Lok Sabha Election 2024: रामद्रोह व रामभक्ति की विचारधाराओं का संग्राम है यह लोकसभा चुनाव
Lok Sabha Election 2024: कांग्रेस नेता ही कांग्रेस की राम मंदिर के प्रति डरावनी सोच को कर रहे बेनकाब
Lok Sabha Election 2024: तीसरे चरण का मतदान संपन्न होने के पूर्व राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और उनके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अयोध्या में श्री रामजन्मभूमि पर निर्मित दिव्य नव्य रामलला मंदिर में पूजा अर्चना की। दोनों ने प्रभु श्रीराम को साष्टांग दंडवत करते हुए उनका आशीर्वाद लिया। जहाँ राष्ट्रपति महोदया ने अपनी अनुभूतियाँ सोशल मीडिया पर साझा कीं वही प्रधानमंत्री रामलला के दर्शन के उपरांत जनता का आशीर्वाद लेने के लिए रोड शो पर निकल पड़े।स्वाभाविक रूप से विगत दशक में राम मंदिर आन्दोलन के राजनैतिक खेवनहार रहे नरेंद्र मोदी का रोड शो देखने के लिए जन सैलाब उमड़ पड़ा। राम मंदिर पर उमड़ने वाला यह जन समुद्र कांग्रेस, सपा, बसपा और इंडी गठबंधन में शामिल अन्य दलों को रास नहीं आता है, यही कारण है कि वे प्रभु श्रीराम व उनके भव्य मंदिर से लेकर सनातन तक पर लगातार हमले करते रहते हैं।
सनातन के प्रति कांग्रेस व इंडी गठबंधन के खतरनाक इरादों का खुलासा भी कांग्रेस के ही नेता व प्रवक्ता कर रहे हैं। पूर्व कांग्रेस नेता कल्कि पीठाधीश्वरर आचार्य प्रमोद कृष्णम ने कहा कि, “कांग्रेस कभी भगवान राम को मानने वाली नहीं हो सकती। उसने तो भगवान राम के अस्तित्व को ही नकार दिया था। श्रीराम मंदिर का फैसला आने के बाद एक गोपनीय बैठक में अमेरिका में रहने वाले अपने नजदीकी से कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा था कि यदि उनकी सरकार आई तो वह सुपर पावर कमीशन बनाकर शाहबानो प्रकरण की तरह राम मंदिर का फैसला बदल देंगे। आचार्य प्रमोद का कहना है कि वह कांग्रेस में 32 साल रहे हैं, भगवान श्रीराम को लेकर कांग्रेस में क्या चलता है़ वह जानते हैं। मंदिर का फैसला आने के बाद राहुल गाँधी ने अपने नजदीकी लोगों की बैठक बुलाई थी इसमें राम मंदिर को लेकर अपनी योजना जाहिर की थी। आचार्य प्रमोद लोकसभा चुनावों को साधारण चुनाव नहीं बताते अपितु वह इसे धर्मयुद्ध बता रहे हैं ।
कांग्रेस छोड़ भाजपा में शामिल हुईं छत्तीसगढ़ कांग्रेस की प्रवक्ता राधिका खेड़ा ने भी अपने साक्षात्कार में बताया कि कांग्रेस में प्रभु श्रीराम व सनतान के प्रति कितनी नफरत भरी हुई है। राधिका खेड़ा का कहना है कि अयोध्या में राम मंदिर जाने और इंटरनेट मीडिया पर मंदिर के फोटो साझा करने के बाद से ही उन्हें कांग्रेस से सिर्फ नफरत मिली। उन्होंने बताया कि पार्टी ने उन्हें चुनाव की अवधि में मंदिर जाने से रोका था लेकिन वह खुद को रामलला के दर्शन करने से नहीं रोक पाईं।उनका कहना था कि, “मैने सुना था कि कांग्रेस राम विरोधी, सनातन विरोधी और हिन्दू विरोधी है पर कभी माना नहीं था किंतु जब मैं अपनी मां व परिवार के साथ रामलला के दर्शन करने गई तब कांग्रेस की असलियत का पता चल गया।जब मैंने अपने घर पर राम ध्वजा लगाई तब से कांग्रेस ने मुझे तिरस्कृत करना प्रारम्भ कर दिया।
कांग्रेस के नेतृत्व में बने इंडी गठबंधन में शामिल सभी दल राम विरोधी़, सनातन विरोधी हैं यह प्रतिदिन साबित हो रहा है और इसी कारण बार- बार कहा जा रहा है कि रामभक्त सनातन समाज उठो- जागो और मतदान केंद्र तक पहुंचकर अपने मतों का सही प्रयोग करके ऐसी ताकतों को ध्वस्त कर दो, जो हिंदू सनातन समाज की परम्पराओं को नष्ट करने की ताक में बैठे हैं। अभी विगत वर्ष विधानसभा चुनावों के पहले द्रमुक नेता सनातन के उन्मूलन की बात कर रहे थे। बिहार में चारा चोर लालू यादव के बेटे तेजस्वी यादव का कहना है कि जब देश का प्रधानमंत्री हिंदू़ राष्ट्रपति हिंदू, सभी मुख्यमंत्री, राज्यपाल व सेना के तीनों प्रमुख हिंदू तो फिर सनातन को कैसा खतरा। यह वही तेजस्वी है जिनके पिता लालू यादव ने रामरथ यात्रा को रुकवाने के लिए भाजपा नेता लालकृष्ण आडवाणी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। आज राम मंदिर भी बनकर खड़ा हो गया है और आडवाणी जी को भारत रत्न का सम्मान भी मिल चुका है। ये वही कांग्रेस है जिसके तत्कालीन राष्ट्रपति दिवंगत शंकर दयाल शर्मा ने 6 दिसंबर 1992 की शाम को राष्ट्रपति भवन में आंसू बहाये थे और उन्हीं आसुओं की धार में सनातन समाज से बदला लेने के लिए अपनी तथाकथित संवैधानिक तानाशाही का अभूतपूर्व परिचय देते हुए उत्तर प्रदेश की कल्याण सिंह सरकार सहित चार प्रान्तों की भाजपा सरकारों को को भंग कर दिया था । आज की कांग्रेस की नजर में उस समय संविधान सुरक्षित हो गया था। यह वही कांग्रेस है जो समय समय पर देश के सर्वोच्च न्यायालय में प्रभु श्री राम को काल्पनिक बता चुकी है।
तीसरे चरण के मतदान के मध्य ही उत्तर प्रदेश में समाजवादी नेता रामगोपाल यादव ने बयान दे दिया कि अयोध्या का राम मंदिर तो बेकार है, मंदिर ऐसे बनाए जाते हैं क्या? मंदिर ऐसे नहीं बनते है। दक्षिण से उत्तर तक देख लीजिए नक्शा ठीक से नहीं बना है । समाजवादी पार्टी तो सदा से ही राम मंदिर विरोधी रही है । रामभक्त कारसेवकों का नरसंहार कराने के निकृष्टतम पाप से लेकर उसके बाद जितने भी ऐतिहासिक अवसर आए हर बार समाजवादी नेताओं ने राम मंदिर के खिलाफ नफरत भरी आग उगली है। भूमि पूजन से लेकर प्राण प्रतिष्ठा तक हर समय सपा़, बसपा व कांग्रेस सहित इंडी गठबंधन में शामिल सभी दलों के नेता अपने बयानो से हिंदू सनातन समाज व प्रभु राम का अपमान ही करते रहे हैं।
रामगोपाल यादव के बयान से राम मंदिर को लेकर राजनीति एक बार फिर गर्म हो गयी है और भारतीय जनता पार्टी व प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ऐसे तत्वों पर करारा प्रहार किया है। भाजपा का कहना है कि समाजवादी काल में कब्रिस्तान बनवाना अच्छा था वो उत्तर प्रदेश जो मुख्तार अंसारी, अबू सलेम, अतीक अहमद और छोटा शकील के लिए जाना जाता था वह उनके लिए अच्छा था। एक समय था जब फिल्में बनती थी यूपी में जिला गाजियाबाद, लखनऊ सेंट्रल, मिर्जापुर अर्थात पूरी अपराध केंद्रित तब ये सब अच्छा था। यहां पर भी ध्यान देने योग्य है कि एक समय था जब अवध की पहचान केवल और नवाबों की संस्कृति तक ही सीमित हो गयी थी। एक समय वह भी था जब गंगा- जमुनी तहजीब के नाम पर अवध का भव्य सनातन इतिहास और हमारी संस्कृति को दबाया जा रहा था, कुचला जारहा था। समाजवाद व कांग्रेस की नजर में वह समय अच्छा था, जब गंगा-जमुनी तहजीब के नाम पर लव जिहाद और धर्मांतरण का गजब का खेल चरम सीमा पर चल रहा था।वही समाजवादी पार्टी राम मंदिर को बेकार का कह रही है जिसके स्वर्गीय नेता मुलायम सिंह यादव ने रामभक्तों का संहार किया था।
आप नेता अरविंद केजरीवल जो अब शराब घोटाले में जेल में बंद हैं और रिहाई की भीख मांग रहे हैं उनकी पार्टी के नेता मनीष सिसौदिया व संजय सिंह ने रामभक्त चंपत राय जी पर फर्जी जमीन घोटाले का आरोप लगा दिया था। अक्षत वितरण कार्यक्रम पर तंज कसते हुए इन लोगो ने कहा था कि भाजपा युवाओं को रोजगार देने की बजाय घर -घर अक्षत बांट रही है।वास्तविकता ये है कि अब उत्तर प्रदेश में अयोध्या, मथुरा और काशी सहित सभी हिंदू तीर्थस्थलों में भक्तों की भारी भीड़ आ रही है, जिसके कारण निवेश बढ़ रहा है और रोजगार के अवसर बढ़ रहे हैं किंतु वह सब कुछ समाजवादियों को बेकार लग रहा है।आज भाजपा सपा से पूछ रही है कि वैज्ञानिक ढंग से इतना शानदार और भव्य सूर्य तिलक हुआ, राम मंदिर के उद्घाटन के अवसर पर ही एक लाख करोड़ से अधिक का व्यापार हो गया, अयोध्या में एयरपोर्ट बना, रेलवे स्टेशन भव्य बन गया, वहां पर मेडिकल कालेज भी विस्तृत हो रहा है तो क्या यह सब कुछ बेकार है?
आम जनमानस को अच्छी तरह से याद है कि रामपुर में का यह लोग किस प्रकार अपने चहेते आजम खां जन्म दिन मनाने जाते थे, विदेश से केक मंगाया जाता था और सैफई में कैसे वालीबुड नायिकाओं का नृत्य आयोजन किया जाता था। समाजवाद की नजर में वह सब कुछ समाजवाद था और अच्छा था।एक समय था जब समाजवादी नेता राम मनोहर लोहिया ने रामकथा का प्रचार- प्रसार प्रारम्भ किया था और आज के फर्जी समाजवादी राम मंदिर व उसकी प्राण प्रतिष्ठा ही नहीं अपितु तुलसीदास रचित रामचरित मानस व वाल्मीकि कृत रामायण को भी अपमानित करते हैं । सपा के पूर्व नेता स्वामी प्रसाद मौर्य तो रामचरित मानस जैसे पवित्र गंथ के खिलाफ हल्ला ही बोल दिए और उसकी आड़ में बेतहाशा नफरत भरी बयानबाजी कर रहे थे।
सपा, बसपा कांग्रेस के नेताओं के पास भगवान राम की प्राण प्रतिष्ठा समारोह में जाने के लिए समय नहीं है किंतु माफिया मुख्तार व अतीक के यहां जाकर फातिहा पढ़ने का समय जरूर मिल जाता है। कांग्रेस व इंडी गठबंधन के खतरनाक इरादों को ध्यान में रखते हुए ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपनी जनसभाओं में जनता से कह रहे हैं कि हम सदन में 400 सीट इसलिए चाह रहे हैं कि ताकि कांग्रेस कश्मीर में धारा 370 को फिर से न लागू करने और और सुपर कमीशन बना कर राम मंदिर का निर्णय बदलने का सपना न देख पाए।
विपक्ष के सनातन और प्रभु राम के प्रति नफरत से भरी राजनीति के कारण ही उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ व प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को राम मंदिर, हिंदू व सनातन धर्म को को लेकर आक्रामक होना पड़ रहा है। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का कहना है कि कांग्रेस ने लगातार रामभक्तों व मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम का अपमान किया है। उसका ये आचरण दिखाता है कि वह वास्तव में सनातन राष्ट्र का अपमान करती रही है। यह समय रामभक्तों के लिए अत्यंत सावधानी का समय है और उन्हें मतदान केंद्र तक पहुंचकर अपने मत का सही प्रयोग अवश्य करना चाहिए ताकि राम मंदिर पर फिर साजिश का बाबरी ताला न लग सके।