21वीं सदी के चोर का स्टैंडर्ड: कलेक्टर के घर चोरी करने गए चोरों की नसीहत, कहा- पैसे नहीं थे तो लॉक क्यों की अलमारी
Nitendra Verma Ki Chikoti: आज नितेद्र वर्मा की चिकोटी मध्यप्रदेश के देवास जिले में कलेक्टर के घर चोरी करने गए चोरों की है। आइए जाने क्या है ये चिकोटी।
भैया चोरों की भी अलग अलग टाइप की कैटेगरी होती है । कुछ तो टुच्चे टाइप के होते हैं औ कुछ का अपना अलग ही स्टैंडर्ड होता है। तो हमाई आज की चिकोटी अईसे ही स्टैंडर्ड चोरों की है।
तो आज चलिये एमपी के देवास। हुआ यूं कि यहां के एसडीएम साहब कुछ दिनों से छुट्टी पर चल रहे थे। अब इसकी भनक लग गई चोरों को । बस सब मिल बैठे। औ बैठे बैठे ही लाखों करोड़ों का प्लान बना डाले। फिर एक रात मौका पा के चुप्पे से घुस गए । अच्छा देखिये घुसे भी सरकारी आवास में। अब भैया सिक्योरिटी की बात न करियेगा। वो एकदम मुस्तैद थे। कम्बख्त चोर ही बिना बताए घुस गए।
घुसे तो सबसे पहिले तो अलमारी में लगा ढाई किलो का ताला तोड़े। सोचे कि इधर ताला टूटा औ उनकी आने वाली दस बारह पुश्तों की किस्मत चमकी। बड़ी मेहनत औ लगन से बिचारे ताला तोड़े। ताला टूटते ही दुई तीन तो बेहोश हुई गए। असल में ये अलमारी तो पप्पू का दिमाग निकली। कुछ तो वहीं रोना पिटना मचा दिए। जब साथी समझाएतब जा के कुछ नॉर्मल हुए।
फिर भइया मारे गुस्से के पूरा घर तितर बितर कर दिए। बेचारे चोरों की मेहनत औ शिद्दत देख के एसडीएम साहब के घर को भी तरस आ गया। तीस हजार रुपये और ज्वेलरी पा गये, लेकिन ये रकम भी उनको देख देख के मुस्किया रही थी। जब छन्नी लइके छाने तब भी इससे ज्यादा कुछ न निकला।
फिर चोरों ने एक कागज लिया औ उसे अलमारी में चिपका दिया। उसमें लिखा कि कलेक्टर साहेब जब पैसे नहीं थे तो लॉक नहीं करना था। भइया बात तो सोलह आने सही है । मल्लब ये तो उस ताले का घोर अपमान है । उसके टैलेंट के साथ सरासर अन्याय है। चोरों का टाइम वेस्ट हुआ सो अलग। औ सुनिए चोर लिखे भी साहेब के ही नोटपैड पे औ उन्ही के पेन से।
खैर जब एसडीएम साहेब घर लौटे तब इस कांड का पता चला। अब कउन किया कउन नहीं ये तो पुलिस वाले पता लगाएंगे लेकिन हमाई चिकोटी यहीं समाप्त होती है।
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