सद्भावना दिवस सभी के लिए महत्वपूर्ण होना चाहिए
विश्व के सभी देश सद्भावना का प्रयास करते हैं ताकि सभी देशों के बीच में आपसी प्यार, प्रेम और शांति बनी रहे।
सद्भावना एक हिंदी शब्द है जिसका अर्थ है शांति और प्रेम सद्भावना। विश्व के सभी देश सद्भावना का प्रयास करते हैं ताकि सभी देशों के बीच में आपसी प्यार, प्रेम और शांति बनी रहे। भारत के पूर्व प्रधानमंत्री स्व. राजीव गांधी के जन्मदिन के रूप में सद्भावना दिवस को चिन्हित किया गया। इसी के साथ ही शांति बहाल करने के लिए उनकी सरकार की प्रयासों की सराहना की जाती हैं। भारत वैसे तो हमेशा शांति और सद्भावना के मूल सिद्धांतों पर चलता रहा है, लेकिन भारत की छठवें प्रधानमंत्री स्वर्गीय राजीव गांधी की दूरदर्शिता ने सैन्य तख्तापलट और आतंकी संगठनों के खिलाफ आगे बढ़कर कई देशों में शांति बहाल कराने का सराहनीय प्रयास किया था।
भारत के छठवें प्रधानमंत्री के रूप में उनका कार्यकाल 1984 से 1989 तक रहा। राजीव गांधी के नेतृत्व में सरकार ने देश और दुनिया में शांति और सद्भावना स्थापित करने के लिए एक मुखर नीति अपनाई। राजीव गांधी ने मालदीव, सेशेल्स में सैन्य तख्तापलट को सफलतापूर्वक दबाने के लिए हस्तक्षेप किया, और पड़ोसी देश श्रीलंका में आतंकवादी संगठन लिट्टे (लिबरेशन ऑफ तमिल टाइगर्स ईलम) को भी दबा दिया। 1991 में भारत में एक चुनाव अभियान के दौरान उन्हें अपनी जान गंवानी पड़ी। जब एलटीटीई अपने परित्सोध के चलते भयानक घटना को अंजाम दिया। एक आत्मघाती हमलावर ने राजीव गांधी के पैर छूने के दौरान उनके साथ-साथ खुद को भी उड़ा लिया था। राजीव गांधी ने दुनिया को परमाणु रहित व हथियारों से मुक्त बनाने के लिए संयुक्त राष्ट्र महासभा के सत्र के दौरान एक कार्य योजना की वकालत भी की थी।
बता दें कि सद्भावना दिवस पर कई कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं, जिसमें देश के पूर्व प्रधानमंत्री द्वारा शांति बहाल करने के प्रयासों को मनाने का और जनता के बीच प्रचारित करने का मुख्य उद्देश्य होता है। कांग्रेस पार्टी सांप्रदायिक सद्भावना और शांति में योगदान के लिए नागरिकों को स्व. राजीव गांधी राष्ट्रीय सद्भावना पुरस्कार भी वितरित करती है। इस पुरस्कार को 1992 में स्थापित किया गया था और इसमें 10 लाख रुपए तक का नगद इनाम भी दिया जाता है।
सद्भावना दिवस वैसे भारत का राष्ट्रीय सद्भावना दिवस हैं परंतु देश की राजनीतिक पार्टी कांग्रेस का इस दिन के लिए विशेष महत्व है। क्योंकि यह कांग्रेस के पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के जन्म दिवस के उपलक्ष्य में मनाया जाता है, लेकिन संप्रदायिक सौहार्द और शांति में विश्वास रखने वाले प्रत्येक व्यक्तियों के लिए भी यही एक महत्वपूर्ण दिवस होना चाहिए।