CWC की बैठक में बड़ा फैसला, अध्यक्ष के साथ कांग्रेस में होंगे 4 उपाध्यक्ष

कांग्रेस कार्यसमिति की सोमवार की बैठक में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को रोजमर्रा के कामकाज में मदद के लिए चार सदस्यों वाली एक कमेटी बनाने की बात कही गई। यह कमेटी सोनिया गांधी को रोजमर्रा के कामकाज में मदद करेगी।

Update: 2020-08-25 08:37 GMT
CWC की बैठक में बड़ा फैसला, कांग्रेस अध्यक्ष के साथ पार्टी में होंगे 4 उपाध्यक्ष

नई दिल्ली: कांग्रेस में नेतृत्व और संगठन में बदलाव के मुद्दे पर सोमवार को कांग्रेस कार्यसमिति की सोमवार को करीब सात घंटे बैठक हुई। इस बैठक में मंथन के दौरान कांग्रेस नेताओं के बीच तीखी बहस हुई है।

सात घंटों के मंथन के बाद आखिरकार यह तय किया गया कि फिलहाल पार्टी की कमान सोनिया गांधी के हाथों में ही रहेगी। इसके साथ ही यह भी कहा गया कि अगले 6 महीने में कांग्रेस का नया अध्यक्ष चुना जाएगा।

कांग्रेस कार्यसमिति की सोमवार की बैठक में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को रोजमर्रा के कामकाज में मदद के लिए चार सदस्यों वाली एक कमेटी बनाने की बात कही गई। यह कमेटी सोनिया गांधी को रोजमर्रा के कामकाज में मदद करेगी। इस कमेटी में दो युवा और दो बुजुर्ग नेताओं को शामिल किया जाएगा। दअरसल इन नेताओं को कांग्रेस उपाध्यक्ष बनाया जाएगा।

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इन नेताओं को मिली सकती है जगह

इनमें सबसे पहला नाम सचिन पायलट का है। राजस्थान में अपने बागी तेवरों से अशोक गहलोत सरकार की नाक में दम करने वाले पायलट को राहुल गांधी का करीबी माना जाता है। बागी तेवर अपनाए पायलट ने राहुल गांधी से मुलाकात के बाद ही कांग्रेस में लौटने को राजी हुए। वैसे उन्होंने पार्टी से इस्तीफा नहीं दिया था। सचिन पायलट ने कहा कि ज्यादातर पार्टी कार्यकर्ता राहुल जी को पार्टी की अगुवाई करते देखना चाहेंगे।

तो वहीं दूसरा नाम कुमारी शैलजा का है। यह अभी फिलहाल हरियाणा की कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष हैं। यह भी सोनिया गांधी की करीबी नेताओं में शामिल हैं। इनके अलावा अखिल भारतीय महिला कांग्रेस की अध्यक्ष सुष्मिता देव का नाम भी इसमें आगे है। वह एक तेजतर्रार नेता हैं। इनके अलावा गौरव गोगोई को पद दिया जा सकता है, क्योंकि इसका फायदा पार्टी को असम में मिलेगा।

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तो वहीं बुजुर्ग नेताओं की बात करें तो इनमें सोनिया गांधी की करीबी अंबिका सोनी का नाम सबसे आगे चल रहा है। इन्होंने कल पत्र लिखने वालो नेताओं पर निशाना साधा था और कहा था कि इन नेताओं के खिलाफ कार्रवाई हो सकती है। इनके अलावा अहमद पटेल, एके एंटनी, पी चिदंबरम जैसे बड़े नाम शामिल हैं।

चिट्ठी लिखने वाले नेता निशाने पर

कार्यसमिति की बैठक की शुरुआत में ही सोनिया गांधी ने अध्यक्ष पद से इस्तीफे की पेशकश की मगर दिनभर चली उठापटक के बाद शाम को फिर अंतरिम अध्यक्ष के रूप में उनके नाम पर ही सहमति बनी। कांग्रेस में बड़े बदलाव की मांग करने वाले 23 वरिष्ठ नेताओं के पत्र पर राहुल की प्रतिक्रिया के बाद हंगामा मच गया।

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इन नेताओं की भाजपा से मिलीभगत की राहुल की बात पर बैठक के दौरान ही विरोध का स्वर फूट पड़ा। कपिल सिब्बल व गुलाम नबी आजाद जैसे वरिष्ठ नेता विरोध पर उतर आए तब इस नए संकट से निपटने के लिए तुरंत डैमेज कंट्रोल शुरू हुआ और 4 घंटे में ही दोनों को मना ही दिया गया। पूरी बैठक के दौरान पत्र लिखने वाले नेता निशाने पर रहे।

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