क्यों यूपी लोकसभा चुनाव में भरेगा भाजपा की झोली

योगी आदित्यनाथ की अगुवाई में यूपी भाजपा का अभेद्य किला बनकर उभरा है । 2019 में हुए पिछले लोकसभा चुनाव में भाजपा ने सूबे की 80 में से 64 सीटें अकेले दम पर जीत ली थीं।

Written By :  RK Sinha
Update:2024-02-27 18:39 IST

पीएम नरेंद्र मोदी-सीएम योगी आदित्यनाथ: Photo- Social Media

Lok Sabha Election 2024: अब कुछ हफ्तों के बाद ही देश में लोकसभा चुनावों की घोषणा हो जाएगी। पर उत्तर प्रदेश (यूपी) को छोड़कर देश के लगभग सभी राज्यों की लोकसभा सीटों के लिए कांटे की टक्कर होने की संभावना है । लेकिन, उत्तर प्रदेश की सभी 80 सीटों पर नतीजे कुल मिलाकर लगभग तय हैं। यह बात उत्तर प्रदेश के शिखर सियासी नेताओं से लेकर आम इंसान तक को भलीभांति यह पता हैं। कभी जंगलराज, भाई भतीजावाद, भ्रष्टाचार से जूझने वाला यूपी अब भारी-भरकम मोटा निवेश भी खींच रहा है। सात साल पहले तक तो यूपी की गिनती बीमारु राज्यों में होती थी,  लोग मजाक में यू.पी. को उल्टा प्रदेश भी कहते थे। लेकिन, आज यूपी की पहचान देश के  खेलों में बेहतर प्रदर्शन करने वाले राज्य के रूप में भी होने लगी है।

यूपी में चौतरफा विकास, बीजेपी को लोकसभा चुनाव में कितना मिलेगा फायदा

यूपी आज विकास की असीमित संभावनाओं के प्रदेश के रूप में स्थापित हो चुका है। यूपी देश की जीडीपी में  हिस्सेदारी के मामले में महाराष्ट्र के बाद उत्तर प्रदेश दूसरे अब नंबर पर है। देश में सर्वाधिक जीएसटी पंजीकृत व्यापारियों की संख्या के मामले में भी आज यूपी अव्वल है। राज्य में डिजिटल लेनदेन में एक साल में तीन गुना की बढ़ोत्तरी हुई है। यही नहीं राज्य में डीमैट खातों की संख्या में भी सकारात्मक बढ़ोत्तरी हुई है।

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आज अगर यूपी में चौतरफा विकास हो रहा है, तो इसका मुख्य श्रेय मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को ही जाता है। देश की  यूपी की सियासी अहमियत निर्विवाद है। यहां पर भाजपा का प्रदर्शन लगातार सुधर ही रहा है। पिछले विधानसभा चुनाव में भाजपा ने अपनी जीत को दोहराया ही नहीं है, वह लगातार विपक्ष की राजनीतिक जमीन को कमजोर भी कर रही है। कभी मंडल औऱ कमंडल  की राजनीति का गढ़ रहा यह प्रदेश मंदिर का घंटा और सख्त कानून व्यवस्था का डंडा एक साथ बजा रहा है। यूपी में आगामी लोकसभा चुनाव में विपक्ष के लिए कोई बहुत अवसर नहीं हैं। 

योगी आदित्यनाथ की अगुवाई में यूपी भाजपा का अभेद्य किला बनकर उभरा है । 2019 में हुए पिछले लोकसभा चुनाव में भाजपा ने सूबे की 80 में से 64 सीटें अकेले दम पर जीत ली थीं। इसी तरह वर्ष 2022 में हुए विधानसभा चुनाव में भी भाजपा ने अकेले दम पर कुल उत्तर प्रदेश विधान सभा की 403 सीटों में से 225 सीटें जीत कर उत्तर प्रदेश की सत्ता में धमाकेदार वापसी की। अपने सहयोगियों के साथ भाजपा की सीटों का आंकड़ा 272 तक पहुंच गया। इस जीत ने योगी आदित्यनाथ की लोकप्रियता को एक प्रकार से प्रतिष्ठित कर दिया। बेशक अब लोकसभा चुनाव में भी यूपी भरेगा भाजपा की झोली। 

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यूपी का मतलब है अनलिमिटेड पोटेंशियल- योगी आदित्यनाथ

योगी आदित्यनाथ ने हाल ही में यूपी का नया फुल फॉर्म भी बताया। वे कहते हैं कि यूपी का मतलब है अनलिमिटेड पोटेंशियल।  बीते दिनों ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट 2024 के ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी के दौरान मुख्यमंत्री योगी के अलावा पीएम मोदी भी लखनऊ में थे। इस दौरान  योगी आदित्यनाथ ने कहा, देश और दुनिया के उद्योग जगत ने हम पर और हमारी नीतियों पर विश्वास जताया। उत्तर प्रदेश को अबतक लगभग 40 लाख करोड़ के निवेश प्राप्त हो चुके हैं और आते ही चले जा रहे हैं । इन्ही प्रयासों को धरातल पर उतारने का आज उत्सव है। नया उत्तर प्रदेश उत्तम प्रदेश से अब उद्यम प्रदेश बनकर भारत के ग्रोथ इंजन के रूप में विकसित उत्तर प्रदेश बनने की ओर अग्रसर है। पिछले 7 वर्षों में यूपी में निवेशकों के लिए अनुकूल वातावरण बनाने की दिशा में कई प्रयास किए गए हैं। 

यूपी पर नजर रखने वालों को पता है कि राज्य में निवेश तो आ ही  रहा है। साथ ही सरकार की तरफ से यह भी कोशिशें हो रही हैं ताकि कभी अपनी कपड़ा मिलों और मजदूरों के लिए मशहूर रहे कानपुर को फिर से उसका पुराना गौरव मिल जाए। कानपुर में आईटी सेक्टर के अलावा इलेक्ट्रानिक सामान और आटोमोबाइल सेक्टर से जुड़े उत्पादों का उत्पादन करने की पर्याप्त संभावनाएं हैं। कानपुर से देश के उत्तर, पूर्व तथा पश्चिम राज्यों के बाजारों में पहुंचने की सुविधा है। कानपुर में  आटो और आटो पार्ट्स की अनेक इकाइयां खड़ी हो सकती हैं। चूंकि राज्य  सरकार अपने यहां आने वाले निवेशकों को टैक्स में भी छूट दे रही है, इसलिए कानपुर में निजी क्षेत्र के निवेश का होना तय है। गुस्ताखी माफ, कुछ साल पहले तक किसने सोचा था कि यूपी खेलों के क्षेत्र में भी अपनी पहचान बनाने लगेगा। जरा याद करें चीन के हांगझोऊ शहर में हुए एशियाई खेलों को। भारत के पदकों का शतक पूरा कराने में उत्तर प्रदेश के खिलाड़ियों का अहम योगदान रहा है।एशि‍याई खेलों के महाकुंभ में पहली बार यूपी से कुल 36 एथलीटों ने अपनी चमक दिखाई। इन खिलाड़ियों ने सात स्वर्ण, आठ रजत और आठ कांस्य पदक जीतकर इतिहास रच दिया।

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यूपी के खि‍लाड़ियों ने लगाई पदकों की झड़ी

यह पहला मौका था जब यूपी के खि‍लाड़ियों की झोली में इतने सारे पदक आए हों। इससे पहले 2018 के जकार्ता और 2014 के इंचियॉन (दक्षिण कोरिया) में उत्तर प्रदेश के खि‍लाड़ियों ने 11-11 पदक ही जीते थे। उत्तर प्रदेश की खेल राजधानी के नाम से प्रसिद्ध मेरठ जिले के खि‍लाड़ियों ने सबसे चौंकाने वाला प्रदर्शन किया है। एशियाई खेलों में पश्चिमी उत्तर प्रदेश के 13 एथलीटों ने भारत का प्रतिनिधित्व किया। इनमें से छह मेरठ जिले से हैं और चार ने दो स्वर्ण सहित पांच पदक जीते हैं।

बेशक, खेलों में यूपी के बढ़ते कदम साफ संकेत हैं कि राज्य को अब विकास का रास्ता मिल गया है। जिस राज्य में खेलों का स्तर सुधर रहा है, समझ लें कि उस राज्य का विकास हो रहा है। जिस यूपी से कुछ साल पहले तक कोई सुकून भरी खबर आती ही नहीं थी वहां से सकारात्मक खबरों का आना सुखद है। यूपी से अब दंगा-फसाद या गैंग वार की खबरें नहीं आती। अब वहां के सरकारी दफ्तरों में काहिल बाबुओं के लिए कोई जगह नहीं बची है। यूपी की विकास यात्रा से पड़ोसी बिहार को भी सबक लेना होगा। तो अगर यूपी बदल रहा है तो साफ है कि वहां की जनता के चेहरे पर खुशी को पढ़ा जा सकता है। इस बदलाव के पीछे योगी आदित्यनाथ का कुशल नेतृत्व है। बदलता-आगे बढ़ता यूपी अपना फैसला लोकसभा चुनाव के वक्त दे देगा। हालांकि उस नतीजे का सबको पता है।

(लेखक वरिष्ठ संपादक, स्तंभकार और पूर्व सांसद हैं)

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