सरदार पटेल के भाषण ने बना दिया आज का दिन विशेष

सरदार वल्लभभाई पटेल ग्रह सदस्य संसद ने 21 अप्रैल 1947 को अखिल भारतीय सेवाओं का उदघाटन किया था

Written By :  rajeev gupta janasnehi
Published By :  Roshni Khan
Update:2021-04-21 11:24 IST

सिविल सर्विस डे (फोटो साभार- सोशल मीडिया)

लखनऊ: सरकार के सार्वजनिक कामों के क्रियान्वयन और प्रशासनिक व्यवस्थाओं कि जो देखभाल जो भी करते हैं वह सिविल सर्विस द्वारा की जाती है| विधायी ,न्यायपालिका और सैन्य कर्मी वैसे सभी सिविल सर्वेंट होते हैं परंतु सरकार के सार्वजनिक कामों में और प्रशासनिक व्यवस्थाओं में इनकी जवाबदेही नहीं होती है| सिविल सेवा के जो सदस्य होते हैं वह किसी भी राजनीतिक सत्तारूढ़ पार्टी के लिए कोई प्रतिज्ञा नहीं लेते हैं लेकिन सतत व राजनीतिक दल की नीतियों को निष्पक्ष रुप से उनका क्रियान्वयन कराना उनका कर्तव्य होता है|

नागरिक सेवा दिवस का इतिहास

सरदार वल्लभभाई पटेल ग्रह सदस्य संसद ने 21 अप्रैल 1947 को अखिल भारतीय सेवाओं का उदघाटन किया था दिल्ली के मेटकाफ हाउस में था उसमें अखिल भारतीय प्रशासनिक सेवा प्रशिक्षण स्कूल में प्रशिक्षण पा रहे अधिकारियों को संबोधित करते हुए उन्होंने एक प्रभावशाली भाषण दिया और सिविल सेवकों को अतीत के अनुभवों को पीछे छोड़ते हुए राष्ट्र सेवक की सच्ची भूमिका को अपनाने का अधिकार दिया ।अपने भाषण में उन्होंने सिविल सेवकों को भारत का स्टील फ्रेम कहा इस तरह का पहला समारोह 21 अप्रैल 2006 को विज्ञान भवन नई दिल्ली में आयोजित किया गया था इसलिए वर्ष 2006 से 21 अप्रैल को राष्ट्रीय नागरिक सेवा दिवस के रूप में मनाया जाता है| इस दिन लोक प्रशासन में विशिष्टता के लिए प्रधानमंत्री पुरस्कार भी देते हैं|

नागरिक सेवा की उत्पत्ति

नागरिक सेवा (सिविल सेवा )शब्द ब्रिटिश काल में आया था जब ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी के नागरिक कर्मचारी प्रशासनिक नौकरियों में शामिल थे और उन्हें लोक सेवक के रूप में जाना जाता था इसकी नींव वारेन हेस्टिंग द्वारा रखी गई और बाद में चार्ल्स कॉर्नवालिस द्वारा और अधिक सुधार किए गए| इसीलिए उन्हें भारत में नागरिक सेवाओं का पिता के रूप में जाना जाता है|

नागरिक सेवा में कौन कौन समाहित है

भारतीय प्रशासनिक सेवा ,भारतीय पुलिस सेवा ,भारतीय विदेश सेवा और अखिल भारतीय सेवाओं और केंद्रीय सेवा समूह ए के और समूह बी की व्यापक सूची में जो शामिल हैं |

राष्ट्रीय सिविल सेवा दिवस मनाने का उद्देश्य

21 अप्रैल को सिविल सेवा को समर्पित है|नागरिक सेवा के लोग अपने अनुकरणीय सेवाओं की स्मृति में और जो उन्होंने वर्षों पहले किया है उसे वापस प्रतिबिंब करने के लिए इस दिन को मनाते हैं ।इसके अलावा इस दिन में आने वाले वर्षों के लिए योजना बनाते हैं कि उन्हें अपने संबंधित विभागों के लिए कैसे काम करना है।सिविल सेवा अधिकारियों के कार्य और प्रयासों को प्रेरित करना और उनकी सराहना करना|केंद्र सरकार सबसे अच्छा काम करने वाले व्यक्तियों और समूहों को पुरस्कार देती है|

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