तीसरा चरण: ओवैसी व पप्पू यादव की पता चलेगी ताकत, इस लोकसभा सीट पर भी नजर

शनिवार को हो रहे मतदान में हर किसी की नजर जन अधिकार पार्टी के मुखिया पप्पू यादव के असर वाले कोसी इलाके और एआईएमआईएम के मुखिया असदुद्दीन ओवैसी के प्रभाव वाले सीमांचल इलाके पर टिकी है। इन दोनों नेताओं ने अपनी ताकत दिखाने के लिए काफी मेहनत की है।

Update:2020-11-07 09:43 IST
अंतिम चरण के मतदान के लिए चुनाव आयोग की ओर से कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गई है। तीसरे चरण के कई इलाके काफी संवेदनशील माने जा रहे हैं।

पटना: बिहार में आखिरी चरण की 78 सीटों पर मतदान के लिए कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गई है। शनिवार को वाल्मीकिनगर लोकसभा सीट पर भी मतदान हो रहा है। आखिरी चरण के मतदान के लिए नेपाल से लगने वाली सभी सीमाओं को पूरी तरह से सील कर दिया गया है। आखिरी चरण में सत्तारूढ़ एनडीए और विपक्षी महागठबंधन के बीच कांटे की लड़ाई तय मानी जा रही है।

शनिवार को हो रहे मतदान में हर किसी की नजर जन अधिकार पार्टी के मुखिया पप्पू यादव के असर वाले कोसी इलाके और एआईएमआईएम के मुखिया असदुद्दीन ओवैसी के प्रभाव वाले सीमांचल इलाके पर टिकी है। इन दोनों नेताओं ने अपनी ताकत दिखाने के लिए काफी मेहनत की है।

नेपाल से लगने वाली सीमा पूरी तरह सील

अंतिम चरण के मतदान के लिए चुनाव आयोग की ओर से कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गई है। तीसरे चरण के कई इलाके काफी संवेदनशील माने जा रहे हैं। इसलिए वाल्मीकिनगर सीमा सहित नेपाल से लगने वाली सभी सीमाओं को सील करने के साथ ही सुरक्षाबलों की तैनाती भी की गई है। इसके साथ ही सभी बूथों पर अर्धसैनिक बलों के जवान भी तैनात किए गए हैं।

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आयोग की ओर से सुरक्षा को लेकर त्रिस्तरीय व्यवस्था की गई है। मतदान के दौरान हेलीकॉप्टर से एरियल निगरानी की भी तैयारी है। सुरक्षाबलों को संवेदनशील बूथों पर विशेष ध्यान रखने के निर्देश दिए गए हैं।

इस लोकसभा सीट का भी होगा फैसला

तीसरे चरण में विधानसभा की 78 सीटों के अलावा वाल्मीकिनगर लोकसभा सीट पर भी उपचुनाव के लिए वोट डाले जा रहे हैं। जदयू के सांसद वैद्यनाथ महतो के निधन के कारण इस सीट पर उपचुनाव कराया जा रहा है। इस सीट पर अपना कब्जा बनाए रखने के लिए जदयू ने दिवंगत वैद्यनाथ महतो के पुत्र सुनील कुमार को चुनाव मैदान में उतारा है। महागठबंधन की ओर से कांग्रेस उम्मीदवार प्रवेश कुमार मिश्रा को सुनील कुमार के खिलाफ चुनाव मैदान में उतारा गया है।

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सीमांचल में ओवैसी ने उलझाए समीकरण

तीसरे चरण में ही सीमांचल की सीटों पर भी मतदान हो रहा है। एआईएमआईएम के नेता असदुद्दीन ओवैसी का इस इलाके में अच्छा खासा असर माना जाता है। ओवैसी ने मुस्लिमों की अच्छी खासी आबादी वाले सीमांचल इलाके की कई सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे हैं।

सीमांचल इलाके में अररिया, किशनगंज, कटिहार और पूर्णिया में मुस्लिमों की आबादी 55 फ़ीसदी से ज़्यादा है। इसलिए इन इलाकों में हर किसी की नजर मुस्लिम मतदाताओं के रुझान पर टिकी हुई है। महागठबंधन के नेताओं की नजर भी मुस्लिम मतदाताओं पर टिकी हुई है।

योगी ने उठाया था घुसपैठ का मुद्दा

सीमांचल का इलाका भाजपा के लिए अभी तक बंजर ही साबित होता रहा है। हालांकि इस बार उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस इलाके में एनडीए के पक्ष में चुनावी सभाएं की हैं। कटिहार की जनसभा में योगी आदित्यनाथ ने अवैध घुसपैठ का मुद्दा उठाते हुए कहा था कि अगर एनडीए की सरकार बनी तो घुसपैठियों को बाहर किया जाएगा।

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दूसरी ओर ओवैसी मुस्लिमों को अपने पक्ष में करने के लिए लगातार एनआरसी का विरोध करने में जुटे हुए हैं। महागठबंधन के नेता भी सरकार बनने पर एनआरसी को लागू न होने देने की बात कह रहे हैं।

पप्पू यादव की ताकत भी पता चलेगी

तीसरे चरण में ही कोसी सीमांचल क्षेत्र में जन अधिकार पार्टी के मुखिया व पूर्व सांसद पप्पू यादव की ताकत का भी पता चलेगा। इस इलाके में यादव मतदाताओं की संख्या काफी ज्यादा है और पप्पू यादव ने इस क्षेत्र में अपनी ताकत दिखाने के लिए पूरा जोर लगाया है।

हालांकि राजद की ओर से भी यादव मतदाताओं को अपने पक्ष में बनाए रखने के लिए जमकर मेहनत की गई है। अब ऐसे में देखने वाली बात होगी कि यादव मतदाताओं का झुकाव किस ओर होता है।

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नीतीश के एलान का असर भी पता लगेगा

तीसरे चरण में ही इस बात का भी पता लगेगा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के आखिरी चुनाव संबंधी एलान का कितना असर दिखता है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पूर्णिया की धमदाहा सीट पर चुनावी सभा के दौरान घोषणा की थी कि मौजूदा विधानसभा चुनाव उनका आखिरी चुनाव है।

हालांकि महागठबंधन की ओर से कहा जा रहा है कि नीतीश कुमार थक चुके हैं और उन्होंने यह बयान मजबूरी में दिया है क्योंकि उन्हें अपनी हार तय लग रही है। देखने वाली बात यह होगी कि नीतीश कुमार के इस एलान का तीसरे चरण के मतदान पर कितना असर पड़ता है।

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