मायावती ने कहा- नोटबंदी करके पीएम मोदी ने पहले ही कर दिया है लोगों को 'कैशलेस'
लखनऊ: बहुजन समाज पार्टी की अध्यक्ष मायावती ने शुक्रवार को पार्टी मुख्यालय पर प्रेस कॉन्फ्रेंस की। उन्होंने एक बार फिर यह साफ किया कि उनकी पार्टी कालेधन के पूरी तरह से खिलाफ है। मायावती के मुताबिक, '' पीएम मोदी ने नोटबंदी का फैसला लेकर लोगों को पहले ही कैशलेस बना दिया है। अब जगह-जगह जाकर इंडिया को कैशलेस बनाने का प्रचार कर रहे हैं। बैंकों में पैसा नहीं है। एटीएम खाली पड़े हैं। इस फैसले के बाद 100 से ज्यादा लोग मर चुके हैं। केंद्र सरकार ने ऐसे लोगों की आर्थिक मदद तक नहीं की है। बीजेपी जनता की आंखोें में धूल झोंक रही है।''
आगे मायावती ने कहा कि उनकी पार्टी चाहती है कि जनहित में कालेधन के अभिशाप से देश को मुक्ति मिलनी चाहिए। इसके लिए मैंने भी अपने समय में काफी प्रयास किए हैं, लेकिन अगर इसकी आड़ में बीजेपी राजनीतिक स्वार्थ को साधने की कोशिश करेगी तो गरीबों और आम जनता के लिए मेरी पार्टी संसद के अंदर और बाहर इस फैसले को डटकर विरोध करेगी। जैसा अभी तक करती रही है।''
और क्या बोलीं मायावती ?
-बीजेपी ने अपनी कमोजरियों और विफलताओं पर पर्दा डालने के लिए देश की 90 फीसदी जनता को परेशान किया है।
बीजेपी कालेधन को लेकर हमारे ऊपर कई आरोप लगा चुकी है। सब यह बात जानते हैं बीएसपी गरीब किसानों, दलित, पीड़ित, उपेक्षित और अल्पसंख्यक वर्ग की पार्टी है।
-देश के ऐसे करोड़ों लोगों की पीड़ा को समझकर पार्टी कुर्बानी देने के लिए तैयार है। इस फैसले के पीछे राजनीतिक स्वार्थ के अलावा कुछ नही है।
-2014 में लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने देश के गरीब और मध्यमवर्गीय लोगों से कई तरह के वादे किए थे।
-इसमें रोजगार देने, सामान को सस्ता करने, बिजली-पानी देने, आवासीय लोगों को दो कमरों का फ्री मकान देने का वादा किया गया था।
-इसमें से बीजेपी की केंद्र सरकार ने एक भी वादा पूरा नहीं किया है। इतना ही नहीं विदेश से कालाधन भी लेकर नहीं आए।
-केंद्र सरकार को ढाई साल से ज्यादा का वक्त बीत गया है, लेकिन वादों पर एक चौथाई काम भी नहीं किया है।
जनहित के साथ किया खुला खिलवाड़: मायावती
-यह जनता के साथ धोखा है। जनहित के साथ खुला खिलवाड़ है। अपनी कमियों पर से ध्यान बंटाने के लिए नोटबंदी का फैसला लिया गया।
-यह फैसला अब उनके लिए घातक साबित हो रहा है। सरकार मुसीबत से बाहर आने के लिए रोज नए नियम बदल रही है।
-गैर भाजपा शासित राज्यों में बैंकों में नोट वितरण में भेदभाव किया जा रहा है। जनता परेशान है और काफी उलझी हुई है।
-नोटबंदी से देश में काम प्रभावित हुआ है। कई जगह अब भी कामकाज ठप पड़ा हुआ है। देश में भारत बंद जैसा माहौल है।
-दूसरे प्रदेशों में रोजगार और मजदूरी न मिलने की वजह से लोग पलायन कर रहे हैं।
-अफसोस है कि बीजेपी के नेता और खुद पीएम समस्या को दूर करने के बजाए नाटकबाजी कर रहे हैं।
-नोटबंदी के फैसले से पहले ही बीजेपी ने अपने लोगों कालाधन ठिकाने लगा दिया। इसका खुलासा होना चाहिए।
-आयकर कानून में संशोधन करके ही कालेधन को सफेद में बदलना था तो फिर नोटबंदी क्यों की।
-पीएम मोदी जवाब दें कि जनता को उस जुर्म की सजा क्यों दी गई तो उन्होंने किया ही नहीं।
सपा सरकार का बबुआ भी हैं गुनाहगार: मायावती
-पीएम मोदी की तरह सपा सरकार का बबुआ भी कम गुनाहगार नहीं है। सीएम ने साढ़े चार साल से प्रदेश को अराजकता की आग में झोंक रखा है।
-सपा बीजेपी के नक्शेकदम पर चल रही है। नोटबंदी के बाद लोगों की मदद करने के बजाए यूपी पुलिस उनपर लाठियां चलवा रही है।
-सरकारी धन को चुनाव नजदीक होने की वजह से कई घोषणाएं करके पानी की तरह बहाया जा रहा है।
-इस पैसे को पानी की तरह बहाने के बजाए यदि उस धन को इन जरूरतमंद लोगों पर खर्च कर देते तो बेहतर होता।
-नोटबंदी से प्रदेश में खराब हो रहे खराब हालात की रिपोर्ट राज्य सरकार को राज्यपाल को और उन्हें केंद्र सरकार को भेजनी चाहिए।
- इन हालात में सपा और बीजेपी की मिलीभगत भी दिखाई दे रही है, जिसे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।
-यूपी में बीएसपी की सरकार जब-जब बनी है, तब बीजेपी काफी कमजोर हुई है। यह पिछले रिकॉर्ड बताते हैं।
-बीएसपी ने सपा मुखिया की तरह बीजेपी के साथ मिलकर चुनाव नहीं लड़ा है और न ही स्वार्थ में अपने सिद्धातों को बीजेपी के कदमों में गिरवी रखा है।
-जब सपा की सरकार बनी तब बीजेपी ज्यादा मजबूत हुई है। अब तो पीएम मोदी का सपा के कार्यक्रमों में, शादी में आना-जाना भी शुरू हो चुका है।
-यादव वोटबैंक अब दो खेमे में बंटा हुआ है। मुस्लिम समाज सावधान रहे। सपा परिवार की आपसी लड़ाई कभी खत्म नहीं होगी।
-बीजेपी को रोकने के लिए मुस्लिम समाज बीएसपी को अपना वोट दें। विकास के मुद्दे को बीजेपी भूल गई है।