गठबंधन पर अखिलेश का इशारा, बोले- अगर सपा और कांग्रेस साथ आना चाहे तो कौन रोक लेगा ?

Update: 2016-11-07 08:08 GMT

लखनऊ: सीएम अखिलेश यादव ने अगले साल यूपी के होने वाले विधानसभा चुनाव में सोमवार को कांग्रेस के साथ गठबंधन के संकेत दिए। मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति के पिता के निधन पर उनके घर आए अखिलेश ने संवाददाताओं के साथ बातचीत में कहा कि यदि कांग्रेस चाहे और समाजवादी पार्टी चाहे तो उसे कोई कैसे रोक सकता है। दोनों पार्टियां अगर गठबंधन करना चाहती हैं, तो फिर क्या कोई उन्हें रोक लेगा। वैसे गठबंधन की पूरी जिम्मेदारी पार्टी अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव की है। उनकी सपा अध्यक्ष से गठबंधन के बारे में बात भी हुई है। वो अपनी पूरी बात गठबंधन को लेकर होने वाली बैठक में पार्टी फोरम पर ही रखेंगे।

वैसे ये देखना होगा कि गठबंधन में किसको फायदा होगा और किसे नुकसान होगा, इसका आंकलन करना होगा। किस रूप में गठबंधन होगा, इस पर विचार करना होगा। हालांकि जो भी गठबंधन होगा, उसे पार्टी के अध्यक्ष तय करेंगे। सपा के 5 नवंबर को हुए स्वर्ण जयंती समारोह में बिखरे समाजवादी परिवार एक हुए थे। समारोह में जनतादल यू, जनतादल एस, राष्ट्रीय लोकदल, राष्ट्रीय जनतादल और इंडियन नेशनल लोकदल के नेता शामिल हुए थे लेकिन कांग्रेस को निमंत्रण नहीं दिया गया था।

मुलायम से पीके की मुलाकात ने भी किया था इशारा

संभवत: अखिलेश ने कांग्रेस के साथ गठबंधन को लेकर संकेत यूपी में कांग्रेस के चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर के सपा अध्यक्ष से मुलाकात को लेकर ही दिए हैं। प्रशांत किशोर दिल्ली में जदयू के सांसद के सी त्यागी के आवास पर सपा अध्यक्ष से मिले थे और गठबंधन पर चर्चा की थी। उसी बातचीत के बाद ये बात सामने आई कि कांग्रेस की ओर से 125 सीटों पर चुनाव लड़ने की मांग की गई है। मुलाकात सपा महासचिव अमर सिंह ने कराई थी।

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