TMC का डर: भाजपा विरोधी मतों के बंटवारे से परेशान, कांग्रेस व लेफ्ट से की ये अपील

राज्य विधानसभा की 294 सीटों के लिए अप्रैल-मई में होने वाले चुनाव में भाजपा ने पूरी ताकत झोंक रखी है। सियासी जानकारों का मानना है कि इस बार मुख्य रूप से तृणमूल कांग्रेस और भाजपा में ही लड़ाई होती दिख रही है।

Update:2021-01-14 10:19 IST
TMC का डर: भाजपा विरोधी मतों के बंटवारे से परेशान, कांग्रेस व लेफ्ट से की ये अपील (PC: social media)

कोलकाता: पश्चिम बंगाल की सियासी लड़ाई में भाजपा के साथ कड़े मुकाबले में फंसी तृणमूल कांग्रेस को वोटों के बंटवारे का डर सताने लगा है। पार्टी भाजपा विरोधी मतों को गोलबंद करने में जुट गई है। इसके लिए पार्टी ने वाम मोर्चे और कांग्रेस से भाजपा के खिलाफ लड़ाई में राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का साथ देने की अपील की है।

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राज्य विधानसभा की 294 सीटों के लिए अप्रैल-मई में होने वाले चुनाव में भाजपा ने पूरी ताकत झोंक रखी है। सियासी जानकारों का मानना है कि इस बार मुख्य रूप से तृणमूल कांग्रेस और भाजपा में ही लड़ाई होती दिख रही है। टीएमसी के कई नेताओं के पार्टी छोड़कर भाजपा में शामिल होने के बाद अब पार्टी भाजपा विरोधी मतों को एकजुट करना चाहती है। हालांकि कांग्रेस और लेफ्ट दोनों ने टीएमसी के इस प्रस्ताव को खारिज कर दिया है।

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भाजपा ने बंगाल में लगाई पूरी ताकत

आगामी कुछ महीनों के दौरान देश के कई राज्यों में विधानसभा चुनाव होने हैं मगर भाजपा ने सबसे ज्यादा ताकत पश्चिम बंगाल में झोंक रखी है। पार्टी के अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की अगुवाई में राज्य में जोरदार चुनावी अभियान चलाया जा रहा है।

ऐसे में तृणमूल कांग्रेस को भी भाजपा विरोधी मतों के बंटवारे का भय सताने लगा है। पार्टी को लगता है कि इस बंटवारे से भाजपा को फायदा हो सकता है। यही कारण है कि पार्टी ने वाम मोर्चे और कांग्रेस से ममता बनर्जी का हाथ मजबूत करने की अपील की है।

ममता का हाथ मजबूत करने की अपील

तृणमूल कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और सांसद सौगत राय ने कहा कि अगर वाम मोर्चा और कांग्रेस सही मायने में भाजपा के खिलाफ हैं तो उन्हें भाजपा की सांप्रदायिक और विभाजनकारी राजनीति के खिलाफ लड़ाई लड़ने वाली ममता बनर्जी का हाथ मजबूत करना चाहिए। उन्होंने दावा किया कि ममता बनर्जी ही भाजपा के खिलाफ धर्मनिरपेक्ष राजनीति का असली चेहरा हैं।

भाजपा सरकार की कोई भी योजना सफल नहीं

तृणमूल सांसद ने कहा कि भाजपा नेताओं की ओर से बड़े-बड़े दावे किए जा रहे हैं जबकि भाजपा नीत सरकार की ओर से शुरू की गई कोई भी योजना अभी तक सफल नहीं हुई है। उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल में राजनीतिक रूप ले चुके पशु तस्करी के मामलों को रोकने की जिम्मेदारी सीमा सुरक्षा बल की है और इस मामले में राज्य पुलिस को निशाना नहीं बनाया जाना चाहिए।

उन्होंने कहा कि बीएसएफ केंद्र सरकार के अधीन आती है और सीमा पार से पशुओं की तस्करी रोकना बीएसएफ की ही जिम्मेदारी है। भाजपा नेता इस मामले में राज्य पुलिस पर झूठा आरोप लगा रहे हैं। सच्चाई तो यह है कि उन्हें बीएसएफ की भूमिका पर सवाल उठाने चाहिए।

बीएसएफ का काम देखें अमित शाह

तृणमूल नेता ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह पर भी निशाना साधा और कहा कि अलग-अलग जगहों पर भोजन करने से कोई फायदा नहीं होने वाला। इसके बजाय उन्हें सीमा पर जाकर यह तहकीकात करनी चाहिए कि बीएसएफ अपना काम ठीक ढंग से कर रही है या नहीं।

यह पूछे जाने पर यह क्या भाजपा की ओर से राज्य इकाई के प्रमुख दिलीप घोष मुख्यमंत्री पद का चेहरा होंगे, श्री राय ने कहा कि उन्हें इस मामले में कोई टिप्पणी नहीं करनी है क्योंकि यह भाजपा का आंतरिक मामला है।

बनर्जी को घोष से ज्यादा अनुभव

दिलीप घोष पर तंज कसते हुए तृणमूल कांग्रेस के नेता ने कहा कि पार्टी के सांसद एवं तृणमूल की युवा शाखा के प्रमुख अभिषेक बनर्जी को घोषग की तुलना में अधिक राजनीतिक तजुर्बा है। उन्होंने कहा कि घोष से अधिक राजनीतिक अनुभव होने के बावजूद बनर्जी ने आज तक मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार बनने का दावा नहीं किया है।

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कांग्रेस और लेफ्ट ने खारिज किया प्रस्ताव

सियासी जानकारों का मानना है कि तृणमूल कांग्रेस को यह बात समझ में आने लगी है कि भाजपा काफी मजबूती से विधानसभा चुनाव लड़ने जा रही है। ऐसे में भाजपा विरोधी मतों के बंटवारे से तृणमूल कांग्रेस को बड़ा नुकसान हो सकता है।

इसीलिए पार्टी की ओर से कांग्रेस और वाम मोर्चे से ममता बनर्जी के हाथ को मजबूत करने की अपील की गई है। दूसरी ओर कांग्रेस और लेफ्ट ने टीएमसी के इस प्रस्ताव को खारिज कर दिया है।

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ममता को कांग्रेस में आने का न्योता

राज्य कांग्रेस के प्रमुख अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि हमें तृणमूल कांग्रेस के साथ गठबंधन में कोई दिलचस्पी नहीं है। अगर ममता बीजेपी के खिलाफ लड़ने के इच्छुक हैं तो उन्हें कांग्रेस में शामिल हो जाना चाहिए क्योंकि सांप्रदायिकता के खिलाफ लड़ाई का कांग्रेस ही एकमात्र देशव्यापी मंच है।

दूसरी ओर माकपा के वरिष्ठ नेता सुजान चक्रवर्ती ने कहा कि टीएमसी के प्रस्ताव से साफ है कि वाम मोर्चा अभी भी महत्वपूर्ण है। वाममोर्चा और कांग्रेस मिलकर तृणमूल कांग्रेस और बीजेपी दोनों को हराएंगे।

रिपोर्ट- अंशुमान तिवारी

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