Meri Kalam Se: मेरी कलम से.....

Meri Kalam Se: मनुष्य का चरित्र विचार और आचार दोनों से मिलकर बनता है। संसार में बहुत से ऐसे लोग पाए जा सकते हैं, जिनके विचार बड़े ही उद्दात्त, महान और आदर्श पूर्ण होते हैं, किंतु उनकी क्रियाएं उनके अनुरूप नहीं होती

Update:2024-07-30 21:44 IST

Meri Kalam Se

Meri Kalam Se: केवल विचार मात्र ही मानव चरित्र के प्रकाशक प्रतीक नहीं होते। मनुष्य का चरित्र विचार और आचार दोनों से मिलकर बनता है। संसार में बहुत से ऐसे लोग पाए जा सकते हैं, जिनके विचार बड़े ही उद्दात्त, महान और आदर्श पूर्ण होते हैं, किंतु उनकी क्रियाएं उनके अनुरूप नहीं होती। विचार पवित्र हो और कर्म अपावन, तो वह सच्चरित्रता नहीं हुई। इसी प्रकार बहुत से लोग ऊपर से बड़े ही सत्यवादी, आदर्शवादी और धर्म कर्म वाले दिखते हैं, किंतु उनके भीतर कलुष पूर्ण विचारधारा बहती रहती है। ऐसे व्यक्ति भी सच्चे चरित्र वाले नहीं माने जा सकते। सच्चा चरित्रवान वही माना जाएगा और वास्तव में वही होता भी है, जो विचार और आचार दोनों को समान रूप से उच्च और पुनीत रखकर चलता है....

आचार्य डॉ प्रदीप द्विवेदी 'रमण'

(शिव साधक)

पत्रकार एवं आध्यात्मिक लेखक

पूर्व प्रदेश सचिव UP- अंतराष्ट्रीय ब्राह्मण संसद, दिल्ली

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