यूपी में बदल रहा है दलित राजनीति का रुख, अंबेडकर के सहारे बीजेपी !

Update: 2017-04-14 10:55 GMT

लखनऊ : यूपी में अंबेडकर के नाम पर होने वाली राजनीति का कलेवर बदलने लगा है। लखनऊ में इस की ताज़ा तस्वीर देखने को मिली जब अंबेडकर जयंती के मौके पर राज्यपाल और सीएम एक ही मंच पर नज़र आये। क्योंकि पिछले कई वर्षों से इस तरह का नज़ारा देखने को नहीं मिला था। इस मौके पर जहा सीएम ने दलितो के लिए काम करने का दावा किया, वहीँ राज्यपाल ने एमएलसी को लेकर पूर्व में हुए विवाद की चर्चा कर संविधान और डा भीमराव अंबेडकर का ज़िक्र किया है। और कहा कि उन्होंने जेल में बंद क़ैदियों को एमएलसी नहीं बनने दिया। इस बीच सीएम ने महापुरुषों के नाम पर होने वाली छुट्टियां रद्द करने का एलान कर दिया।

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राज्यपाल रामनाईक ने अंबेडकर की 126वी जयन्ती के मौके पर पूर्व की अखिलेश यादव सरकार पर निशाना साधा। अंबेडकर महासभा पहुंचे राज्यपाल ने संविधान और अंबेडकर के ज़रिये मिले अपने अधिकार का ज़िक्र करते हुए, पूर्व की अखिलेश यादव सरकार को निशाने पर लिया। उन्होंने कहा पढ़े लिखे साहित्यकार, कलाकार, समाजसेवी को विधान परिषद भेजा जाना था। लेकिन जेल में बंद कैदियों को एमएलसी और आयोग में भेजे जाने की कोशिश हुई हम ने मना कर दिया।

नाईक तो पहले भी अंबेडकर जयंती में पहुँचते रहे हैं, लेकिन सीएम आदित्यनाथ पहली बार अंबेडकर महासभा पहुंचे थे। इस मौके पर सीएम ने एक तरफ जहाँ दलितों और पिछड़ों के लिए पीएम के काम का ज़िक्र किया। तो वही ये भी कहना नहीं भूले की क़ानून व्यवस्था या फिर अछूत की राजनीति अब यूपी में नहीं चलेगी। और ना ही जाति मज़हब के नाम पर किसी को परेशान किया जाएगा।

सीएम ने इस मौके पर जनधन योजना को दलितों के लिए सम्मान देने वाली योजना बताया। उन्होंने कहा इस योजना के तहत 25 करोड़ नए खाते खोले गए। इस योजना के बाद दलितों को किसी भी योजना में मिलने वाला चेक उन के एकाउंट में जमा हो जाता है। पहले अपमानित होना पड़ता था।

इस दौरान सीएम ने दलित छात्रों को स्कूल बैग, 2 जोड़ी ड्रेस, जूता देने का एलान किया। तो वही पढ़ाई के लिए वज़ीफ़ा दिए जाने की घोषणा की। इस मौके पर सीएम ने महापुरुषों के नाम पर होने वाली छुट्टियों को लेकर भी बड़ा एलान किया है।

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