अमेठी में भाजपाईयों की व्याकुलता देख कांग्रेस ने कसी कमर, लगाईं 121 चौपालें  

Update: 2018-09-09 15:49 GMT

अमेठी: भाजपाई कुनबा अमेठी पर कब्ज़ा जमाने के लिए व्याकुल है, तो जवाब में कांग्रेस भी कमर कसे हुए मैदान में है। अमेठी लोकसभा क्षेत्र के सत्रह ब्लाकों के एक सौ इक्कीस न्याय पंचायतों में कांग्रेस पार्टी ने चौपाल लगाकर केन्द्र सरकार के साढ़े चार साल के कार्यकाल को जनता के बीच में रखा। कांग्रेस के एजेंडे पर जनता ने केन्द्र सरकार से साढ़े चार साल का हिसाब-किताब मंच से मांगना शुरू कर दिया। यही नहीं कांग्रेस नेता दस सितम्बर को महंगाई, पेट्रोल, डीजल, गैस के बढ़ते दाम को लेकर रविवार को देर शाम बाजार बन्द करने के लिए अपील करते नजर आये ताकि लोग अपने काम गृहस्थी के सामान बाजार से शाम को ही खरीददारी कर लें।

जनता के सामने रखा बीजेपी का हिसाब-किताब

रविवार को आयोजित चौपाल में कांग्रेस ने बीजेपी को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि जुमलों, झूठे वादों, भष्ट्राचार और देश की सुरक्षा को खतरे में डाल रही है। झूठे प्रचार और दूसरों पर आरोप लगाकर सरकार अपनी जिम्मेदारी और जबावदेही से बचती रही है। 2014 के चुनाव के पूर्व और सरकार बनने के बाद क्या-क्या हुआ उसका हिसाब-किताब जनता के सामने केन्द्र सरकार रखे। कांग्रेस सेवा दल के संगठन मंत्री बृजेश तिवारी ने भेटुआ गांव में आयोजित चौपाल को सम्बोधित करते हए पार्टी पदाधिकारी और कार्यकर्ताओं जनप्रतिनिधियों के बीच केन्द्र सरकार के साढ़े चार साल का हिसाब-किताब रखा। कांग्रेस नेता ने कहा यही नहीं राफेल विमान की खरीद, नोटबंदी आदि वो बाते हैं जिसका भाजपा ने खुलासा किया और न ही आंतकवाद पर रोक लग सकी। लोग शादी-विवाह बच्चों के दाखिले और खाने-पीने कि सामग्री खरीदने में एक-एक पैसे के लिए मोहताज हुए, छोटे-छोटे उद्योग तबाह हो गये। निन्याबें फीसदी पैसा वापस बैंको में जमा हो गया तो सरकार का वायदा सिर्फ जनता को पेरशान करना था।

कांग्रेस जिला महामंत्री एवं अमेठी विधान सभा प्रभारी नरसिंह बहादुर सिंह ने सम्बोधित करते हुए कहा कि केन्द्र सरकार जीएसटी लागू किया। आर्थिक आजादी के नाम पर हर एक व्यापारी के घर पर सरकार ने एक इंस्पेक्टर बैठा दिया और उसकी आजादी छीन ली। पेट्रोल की कीमतें आसमान छू रही है। देश की सुरक्षा के मोर्चे पर भी मोदी सरकार विफल रही। काश्मीर की हालात बेकाबू होने पर राष्ट्रपति शासन लगाना पड़ा। चीन से प्रतिदिन चुनौतियां मिल रही है विदेश नीति धुलमुल है। इजराइल-फिलीस्टीन-अमेरिका-रूस किसी भी नीति में स्पष्टता नहीं है। पड़ोसी देश से सम्बन्ध खराब चल रहे है।

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