विश्व स्वास्थ्य दिवस: स्वस्थ जीवन से बड़ी कोई पूंजी नहीं

7 अप्रैल को विश्व स्थापना दिवस के रूप में मनाने का निर्णय लिया। भारत में WHO का कार्यालय राजधानी दिल्ली में स्थित है।

Written By :  rajeev gupta janasnehi
Published By :  Ashiki
Update:2021-04-06 19:18 IST

फाइल फोटो 

मानव का मौलिक अधिकार उसे अच्छी स्वास्थ्य सेवा उसके देश की सरकार द्वारा दी जाये। इस मौलिक अधिकार व मानव की स्वास्थ की देखभाल के लिए विश्व में एक स्वास्थ्य संगठन ,संयुक्त राष्ट्र संघ की एक अनुवांशिक इकाई के रूप में विश्व स्वास्थ्य संगठन(डब्ल्यूएचओ) के नाम से स्थापित किया। यह स्वास्थ्य संगठन विश्व के मानव के स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं व देशों के आपसी तालमेल व मानक स्थापित करने व विकसित करने का काम इस संस्था द्वारा बिना जाति ,बिना धर्म ,बिना राजनीतिक प्रभाव ,आर्थिक या अन्य किसी भी प्रकार के बिना भेदभाव के मानव कल्याण के लिए कार्य करती हैं।

विश्व स्वास्थ्य संगठन का परिचय

विश्व स्वस्थ संगठन( डब्ल्यूएचओ)की स्थापना 7 अप्रैल 1948 को हुई थी। इसका मुख्यालय स्विट्जरलैंड के जिनेवा शहर में है। डब्ल्यूएचओ की स्थापना के समय इसके संविधान पर 61 देशों ने हस्ताक्षर किए थे। आज संगठन के 193 देश सदस्य के रूप में व दो एफिलेटेड सदस्य हैं। डब्ल्यूएचओ की पहली बैठक 24 जुलाई 1948 को हुई थी। संयुक्त राष्ट्र सभा में वर्ष 1950 में पूरे विश्व में डब्ल्यूएचओ की स्थापना यानी 7 अप्रैल को विश्व स्थापना दिवस के रूप में मनाने का निर्णय लिया। इस वर्ष 72 वाँ दिवस है। भारत में भी विश्व स्वास्थ्य संगठन का कार्यालय राजधानी दिल्ली में स्थित है।

विश्व स्वस्थ संगठन का कार्य

हाल में पूरे विश्व ने कोरोना 19 की महामारी का दंश देखा जो अभी निरंतर जारी है| ऐसे समय पर यही डब्ल्यूएचओ ने आगे आकर किस तरीके से सभी देशों में तालमेल ,दवाइयों का विकास और कैसे कोविड-19 से लड़ा जाए के लिए अपने कार्य से व अपनी कार्यकुशलता को जनमानस को ना केवल समझा दिया बल्कि कोरोना महामारी पर विजय प्राप्त करने में काफी हद तक सफलता हासिल की जो लगातार जारी है। डब्ल्यूएचओ ने अपनी स्थापना के तुरंत बाद स्मॉल पॉक्स (चेचक ) महामारी को खत्म करने के लिए बड़ी भूमिका निभाई थी। डब्ल्यूएचओ ने एड्स ,इबोला और टीवी जैसी खतरनाक बीमारियों की रोकथाम पर काम किया और अच्छा स्वास्थ्य रहे उसपर लगातार काम जारी रहता है।

वर्ष 1958 में चेचक उन्मूलन पर लगातार काम करके वर्ष 1977 में बड़ी सफलता हासिल की और लगभग पूरी दुनिया में चेचक के टीके लगा कर चेचक को खत्म कर दिया था। 1980 में वैश्विक चेचक उन्मूलन प्रमाणन आयोग ने चेचक के नियमित टीकाकरण के काम को रोकने की सिफारिश की क्योंकि दुनिया से करीब करीब चेचक का सफाया हो चुका था| विश्व स्वस्थ संगठन में 1970 में परिवार नियोजन, बच्चों की रोग विरोधी क्षमता बढ़ाने के लिए 1974 में टीकाकरण कार्यक्रम ,1987 में प्रसूता मृत्यु दर को कम करने के लिए कार्यक्रम, 1988 में पोलियो उन्मूलन और 1990 में जीवन शैली से होने वाली बीमारी को रोकने के लिए अभियान चलाया।

वर्ष 1992 में डब्ल्यूएचओ ने पर्यावरणीय सुरक्षा के लिए पहल की ,1993 में एचआईवी एड्स को लेकर संयुक्त राष्ट्र के साथ मिलकर कार्यक्रम शुरू किया। उस प्रोग्राम में एड्स पर डब्ल्यूएचओ के चल रहे वैश्विक प्रोग्राम की जगह ले ली ।इस प्रकार समय-समय पर अनेक स्वस्थ संबंधी महामारीयों को रोकने और उनसे लड़ने का तमाम काम डब्ल्यूएचओ के माध्यम से ही संभव हो सका है जो निरंतर जारी हैं। डब्ल्यूएचओ ने अनेक बीमारियों के लिए काम किया है। सबका ज़िक्र करना संभव नही है। डब्ल्यूएचओ की रिपोर्ट एक वर्ल्ड हेल्थ रिपोर्ट के लिए जिम्मेदार होता है जिसमें पूरी दुनिया से जुड़े स्वास्थ संबंधी परेशानियों का एक सर्वेक्षण होता है और उस सर्वेक्षण के मुताबिक डब्ल्यूएचओ अपने गाइडलाइन के माध्यम से सभी देशों को उस बीमारी से लड़ने के लिए ,जीत पाने के लिए व रोकथाम के लिए समय-समय पर अपने सदस्य देशों के साथ मिलकर उस पर काम करता रहता है।

दिवस का उद्देश

विश्व स्वास्थ्य संगठन का कार्य बिना जाति बिना धर्म बिना राजनीतिक प्रभाव आर्थिक अन्य किसी भी प्रकार के बिना भेदभाव के मानव कल्याण के लिए कार्य करती है। इसका एकमात्र उद्देश है कि विश्व में सभी को अच्छा स्वास्थ्य मुहिम कराया जाए जोकि मानव का हर देश में मौलिक अधिकार है।

थीम

विश्व स्वस्थ संगठन की 2021 की थीम है पूरे विश्व में एक निष्पक्ष स्वस्थ दुनिया का निर्माण करना  (building a fairer a healtrier world ) इस बार की थीम बहुत महतपूर्ण है यह इसी बात से अंदाजा लगाया जा सकता है। आज कोरोना महामारी की वैक्सीनेशन सभी के लिए निशुल्क उपलब्ध है इसके अलावा भी अगर कोई व्यक्तिगत अस्पताल में लगवाता है तो मात्र 250₹ में हर जगह उपलब्ध है| निश्चित रूप से यह इस वर्ष की थीम को सत्यापित करती है।

आज क्या प्रोग्राम होगा

विश्व संगठन दिवस पर तमाम देशों के चिकित्सक संगठन ,सरकार के अस्पताल ,सामाजिक संस्थाएँ व चिकित्सा मंत्रालय तमाम स्वास्थ्य संबंधी निशुल्क जांच व दवाई देते हैं ।रोग के विषय जानकारी के साथ रोकथाम के लिए सलाह देते है। जगह-जगह सेमिनार करते हैं।

आगरा चिकित्सा व सामाजिक सेवा के दृष्टिकोण से एक समृद्धशाली शहर है| आगरा के तमाम चिकित्सक संगठन, अस्पतालों व सरकारी अस्पतालों द्वारा सामाजिक संस्थाओं के साथ मिलकर आज के दिन अनेक प्रकार के कैंप लगाकर निशुल्क जांच की जा रही है। साथ ही अनेक वेबीनार के माध्यम से मरीजों को आने वाली स्वास्थ्य संबंधी समस्या से ना केवल अवगत कराया जा रहा है बल्कि उसकी रोकथाम के उपाय भी बताए जा रहे हैं। नोएडा में दो डोज़ लगवा चुके स्वास्थ्य कर्मचारी व अग्रिम पंक्ति के कर्मचारियों के लिए लकी ड्रा के माध्यम से पुरस्कृत किया जाएगा। यह लकी ड्रॉ 18 जनवरी से 3 अप्रैल तक दोनों डोज़ ले चुके कर्मचारी शामिल होंगे| 7 अप्रैल को यानी आज के दिन प्रशासनिक अधिकारी विजेताओं को ₹2000 देकर सम्मानित करेंगे।

Health is wealth

किसी ने सच कहा है सबसे बड़ी पूंजी स्वास्थ होती है |बड़े बुजुर्ग आज भी कहते है स्वस्थ जीवन से बड़ी कोई पूँजी नहीं है यही मूल मंत्र है विश्व स्वस्थ सगंठन का हेल्थ इज वेल्थ .विश्व स्वास्थ्य संगठन की इस वर्ष के विषय एक निस्पक्ष व स्वस्थ दुनिया का निर्माण कर रहे हैं और आगे भी करते रहेंगे। (डब्ल्यूएचओ की इस मंशा को लगातार जारी रखेंगे) इन सभी ज़ो इस पेशे से जुड़े हुए फ्रंटलाइन कर्मचारियों के साथ चिकित्सकों को, संगठनों को बहुत-बहुत बधाई व शुभकामनाएं।

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