूषण को बढ़ाता है। लेकिन इन सब चीजों को रोक भी नहीं सकते हैं। इसलिए स्मोग टॉवर का इस्तेमाल करना चाहिए।
चलिए जानते हैं आखिर यह स्मोग टावर है क्या, और यह कैसे काम करता है, इससे लगाने का कारण
स्मॉग टॉवर एक फिल्टर मशीन की तरह काम करता है। ये टॉवर पानी को शुद्ध करने की तरह हवा को भी शुद्ध करता है। स्मोग टावर हवा में मौजदू डर्टी पार्टिकल्स को छान देता है और हवा को साफ कर देता है। इस तरह से हवा में से प्रदूषण हट जाता है और हम चेन की सांस ले सकते हैं। स्मोग टावर में हवा को शुद्ध करने के लिए कई सारी परते लगी हुई होती है। ये हीपा फिल्टर तकनीक के आधार पर काम करता है। भारत में स्मॉग टॉवर 24 मीटर की ऊंचाई पर हवा को अवशोषित करता है।
स्मोग टावर की कुछ लेयर जिसे मैक्रो और माइक्रो लेयर कहते हैं। वह हवा में मौजूद पार्टिकल्स को छानती है और हवा को शुद्ध बनाती है। स्मॉग टॉवर 25 क्यूबिक मीटर प्रति सेकंड की रफ्तार से हवा को शुद्ध करता है। भारत में एक स्मोग टॉवर की उचाई 24 मीटर तक होती है। जिसमें 6 मीटर ऊंची छत पर 18 मीटर वाला टॉवर लगा होता है। स्मोग टॉवर में बहुत सारे पंखे भी लगे होते हैं। कुल 40 से ज्यादा पंखे एक टॉवर में होते हैं। क्योंकि वह हवा को सांफ करने के काम आते हैं।