साहेब ! मुजफ्फरनगर आप पर तो सहारनपुर कांड भाजपा सरकार पर सबसे बड़ा काला धब्बा

Update: 2017-05-24 13:08 GMT

लखनऊ : यूपी का देश की राजनीति में एक चलन बन गया है, कि अपने दाग छुपा के दूसरों के ऊपर कीचड़ उछाल दो। कुछ ऐसा ही समाजवादी पार्टी भी कर रही है। इनपर मुजफ्फरनगर दंगों के दाग हैं, लेकिन ये सहारनपुर की बात कर रहे हैं, सरकार को घेर रहे हैं। हम ये नहीं कहते, कि ये सही है या गलत है, लेकिन अपने कुकर्मों पर भी तो जवाबदेही होनी चाहिए। फिलहाल आप पढ़िए क्या कहती है सपा।

समाजवादी पार्टी के मुख्य प्रवक्ता राजेंद्र चौधरी ने कहा है, कि उत्तर प्रदेश में भाजपा की सरकार बनते ही अराजक तत्वों की बन आयी है। रोजाना हत्या, लूट, डकैती, बलात्कार की घटनाएं हो रही है। गरीब तबाह हो रहे हैं। भाजपा के मंत्री, विधायक अहंकार में चूर हैं। और कानून व्यवस्था के लिए खुद ही चुनौती बन रहे हैं। महिलाएं असुरक्षित है। भाजपा सरकार के 60 दिनो में ही दलितों का सर्वाधिक उत्पीड़न होने लगा है। मुख्यमंत्री जी ने असमाजिक तत्वों को जो चेतावनी दी उसका कोई डर कहीं दिखता नहीं है।

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सहारनपुर कांड भाजपा सरकार पर सबसे बड़ा काला धब्बा है। आजादी के 70 वर्ष में दलित आत्म सम्मान के साथ जीने से वंचित है और उन्हें पलायन तथा धर्म परिवर्तन के लिए भी विवश होना पड़ रहा है। क्षेत्र में हिंसा पर नियंत्रण नहीं हो पा रहा है। तलवार और दूसरे घातक शस्त्रों का इस्तेमाल हो रहा है। परिवार दहशत में है। कम से कम सहारनपुर में तो पूरी प्रशासनिक व्यवस्था विफल हो गयी है।

यह स्थिति लोकतंत्र एवं धर्मनिरपेक्षता के लिए भी खतरा है। यह खतरा तब और भी बढ़ जाता है जब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ गर्व से कहते हैं कि प्रदेश में विपक्ष का वजूद नहीं बचा है। भाजपा-आरएसएस अपने सभी विरोधियों का वजूद मिटाने की साजिशों में लगा हैं। जब लोकतंत्र कमजोर होता है तो अराजकता का साम्राज्य व्याप्त हो जाता है। भाजपा राज में कुछ ऐसा ही होता दिखाई देता है जिसमें लोकतंत्रिक व्यवस्था को कमजोर करने की साजिश की जा रही है।

समाजवादी पार्टी सहारनपुर घटना की कड़ी निंदा करती है। और मांग करती है कि पीड़ित परिवारों को तत्काल मुआवजा एवं सुरक्षा दी जाए और वहां उपद्रव में शामिल एवं भड़काने वालों के विरूद्ध सख्त कार्यवाही हो।

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