Pakistan Army: पाकिस्तान में फौजी भ्रष्टाचार

Pakistan Army: अब से लगभग 40 साल पहले जब मैं पहली बार पाकिस्तान गया तो रावलपिंडी में फौज के मुख्यालय के पास एक दुकान में किताबें खरीदने गया।

Written By :  Dr. Ved Pratap Vaidik
Update: 2022-11-24 11:35 GMT

Pakistan Army। (Social Media)

Pakistan Army: पाकिस्तान की फौज (Pakistan Army) को दुनिया की सबसे ज्यादा भ्रष्ट फौज माना जाता है। पाकिस्तान का हर महत्वाकांक्षी नौजवान फौज में भर्ती होना चाहता है, क्योंकि वहां मूंछों पर ताव देकर रहना और पैसा बनाना सबसे आसान होता है। पाकिस्तान के लोग फौजियों का जरूरत से ज्यादा सम्मान करते हैं या उनसे बहुत ज्यादा डरते हैं, कहा नहीं जा सकता। अब से लगभग 40 साल पहले जब मैं पहली बार पाकिस्तान गया तो रावलपिंडी में फौज के मुख्यालय के पास एक दुकान में किताबें खरीदने गया।

मुझे देखते ही उस दुकान के मालिक और सारे कर्मचारी मुझे सेल्यूट मारने लगे, क्योंकि उन दिनों मैं सफारी सूट पहना करता था और मूंछें भी थोड़ी बड़ी रखता था। किताबें चुनने के बाद जब मैंने बिल मांगा तो मालिक बोला, सर आप कैसी बात कर रहे हैं? मैं किताबें आपकी कार में रखवा चुका हूँ। मैं पाकिस्तान के कई राष्ट्रपतियों, प्रधानमंत्रियों और बड़े उद्योगपतियों के घरों में भी गया हूं लेकिन जो ठाठ-बाठ मैंने सेनापतियों और फौजियों के घरों में देखा, वैसा भारत के किसी फौजी के घर में नहीं देखा।

जनरल क़मर बाजवा की कुल निजी संपत्ति लगभग 500 करोड़ रुपये

इस वक्त जनरल क़मर बाजवा पाकिस्तान के सेनापति हैं। उनकी कुल निजी संपत्ति लगभग 500 करोड़ रु. की आंकी जा रही है। इसका पता तो उनके खिलाफ प्रचार कर रही एक वेबसाइट ने दिया है। यह भी एक कारण बताया जा रहा है, उनके स्वेच्छया सेवा-निवृत्त होने का! इसमें थोड़ी बहुत अतिशयोक्ति भी हो सकती है लेकिन इनकी तुलना ज़रा हमारे सेनापतियों से करें। वे बेचारे अपनी पेंशन पर किसी तरह गुजारा करते हैं। पाकिस्तान के कई फौजियों के जैसे आलीशान मकान मैंने लंदन, न्यूयार्क, फ्रेंकफर्ट और दुबई में देखे हैं, वैसा एक भी मकान किसी भारतीय सेनापति का मैंने आज तक विदेशों में कभी नहीं देखा।

पाकिस्तानी जनता उसे अपना सर्वेसर्वा बनाने पर मजबूर

पाकिस्तान में फौज ने भारत का ऐसा भयंकर डर पैदा कर रखा है कि पाकिस्तानी जनता उसे अपना सर्वेसर्वा बनाने पर मजबूर हो जाती है। वह किसी भी बड़े फौजी को अपना तानाशाह स्वीकार कर लेती है। वह जुल्फिकार अली भुट्टो, बेनज़ीर और नवाज शरीफ जैसे लोकप्रिय नेताओं को जब चाहे कान पकड़कर बाहर कर देती है। इमरान खान जैसे नेता का जीना भी हराम हो जाता है। इतना ही नहीं, पाकिस्तान की फौज ने सत्ता के साथ पत्ता (नोट) को भी अपने काबू में ले लिया है। वह राजपूती दिखाते-दिखाते बनियागीरी भी करने लगी है। उसने लगभग डेढ़ लाख करोड़ रु. का कारोबार चला रखा है। उसमें बैंकिंग, मेडिकल सर्विसेज़, खाद, बीज, तेल, पेट्रोल पंप, बिजली घर, एयरपोर्ट सर्विसेज आदि दुनिया भर के धंधे खोल रखे हैं। इन धंधों के संगठनों को कई नाम दे रखे हैं लेकिन उन्हें फौजी ही चलाते हैं। बड़े फौजियों के अपने निजी धंधे हैं।

लंदन और न्यूयार्क के अखबारों में अक्सर होता रहता है पाकिस्तान का भंडाफोड़

पाकिस्तान में और विदेशों में भी! अरबों रु. के इन धंधों तथा स्विस बैंकों में चल रहे इनके गुप्त खातों पर लंदन और न्यूयार्क के अखबारों में अक्सर भंडाफोड़ होता रहता है, लेकिन पाकिस्तान की जनता इनके खिलाफ खुलकर बगावत इसीलिए नहीं करती कि उसके दिल में यह बात बिठा दी गई है कि भारत तो पाकिस्तान को खत्म करना ही चाहता है लेकिन यह सर्वशक्तिमान फौज ही है, जिसकी कृपा से वह बचा हुआ है। पाकिस्तानियों के मन से जिस दिन भारत का भय निकल गया, उसी दिन से यह फौज अपनी पटरी पर चलने लगेगी। यदि फौज पटरी पर चलने लगे तो पाकिस्तान भी भारत की तरह एक लोकतांत्रिक देश बन सकता है।

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