Interesting Facts: बियर की बोतल का रंग हरा और भूरा ही क्यों होता है, जानिए क्या है इसके पीछे की वजह

Interesting Facts: बियर में एक समस्या सामने आई कि जब सूरज की अल्ट्रा वायलेंट किरणों ने सफेद बोतल पर जब किरणे डायरेक्ट पड़ती थी तो बियर का एसिड खराब हो जाता था। जिसकी वजह से बियर से काफी गंदी स्मेल आया करती थी।

Written By :  Anjali Soni
Update: 2022-10-07 08:42 GMT

Beer bottles colour intersting fact:सभी लोगों ने बियर को तो देखा ही होगा, कुछ लोग इसका सेवन भी करते हैं। जो लोग इसका सेवन करते हैं। उनके लिए ये अच्छी चीज होती है। जो लोग नहीं पीते वो लोग इसे बुरा मानते हैं। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि बियर की बोतलों का रंग हरा या भूरा ही क्यों होता है। आखिर इसके पीछे ऐसा क्या लॉजिक है। क्यों सिर्फ इन्ही दो रंगों में ये बोतल होती है। बता दें कि बियर की सुरवात सबसे पहले मिस्र में हुई थी। पहली फैक्ट्री मिस्र में ही खोली गई थी। तब बोतल का रंग ट्रांसपेरेंट हुआ करता था।

brown और green रंग के पीछे का कारण

बियर में एक समस्या सामने आई कि जब सूरज की अल्ट्रा वायलेंट किरणों ने सफेद बोतल पर जब किरणे डायरेक्ट पड़ती थी तो बियर का एसिड खराब हो जाता था। जिसकी वजह से बियर से काफी गंदी स्मेल आया करती थी। लोग बियर को पी भी नहीं पाते थे, तभी बियर बनाने वालों ने समस्या को सुलझाने के लिए एक योजना डुंडी। जिसमें बियर के लिए भूरे रंग की परत चढ़ाई और ये योजना सफल रही। ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि भूरे रंग की बोतलों में बंद बियर खराब नहीं होती ना ही भूरे रंग पर सूर्य की किरणों का कुछ असर पड़ता है।

हरे रंग की बोतल का भी अविष्कार हुआ। इनकी सुरवात एक युद्ध के दौरान हुई क्योंकि उस समय भूरे रंग की बोतलों का आकाल सा पड़ गया। फिर बियर बनाने वालों को कोई ऐसा रंग चुनना था जिसपर सूरज की किरणों का कोई भी असर ना पड़े। तब हरे रंग को भूरे रंग की जहग पर चुना गया। इसके बाद से बियर हरे रंग की बोतलों में भरकर मार्केट में आने लगी और अगर बात करें अभी की तो दोनों ही कलर की बोतल मार्केट में उपलब्ध हो जाती है। ब्राउन एंड ग्रीन दोनों ही रंग की बोतल मार्केट में इस समय आराम से मिल जाती है।

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