अन्न दान और एक दिन का उपवास बनेगा, लॉकडाउन का मूल मंत्र
हफ्ते में एक दिन उपवास का मंत्र पूरे देश को अपनाना होगा तभी हम अपने संसाधनों का बेहतर इस्तेमाल कर खुद को स्वस्थ और अपने करीब के किसी भूखे परिवार को मदद कर पाएंगे। अनाज दान महादान ये शास्त्रों में बताया गया गूढ़ मंत्र है।
रामकृष्ण वाजपेयी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लॉकडाउन के दौरान धैर्य दिखाने के लिए जहां 130 करोड़ जनता का आभार जताया है वहीं 19 दिन परीक्षा के और बढ़ाने पड़ गए हैं। कारण है कोरोना वायरस अभी सुस्त नहीं पड़ा है। देश में संक्रमित मरीजों की संख्या में 18 गुना बढ़ी है। और जिस बीमारी का कोई इलाज है ही नहीं उसमें सिवाय घर बैठने के कोई विकल्प भी नहीं है।
समझने की बात ये है कि ये लॉकडाउन बहुत खुशी में नहीं बढ़ाया गया है। देश की अर्थ व्यवस्था पर पड़ने वाले घातक असर को जानते समझते हुए लॉकडाउन बढ़ाना पड़ा है। लेकिन इस लॉकडाउन के दूसरे चरण में समाज के आर्थिक रूप से समृद्ध परिवारों की जिम्मेदारी बढ़ गई है। क्योंकि गरीब, मजदूर व श्रमिक वर्ग के या कुछ नौकरीपेशा भी हमारे आपके आसपास ऐसे होंगे जिनके घरों में खाने पीने की सामग्री खत्म हो चुकी हो या होने वाली होगी।
इस काम के लिए आगे आएं
ऐसे भी तमाम लोग होंगे जो सरकारी तौर पर उन गरीबों या मजदूरों में शामिल नहीं होंगे जिनके लिए सरकार व्यवस्था कर रही है। कई बार खुद्दारी लोगों को दूसरे के आगे हाथ पसारने से रोकती है। हमें ऐसे लोगों की मदद के लिए खुद से आगे आकर पहल करनी होगी। राह चलते कोई अगर कहता है कि भूखा है तो बिना ये सोचे कि धंधा कर रहा है उसकी मदद करनी होगी। क्योंकि इन आपात स्थितियों में हम कितने दिन भूख से लड़ सकते हैं ये भी सोचने की जरूरत है।
हर आदमी को ये संकल्प लेना होगा कि हम भारतीय परंपरा के अनुसार अपने एक समय के भोजन से एक रोटी पक्षियों के लिए, एक रोटी कुत्ते के लिए, एक रोटी गाय के लिए निकालेंगे। इसके साथ ही अपने पास पड़ोस, कालोनी में अगर कोई भूखा है तो उसको भोजन पहुंचाने के लिए भी आगे आना होगा। बेशक इसके लिए हमें एक दिन उपवास करना पड़े। तभी सबका साथ और सबका विकास हासिल होगा।
हफ्ते में एक दिन उपवास का मंत्र पूरे देश को अपनाना होगा तभी हम अपने संसाधनों का बेहतर इस्तेमाल कर खुद को स्वस्थ और अपने करीब के किसी भूखे परिवार को मदद कर पाएंगे। अनाज दान महादान ये शास्त्रों में बताया गया गूढ़ मंत्र है। दान किसी भी पूजा साधना से ज्यादा कारगर है। एक दिन का उपवास हमारे अंदर दूसरे की मदद के लिए आगे आने की समिधा बनेगा।