Sports Journalist Day: पत्रकारों की कड़ी मेहनत, पाठकों से रूबरू कराते हैं खेल जगत के अनछुए पहलू
खेल जगत के पत्रकारों की कड़ी मेहनत का नतीजा है कि वह खेल जगत के विषय में तमाम अनछुए पहलुओं को पाठकों के सामने रखकर आज हर मां-बाप के मन में अपने बच्चे को खेल कूद में भेजने से कोई कोताही नहीं बरती जाती है।
Sports Journalist Day: लोकतंत्र का चौथा स्तंभ जर्नलिज्म (मीडिया ) को कहा जाता है । जर्नलिज्म (मीडिया ) केवल एक मात्र सबसे सस्ता साधन है । जो देश दुनिया के हर क्षेत्र की ना केवल जानकारी देता है बल्कि उनकी खूबियों और बुराई को उजागर कर कर विकास व उन्नति के पथ पर मार्ग प्रतिष्ठित करता है। आज मीडिया का स्वरूप बहुत विस्तृत हो गया है जर्नलिज्म में भी विषय विशेष से महारत हासिल करके देश दुनिया में अपने विषय के बारे में जानकारी अपने पाठको तक पहुंचाता है । पत्रकारिता में वैसे अनेक विधाएं होती हैं । लेकिन कुछ विधा जैसे अपराध, प्रशासनिक, खेल जगत, सांस्कृतिक राजनीतिक, आलेख आदि प्रमुख विषय होते हैं । जिसमें पत्रकार को बहुत सावधानी व विषय पर पारंगत होना पड़ता है आज हम अंतरराष्ट्रीय खेल जगत के पत्रकार दिवस की बात करेंगे ।
किसी जमाने में खेल खिलाड़ी को निखट्टू माना जाता था परंतु यह खेल जगत के पत्रकारों की कड़ी मेहनत का नतीजा है कि वह खेल जगत के विषय में तमाम अनछुए पहलुओं को पाठकों के सामने रखकर आज हर मां-बाप के मन में अपने बच्चे को खेल कूद में भेजने से कोई कोताही नहीं बरती जाती है क्योंकि यह खेल जगत के पत्रकार ही हैं जो अनेक विधाओं के खेलों के बारे में विस्तृत जानकारी देते हैं । आयोजन से लेकर उससे होने वाले आर्थिक और सामाजिक लाभ व प्रतिष्ठा के विषय में बताते हैं साथ ही वे यह भी बताते हैं कि खेल खेलने वाला सच्चा देशभक्त भी होता है वह देश के साथ अपने समाज का एक निर्माता के रूप में उभरता है ।
दीपिका कुमारी को खेल जगत पत्रकारिता ने भारतीयों व खेल प्रेमियों से परिचय कराया
आज अब दुनिया की तीरंदाज़ी में नम्बर एक खिलाड़ी दीपिका कुमारी ने जिस तरीके से एक दिन में लगातार तीन स्वर्ण जीते हैं दुनिया को स्तब्ध कर दिया। दुनिया भर के साथ भारत की खेल जगत के पत्रकारिता ने उसको भारतीयों व खेल प्रेमियों के सामने लाया है । यहाँ मुझे लिखने में कोई गुरेज़ नही है जो सम्मान देना या दिलाना चाहिए था आज जर्नलिज्म उसमें वह चूक गया है ।
खेल जगत के पत्रकारिता में आज पत्रकारिता करना बहुत ही कठिन काम है हो गया है। पूरे विश्व में कई तरह के खेल खेले जाते हैं और इन खेलों से संबंधित हजारों तरह की प्रतियोगिताएं कई जगह होती हैं इन प्रतियोगिताओं में कई तरह के इतिहास भी रचे जाते हैं। इन प्रतियोगिताओं के संबंध में सभी तरह की जानकारी खेल प्रशंसकों को स्पोर्ट्स जर्नलिस्ट की को देने के हर छोटी व बड़ी बात का उल्लेख किये बिना पाठकों को व खिलाड़ियों ,खेल प्रशंसकों को स्पोर्ट्स जर्नलिस्ट आइंना नही देखा सकता ।
छोटा हो या बड़ा हो सभी मीडिया संस्थान में आज आज खेल पत्रकारिता का एक अलग ही विभाग है। बिना खेल खबर के वह दिन या अखबार पूरा नहीं कहलाता है ।कहीं-कहीं पर खेल विभाग को मजाक में टॉय विभाग भी कह कर बुलाते हैं। जिस तरीके से खेलों के बढ़ते हुए प्रभाव के कारण खेल पत्रकारों की मांग के अवसर भी बड़े हैं इसके पीछे एक कारण यह भी है की अनेक देशों में भारत सहित अनेक पत्र पत्रिकाएं खेल जगत के ऊपर ही निकाली जाती हैं। फ़्रांस, इटली, स्पेन, ब्रिटेन और अमेंरिका में कई ऐसे न्यूज़ पेपर मैगज़ीन है, जो केवल खेल जगत की खबरों को प्रकाशित करते है। र्देश दुनिया में अनेक खेल व खिलाड़ियों पत्रिका निम्न नाम से निकलती है
अथलोंन (Athlon Sports )–
स्पोर्ट्स इलस्ट्रेट ) Sports Illustrated )–
हूप (Hoop )-
एसपीन द मैगज़ीन (ESPN The Magazine)–
गोल्फ़ डायजेस्ट (Golf Digest )–
स्टाक (STACK )–
रनर्ज़ वर्ल्ड (Runner's World )-
स्पोर्ट्स इलस्ट्रेट किड्स (Sports Illustrated Kids )–
टेनिस (Tennis) –
स्पोर्टिंग किड्स (SportingKid )–
भारत की यह कुछ प्रमुख खेल जगत की किताबें हैं 90 मिनट, ऑटोस्पोर्ट, ऑटो इलस्ट्रेट इंडिया, fmh फिट, यूथ रनर मैगज़ीन, स्पोर्ट्स चैम्प, स्पोर्ट्स कार्ड मन्थ्ली ,फ़िटिस्ट, मोटर स्पोर्ट्स इंडिया क्रिकेट टुडे, स्पोर्ट स्टार, टेनिस, गोल्फ डाइजेस्ट इंडिया, स्पोर्ट्स बिजनेस इनसाइट, वर्ल्ड सोर्स आदि निकलती है कुछ मैगज़ीन क्रिकेट के लिए निकलती हैं जैसे- क्रिकेट टुडे, इनसाइड क्रिकेट, क्रिकेट समर गाइड, क्रिकेट वर्ल्ड कप, द क्रिकेट पेपर, हिंदी में निकलने वाली क्रिकेट मैगजीन में क्रिकेट टुडे, क्रिकेट सम्राट, सर्वोत्तम खेलयुग । इनके साथ जैसे हमने पहले भी बताया है कि हर वेबसाइट प्रिंट मीडिया में खेल जगत की खबरों के बिना अधूरा ही रहता है.
आगरा से खेल समाचार
🌹बात जब खेल जगत की और खेल समाचार पत्रिका की है, आगरा से निकलने वाले खेल समाचार का जिक्र ना करना बहुत ही बेईमानी होगा । आगरा से खेल समाचार के नाम से वर्ष 1971 से लेकर 1982 तक यह अंक लगातार निकलता रहा. आर एन आई, में रजिस्टर्ड था साथ ही इंफॉर्मेशन डिपार्टमेंट, उत्तर प्रदेश राजस्थान, मध्य प्रदेश, रेलवे बोर्ड, क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड आदि अनेक पुस्तकालय कॉलेज से अप्रूव था। और सबसे मजे की बात है आज शहर के जाने-माने पत्रकार श्री राजीव सक्सेना जी इस के प्रधान संपादक हुआ करते थे। इसका प्रकाशन भी आगरा में राजा मंडी के बल्का बस्ती में हुआ करता था। एक समय में इसकी बहुत मांग की हर स्टॉल पर बिक्री होती थी ।वर्ष 1971 से लेकर 1982 तक के खेल और खिलाड़ियों में यह काफी पॉपुलर थी अगर उनसे जिक्र करने पर आज भी उसकी वह सुखद यादें बताते हैं।खेल पत्रकारिता में स्वर्णाक्षर में लिखा हुआ है इसका इतिहास ।🌹
वर्ल्ड स्पोर्ट्स पत्रकारिता
मीडिया के सदस्यों के द्वारा इस दिन को उनके द्वारा खेल जगत में किए गए उत्कृष्ट प्रयासो को सहरना करने और अपने साथियों के अच्छे कामो के लिए प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से मनाया जाता है, ताकि वे अपने काम के प्रति उत्साहित होकर और अधिक लगन से अपना कार्य कर सके। खेल मीडिया सदस्यों को विश्व में होने वाले खेलों को विश्व शांति के एक हथियार के रूप में उचित और निष्पक्ष रूप से देखा जाता हैं । वर्ल्ड स्पोर्ट्स पत्रकारिता के सदस्यों का यह उत्तरदायित्व है, कि वह विश्व के सामने एक उदाहरण प्रस्तुत करे। एक स्पोर्ट्स जर्नलिस्ट न केवल खेल जगत के उत्थान के लिए अपितु विश्व शांति, संस्कृति और अच्छे कार्यो के लिए भी उत्तरदाई होता है।
स्पोर्ट्स जर्नलिस्ट डे का इतिहास
वर्ल्ड स्पोर्ट्स जर्नलिस्ट डे का आरंभ उस वक़्त हुआ, जब बहुत सारे स्पोर्ट्स जर्नलिस्ट एक खेल प्रतियोगिता के दौरान एक साथ, एक जगह एकत्रित हुए थे। वर्ल्ड स्पोर्ट्स (पत्रकारिता )जर्नलिस्ट डे के संदर्भ में पहली बातचीत 1920 में हुये ओलंपिक खेलों के समय शुरू हो गयी थी. स्पोर्ट्स मीडिया की जरूरत और इसके लिये कई सारी प्लानिंग पहली बार इसी समय इसी खेल प्रतियोगिता के समय की गयी थी। कुछ वर्षो पश्चात अंतराष्ट्रीय खेल संगठन के द्वारा वर्ल्ड स्पोर्ट्स जर्नलिस्ट डे की घोषणा 1924 में पेरिस में आयोजित ओलंपिक खेलों के दौरान की गई थी। यहीं फ्रांस के स्पोर्टिंग क्लब का मुख्यालय भी स्थित है।
वर्ल्ड स्पोर्ट्स जर्नलिस्ट डे खेलों और खिलाड़ियो को बढ़ावा देने और स्पोर्ट्स जर्नलिस्ट के द्वारा दी गयी सेवाओं को चिन्हित करने के उद्देश्य से 2 जुलाई को सेलिब्रेट किया जाता है। सन 1924 को पेरिस ओलंपिक के समय अंतराष्ट्रीय खेल समिति द्वारा इस दिन को "वर्ल्ड स्पोर्ट्स जर्नलिस्ट डे" रूप में घोषित किया गया था, तभी से आधिकारिक रूप से इस दिन को सेलिब्रेट किया जाता है।
सन 1950 से 1960 के दौरान स्पोर्ट्स मीडिया के प्रिंट मीडिया और ब्रोडकास्ट मीडिया दोनों क्षेत्रों में तेजी से विकास हुआ।इस समय स्पोर्ट्स के क्षेत्र में स्पेशलिस्ट न्यूज़ और लाईव फोटोग्राफी और कवरेज़ का भी विकास हुआ।सन 1990 के समय बढ़ती प्रगति के चलते स्पोर्ट्स मीडिया ने विश्व स्तर पर अपनी पहचान बना ली । ओलंपिक जैसी उत्सव और अच्छे अनुभव प्राप्त पत्रकारिता को जर्नलिज़्म संगठन के द्वारा मुख्यतः दो अवार्ड शो आयोजित किए जाते है-
इस संगठन के द्वारा आयोजित पहला अवार्ड उस पुरुष और महिला खिलाड़ी को दिया जाता है, जिसने पिछली प्रतियोगिता में अच्छा प्रदर्शन किया है। इस संगठन के द्वारा आयोजित दूसरा अवार्ड ब्रिटिश स्पोर्ट्स जर्नलिज़्म अवार्ड है। इस इवैंट के मुख्य स्पोन्सर यूके स्पोर्ट्स है और इसे हर साल मार्च में आयोजित किया जाता है।
हमें स्पोर्ट्स जर्नलिस्ट का शुक्रिया अदा करना चाहिये, क्यूँकि उनकी मुस्तैदी, निष्पक्षता और प्रतिभा की ही बदौलत हम हर खेल की हर जानकारी प्राप्त कर पाते है और खेल के संबंध में अपनी चॉइस और राय बना पाते है।