काशी के कबीरपंथियों ने खोला मोर्चा, पीएम से नाराजगी की ये है वजह ?  

Update: 2018-06-27 15:22 GMT

वाराणसी: संतकबीर नगर स्थित मगहर में कबीरदास जी के महापरिनिर्वाण स्थल पर कबीर प्राकट्य उत्सव मनाने को लेकर विरोध शुरू हो गया है। वाराणसी के कबीर चौर स्थित कबीर मठ के महंत विवेक दास ने प्रधानमंत्री के कार्यक्रम के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए इसे एक गलत परंपरा की शुरुआत बता रहे हैं। उन्होंने प्रधानमत्री से अपने फैसले पर पुनर्विचार करने की गुजारिश की है।

क्यों नाराज हैं महंत विवेकदास ?

कबीर के परिनिर्वाण स्थल मगहर में पीएम के कार्यक्रम को लेकर तैयारियां जोरों पर हैं। पूरा प्रशासनिक अमला इस कार्यक्रम को कामयाब बनाने में जुटा है। माना जा रहा है कि प्रधानमंत्री मोदी कबीरपंथियों के इस गढ़ से मिशन 2019 का आगाज करेंगे। लेकिन उनके इस कार्यक्रम में खलल पड़ पई है। कबीरपंथियों के सबसे बड़े महंत विवेक दास ने मोदी के कार्यक्रम का विरोध कर दिया है। इसके कहना है कि कबीर का प्राकट्य उत्सव मगहर नहीं बल्कि बनारस में मनाया जाना चाहिए। इसके पीछे वो तर्क दे रहे हैं कि जो परिनिर्वाण स्थल है वहां पर प्राकट्य उत्सव कैसे मनाया जा सकता है ?

मगहर में महापरिनिर्वाण स्थल को लेकर है विवाद

महंत विवेक दास ही वाराणसी के लहरतारा स्‍थित कबीर प्राकट्य स्‍थली, कबीरचौरा स्‍थित मूलगादी और संत कबीरनगर जिले में स्‍थित परिनिर्वाण स्‍थली मगहर, तीनों जगहों के गद्दी महंत हैं। लेकिन कबीरपंथियों का एक धड़ा उन्हें मगहर स्थित महापरिनिर्वाण स्थल का महंत नहीं मानता है। विवेक दास इस बात से भी नाराज है कि तीनों गद्दियों के महंत होने के बावजूद प्रधानमंत्री के इतने बड़े कार्यक्रम में उन्‍हें आमंत्रित नहीं किया गया, जिससे कबीरपंथियों में भ्रम है। विवेकदास ने इसे गलत परंपरा करार देते हुए कहा है कि इससे कबीर के विचार को बांटने की कोशिश को बल मिलेगा।

संतकबीरनगर सांसद से नाराज हैं विवेकदास

विवेक दास ने पूरे मामले में संतकबीर नगर के सांसद पर आरोप लगाये हैं। उन्‍होंने कहा कि स्‍थानीय सांसद नहीं चाहते कि मगहर के कार्यक्रम में उन्हें आमंत्रित किया जाये। उन्‍होंने कहा कि इस पूरे मामले मे वहां के सांसद, स्‍थानीय प्रशासन और प्रबन्ध समिति ने प्रधानमंत्री को गलतजानकारी दी है। प्रधानमंत्री को ऐसा नहीं करना चाहिए, प्रधानमंत्री अगर कबीर के महानिर्वाण स्‍थली पर जाकर उनका प्राकट्य उत्‍सव मनाते हैं तो ये एक गलत कदम होगा। ये कबीरपंथियों को बांटने का प्रयास है। वहीं महंत विवेक दास ने चेतावनी देते हुए कहा कि प्रधानमंत्री 28 तारीख कोअगर मगहर जाते हैं तो परंपरा टूटने से विचलित कबीरपंथियों का गुस्‍सा भड़क सकता है, उसकी जिम्‍मेदारी मेरी नहीं होगी। अगर मगहर में कुछ होता है तो हम जिम्मेदारी नही लेंगे। लोग वहां इक्कठे होंगे और विरोध कर सकते हैं।

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