Career in Yoga: योग विद्या से भी हो सकता है भविष्य निर्माण

Career in Yoga: आजकल पांच सितारा होटलों में योग शिक्षकों (yoga teachers) की मांग निरंतर बढ़ रही है। इन होटलों में योग सिखाने वाले व्यक्तियों को अच्छी तनख्वाह मिलती है।

Written By :  Sarojini Sriharsha
Published By :  Shashi kant gautam
Update:2022-05-18 15:48 IST

International yoga Day 2022: Photo - Social Media

Career in Yoga: योग (Yoga) एक ऐसी कला है जो मानव जीवन (human life) को व्यवस्थित करने की शिक्षा देती है। इस विद्या के प्रयोग से तन मन स्वस्थ एवं संतुलित होता है। हमारे ऋषि मुनियों ने पशु पक्षियों को निकटता से देखकर यह अनुभव किया कि प्रकृति की गोद के विचरण करने वाले जीव स्वस्थ एवं व्यवस्थित जीवन व्यतीत करते हैं। उन्हीं के नाम पर फिर उन मनीषियों ने कुछ व्यायामों (exercises) को जोड़ा जिन्हे हम योगासन (Yogasana) के विभिन्न नामों से जानते हैं। जिन रोगों का निवारण डॉक्टर और वैद्यों के पास नहीं है, उन्हें योगिक आसनों के अभ्यास से समूल नष्ट किया जा सकता है। योगिक अभ्यास को यदि हम अपने जीवन में अंगीकार कर लें तो फिर रोगी होने का सवाल ही नहीं उठता।

योग एक ऐसी विद्या है जिसको अपनाकर बच्चे, बड़े, बूढ़े, स्त्री-पुरुष सभी लाभ उठा सकते हैं। आजकल बढ़ते तनाव और भाग दौड़ की वजह से लोग चिकित्सा एवं प्रशिक्षण शिविरों (training camps) के शामिल होकर रोग मुक्त (disease free) होने का प्रयास कर रहे हैं। वैसे योग की परंपरा हमारे देश में प्राचीन काल से प्रचलित है। हमारे ऋषि मुनीगण योग द्वारा ही वर्षों तक स्वस्थ और सुखी जीवन व्यतीत करते थे। इसी कारण आज लोग इसे उत्तम स्वास्थ का उपयुक्त नुस्खा मानने लगे हैं।


योग विशेषज्ञों की है काफी मांग

एक ओर जहां उत्तम स्वास्थ के लिए योग आवश्यक है वही एक सफल रोजगार के रूप में भी इसे अपनाया जा सकता है। आज हर जगह योग की शिक्षा एवं प्रशिक्षण देने हेतु, योग विशेषज्ञों (yoga experts) की काफी मांग है। करियर की दृष्टि से यह एक ऐसा क्षेत्र है जहां भारी भरकम डिग्री की कोई आवश्यकता नहीं है। जो लोग १२वीं कक्षा या इसके समकक्ष परीक्षा उत्तीर्ण हैं उनके लिए हमारे यहां कई संस्थानों में उत्तम शिक्षण की सम्यक व्यवस्था है।

इसके अंतर्गत प्रमाण पत्र, डिप्लोमा, स्नातकोत्तर स्तर तक की ही शिक्षा प्राप्त की जा सकती है। डिप्लोमा पाठ्यक्रम मुख्यरूप से लगभग हर जगह चलाये जा रहे हैं। योग शिक्षा के प्रमुख संस्थान इस प्रकार हैं:

-केन्द्रीय योग अनुसंधान संस्थान, अशोक रोड , नई दिल्ली-110001

- योग साधना केंद्र, भारतीय विद्या भवन, नई दिल्ली -110001

-भारतीय योग संस्थान, शालीमार बाग, दिल्ली-52

-कृष्ण दत्त स्वास्थ्य केंद्र, देशराज परिसर, ईस्ट ऑफ़ कैलाश, नई दिल्ली-110065

-योग मंदिर, महारानी बाग, नई दिल्ली-110065

-आश्रमयोग साधना केंद्र, यूनिवर्सिटी मार्ग, बापू नगर, जयपुर, राजस्थान

-प्राकृतिक जीवन केंद्र, स्वास्थ्य आश्रम पट्टी कल्याण, ज़िला पानीपत हरियाणा

इसके अतिरिक्त निम्नलिखित विश्वविद्यालयों में भी योग विद्या के पाठ्यक्रम चलाए जाते हैं:-

- लखनऊ विश्वविद्यालय, लखनऊ

- बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय, वाराणसी

- पंजाब विश्वविद्यालय, चंडीगढ़

-कर्नाटक विश्वविद्यालय पावती नगर, धारवाड़, कर्नाटक

- सागर विश्वविद्यालय, सागर, मध्यप्रदेश

- शिवाजी विश्वविद्यालय, विद्यानगर, कोल्हापुर

- उस्मानिया विश्वविद्यालय, हैदराबाद

- जादवपुर विश्वविद्यालय, कोलकाता

आजकल पांच सितारा होटलों में योग शिक्षकों (yoga teachers) की मांग निरंतर बढ़ रही है। इन होटलों में योग सिखाने वाले व्यक्तियों को अच्छी तनख्वाह मिलती है।


एक योग प्रशिक्षक अच्छी आय अर्जित कर सकता है

हेल्थ क्लबों की संख्या हमारे देश में आज तेजी से बढ़ती जा रही हैं जहां योग अध्यापकों की बराबर मांग रहती है। योग प्रशिक्षक की कक्षाएं किसी निश्चित स्थान पर आयोजित करके एक योग प्रशिक्षक अच्छी आय अर्जित कर सकता है। योग प्रशिक्षक कई लोगों को निजी तौर पर भी योग सीखा सकते हैं। अनेक वृद्ध, बीमार एवं विकलांग व्यक्तियों को नियमित योगाभ्यास करने हेतु भी प्रशिक्षण की बराबर मांग रहती है।

योग के आचार्यों द्वारा विभिन्न प्रकार के आसन एवं मुद्राओं की शिक्षा प्रशिक्षण के रूप में दी जाती है। योग के उपरांत पानी से नाक की सफाई, पानी पीना एवं नेती क्रिया नाक के एक छेद से पानी अंदर लेकर दूसरे छेद से पानी बाहर निकालने की क्रिया सिखलाई जाती है।

इन बीमारियों के सफल इलाज का प्रशिक्षण

योग के प्रशिक्षण में आने वाले मरीजों को योग विद्या द्वारा बिना किसी दवा के गैस, आंख, नाक, कान, गला पीठ दर्द, रक्तचाप, मानसिक तनाव, शारीरिक दुर्बलता, मधुमेह, साइटिका के दर्द, गठिया आदि बीमारियों के सफल इलाज का प्रशिक्षण दिया जाता है।

तनाव को दूर करने हेतु योग की शिक्षा

आजकल विशेष रूप से कार्यालयों एवं अन्य संस्थानों में कार्य करने वाले लोग मानसिक तनाव को दूर करने हेतु योग की शिक्षा पाने हेतु अच्छे प्रशिक्षण की बराबर तलाश में रहते हैं। अतः गैर सरकारी संस्थाओं में नौकरी तलाशने की बजाय स्वरोजगार के अनेकों सुंदर अवसर उपलब्ध हैं।

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