Akhilesh Yadav News: महाकुम्भ का वीडियो ट्वीट कर सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने सरकार से रखी तीर्थयात्रियों के लिए भोजन की व्यवस्था की मांग

Akhilesh Yadav Ka Bayan: समाजवादी पार्टी के राष्‍ट्रीय अध्‍यक्ष और पूर्व मुख्‍यमंत्री अखिलेश यादव महाकुंभ को लेकर ट्वीट किया है।;

Update:2025-01-14 11:15 IST

Samajwadi President Akhilesh Yadav Demands Yogi Government Arrangement Mahakumbh Mela 2025 (न्यूजट्रैक)

Akhilesh Yadav News: महाकुम्भ का आगाज होते ही लाखों - करोड़ों की संख्या में रोजाना स्नान हो रहा है। प्रदेश सरकार की ओर से तीर्थयात्रियों के लिए आवागमन की व्यवस्थाओं को बेहतर किया गया है। इसी बीच सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने सोशल मीडिया X पर ट्वीट करके प्रदेश सरकार से महाकुम्भ में आने वाले तीर्थयात्रियों की सुविधा के लिए व्यवस्थाओं को दुरुस्त करने की मांग की है।

सीधी मांग करते हुए लिखा- भोजन और सिर पर साये की व्यवस्था की जाए

समाजवादी पार्टी के राष्‍ट्रीय अध्‍यक्ष और पूर्व मुख्‍यमंत्री अखिलेश यादव महाकुंभ को लेकर ट्वीट किया है। उन्‍होंने लिखा कि ' सीधी मांग: तीर्थयात्रियों की सुविधा के लिए भोजन और सिर पर साये की व्यवस्था की जाए'। दरअसल, अखिलेश यादव की ओर से ट्वीट के जरिये शेयर किए गए वीडियो में एक कुछ महिलाएं खुले आसमान के नीचे बैठकर अपने लिए खाने और सिर पर साये की मांग कर रही है। इसी वीडियो को शेयर करते हुए सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने तीर्थयात्रियों की सुविधा के लिए भोजन और सिर के साये की व्यवस्था करने की मांग की है।

'नाविक का वीडियो शेयर कर भाजपा पर साधा था निशाना'

उससे पहले उन्‍होंने कल यानी 13 जनवरी को पौष पूर्णिमा के मौके पर महाकुंभ से जुड़ा एक और वीडियो ट्वीट करके भाजपा सरकार पर निशाना साधा था। उन्‍होंने कहा था कि जो दुनिया को किनारे लगाते हैं भाजपा ने उन्‍हें ही किनारे कर दिया। जिनका जीवन नाव चलाना है और उसी से घर चलाना है, वो नाविक भाजपा सरकार से पूछ रहे हैं कि आपही बताएं कि इन हालातों में हमारा कहां ठिकाना है? इसके पहले सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने महाकुम्भ से जुड़ा एक वीडियो और शेयर करते हुए नदियों से छेड़छाड़ का भी आरोप लगाया था। उन्‍होंने लिखा था कि इतिहास गवाह रहा है कि नदियां अपने मार्ग को स्‍वयं बनाकर चलती हैं। ये प्राकृतिक बहाव नदियों की निरंतरता के लिए, अपने आप बनाया हुआ रास्‍ता होता है। इस भौगोलिक सत्‍य को स्‍वीकार करते हुए, नदियों के बहाव से छेड़छाड़ करना पर्यावरणीय अपराध है।

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