टॉमी तो सफर करेगा वो भी बिना टिकट
बस मैडम ने अपने टॉमी को बगल वाली सीट पर बैठा लिया। कंडक्टर साहब बोले टॉमी का भी टिकट लगेगा। ट्विस्ट तो आगे है
यूपी की रोडवेज़ बसों का भी अलग ही भौकाल है। अभी बीते दिनों दौड़ती जनरथ के पिछले दोनों पहिए बस छोड़ के अलग ही सफर पे निकल लिए थे अब इधर ये नया कांड हो गया।
तो चलिए आज फर्रुखाबाद। बस अपने सफर पर निकली। रास्ते में एक मोहतरमा सवार हुईं। उनके साथ उनका प्यारा टॉमी भी था। तो भैया मैडम तो सीट पर बैठ गईं। अब भला कुत्ता खड़ा रहे ये तो नाइंसाफ़ी हुई ना। बस मैडम ने अपने टॉमी को बगल वाली सीट पर बैठा लिया।
यहां तक तो सब कुशल मंगल रहा। कंडक्टर साहब बाकायदा मैडम का टिकट बनाये। यहां तक भी ठीक रहा। ट्विस्ट तो आगे है। कंडक्टर साहब बोले टॉमी का भी टिकट लगेगा। बस इतना सुनना था कि मैडम भड़क उठीं। बोली इंसानों का तो टिकट ले ही रहे हो कम से कम जानवरों को तो छोड़ दो। लेकिन भैया कंडक्टर ठहरा असली फरुखाबादी। बोला टिकट तो पड़ेगा।बस टिकट टिकट के चक्कर में दोनों भीड़ गये। बेचारा टॉमी कभी अपनी मैडम को तो कभी कंडक्टर को देखे जा रहा था। लेकिन मामला गम्भीर जान के सोचा कि दो के बीच में पड़ना ठीक नहीं। दोनों को खुद ही निपट लेने देओ। इधर सवारियों का फ्री में एंटरटेनमेंट हुआ जा रहा था। खूब जुबानी पेंच लड़ाये गये लेकिन पीछे हटने को कोई तैयार न हुआ।
कंडक्टर भी गजब का जिगरे वाला निकला। या तो न्यूज़ व्यूज नहीं देखता। वरना जो हालत लखनऊ में बेचारे सहदेव की हुई है उसे देख के कम से कम कोई भी पुरुष तो महिला से भिड़ने की गलती सपने में भी नहीं करेगा। बताइये पूरे बाइस यानि ट्वेंटी टू...हद है यार।कंडक्टर साहब जोश में आ गये। मारे गुस्से के बस थाने में खड़ी कर दिए। बोले बस तभी बढ़ेगी जब टॉमी का टिकट बनेगा। वैसे भैया इनकी जिद से ऐसा प्रतीत होता है कि जरूर टॉमी के साथ इनका एक्सपीरियंस अच्छा नहीं रहा है। या तो रास्ते में दौड़ाया है या डायरेक्ट काट खाया है।
पुलिस वाले मामला समझे फिर आनन् फानन हाथ खड़े कर दिए। बोले हमसे न हो पायेगा। आखिर अभी तक मऊज ले रहे बाकी सवारियों को ही आगे आना पड़ा।अब औरत से तो ब्रम्हा जी भी न जीत पाये तो कंडक्टर कौन से खेत की मूली है। थोड़ी ही देर में हाथ जोड़ लिए। बस फिर टॉमी आराम से इत्मीनान से चौड़े हो के सीट पे बैठा औ भी ॅज् यानी विदाऊट टिकट ।
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