Democracy of India: परिपक्व होता भारत का लोकतंत्र

Democracy of India: लोकसभा के 3 चरणों का चुनाव समाप्त हो चुका है। अब सरसरी तौर से जनता का रूझान दिखाई देना प्रारम्भ हो गया है।

Written By :  Yogesh Mohan
Update:2024-05-08 16:19 IST

Democracy of India (Photo: Social Media)

Democracy of India: स्वतंत्रता के 75 वर्षों के पश्चात वर्ष 2024 के संसदीय चुनावों के अन्तराल में ऐसा प्रतीत हो रहा है कि भारत का लोकतंत्र अब परिपक्वता की ओर अग्रसर हो चुका है। अतीत में जनता प्रसिद्धि प्राप्त राजनैतिक चेहरे तथा आकर्षक नारों से प्रेरित होकर वोट देती थी, परन्तु वर्तमान के चुनावी रूझान का यदि आंकलन करें तो अधिकांश जनता, अपनी जाति के व्यक्ति को एवं राजनैतिक पार्टी द्वारा किए गए कार्यो की समीक्षा करके ही अपने मत का प्रयोग कर रही है। अर्थात् वर्तमान चुनाव नेताओ पर केन्द्रित न होकर जनता के आंकलन पर आधारित हो चुका है। इससे ऐसा प्रतीत होता है कि जनता किसी भी प्रकार के प्रलोभन में न आने के लिए कटिबद्ध हो चुकी है।

वर्तमान चुनाव से पूर्व नेताओं को, जनता की परिवर्तित विचारधारा का अहसास होना प्रारम्भ हो गया था, इसीलिए उन्होंने 1 वर्ष पूर्व ही जनता के मध्य तारतम्य बनाने का प्रयास करना प्रारम्भ कर दिया था। अलग-अलग पार्टी के नेताओं ने अपने-अपने प्रदेशों में जनता को चुनावी रेवड़ियाँ एवं प्रलोभन देना प्रारम्भ कर दिया था, परन्तु यह जनता की परिपक्वता थी कि वे किसी भी प्रकार के प्रलोभन के वशीभूत नहीं हुई।


लोकसभा के 3 चरणों का चुनाव समाप्त हो चुका है। अब सरसरी तौर से जनता का रूझान दिखाई देना प्रारम्भ हो गया है। अधिकांश जनता निम्न प्रासंगिक मुद्दो पर चिंतन करके ही मतदान कर रही है -

1. स्थायी सरकार - जनता की अपेक्षा है कि केन्द्र में एक स्थायी सरकार का गठन हो।

2. भ्रष्टाचार मुक्त सरकार - भारत जैसे संस्कारवान देश के लिए यह अत्यधिक दुख का विषय है कि हम भारतवासी भ्रष्टाचार के क्षेत्र में विश्व के 180 देशों में से 93वें पायदान पर विराजमान हैं। इस स्थिति में परिवर्तन हेतु ऐसे राजनेताओं की आवश्यकता है जो भ्रष्टाचार से पूर्णतया मुक्त हों, क्योंकि शीर्ष पर विराजमान नेतृत्व की कार्यशैली का ही अनुकरण अधिनस्थ नेतागण अथवा अधिकारीगण करते हैं।

3. रोजगार प्रदत्त सरकार - भारत देश का युवा उच्च शिक्षा प्राप्त करके भी न केवल अपने देश में अपितु विदेशों में भी रोजगार विहीन होकर भटक रहा है। अतः जनता की अपेक्षा है कि आगामी सरकार युवाओं को रोजगार प्रदान करने वाली हो।

4. अपराध मुक्त सरकार - देश की जनता को, अपराधियों एवं भ्रष्टाचारियों पर कठोरता से कानूनी कार्यवाही करने में सक्षम सरकार की आवश्यकता है।

5. महिला उत्पीढ़न - वर्ष 2024 में देश की जनता को एक ऐसी सरकार की आवश्यकता है जोकि महिला उत्पीढ़न पर पूर्णतया नियन्त्रण स्थापित कर सके।

6. चिकित्सा और शिक्षा प्रदत्त सरकार - जनता की मूलभूत आवश्यकता रोटी, कपड़ा और मकान के पश्चात अन्य प्रमुख आवश्यकता चिकित्सा एवं शिक्षा की है। अतः जनता को एकसमान चिकित्सा एवं रोजगार पूरक शिक्षा की सुविधा प्रदान करने में सक्षम सरकार की आवश्यकता है।


7. अन्नदाता की प्रिय सरकार - अन्नदाता अर्थात् किसान की आगामी सरकार से अपेक्षा है कि वह कृषि क्षेत्र में स्वामीनाथन की रिपोर्ट के अनुसार एमएसपी अर्थात् न्यूनतम समर्थन मूल्य देने का प्रबन्ध करे।

8. प्रति व्यक्ति आय में वृद्धि - भारत में प्रतिव्यक्ति आय का स्तर अत्यधिक निम्न है। उदाहरण के लिए हम भारतीय अपने पड़ौसी बंग्लादेश से भी निम्नतम अर्थात् विश्व में 136वे पायदान पर पहुँच चुके है। अतः आगामी सरकार से जनता यह अपेक्षा करती है कि वह प्रति व्यक्ति आय में वृद्धि करें ताकि साधारण जनता स्वाबलंबी हो सके।

9. जनता पर टैक्स का बोझ - भारत में विविधतापूर्ण कर व्यवस्था है, जिससे जनता अत्यधिक त्रस्त हो रही है एवं जीएसटी का प्रयोग भी सफल नहीं हुआ। अतः जनता को एक ऐसी सरकार चाहिए कि जो विविधतापूर्ण कर व्यवस्था के अनावश्यक भार से राहत दिला सकें।

10. भारत की न्यायप्रणाली अत्यधिक त्रुटिपूर्ण है। इसका साक्ष्य यह है कि स्वतंत्रता से पूर्व तथा पश्चात के करोड़ो वाद आज भी न्यायालयों में लम्बित पड़े हैं। अतः जनता को एक ऐसी सरकार चाहिए जो त्वरित न्याय दिलाने में सक्षम हो।

11. जनता एक ऐसी सरकार की अपेक्षा करती है जो सैन्य शक्ति को सुदृण कर सीमाओं की दुश्मनों से रक्षा करने में सक्षम हो तथा जिसके अपने पड़ौसी देशों से भी मधुर सम्बन्ध हों।

12. जनता की आगामी सरकार से एक अन्य अपेक्षा यह भी है कि वह देश के औद्यौगिक विकास की दर में वृद्धि करे और सम्पूर्ण देश का विकास बिना किसी भेदभाव के करने में सक्षम हो।

उपरोक्त सभी मुद्दो के अतिरिक्त अन्य कई ऐसे मुद्दे हैं जिनके विषय में चिंतन करते हुए आज भारत की जनता अपने मत का प्रयोग कर रही है। आशा है कि वर्ष 2024 में जिस सरकार का गठन होगा, वह निश्चित रूप से भारत को विश्व के सम्मानित देशों की पंक्ति में अग्रणी स्थान प्राप्त कराने में सक्षम होगी। 

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