क्या बीएचयू में छात्रों के डर से पीएम मोदी ने लिया फैसला?

Update: 2018-09-18 10:47 GMT

वाराणसी: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बीएचयू में हुई जनसभा पर बीएचयू के छात्रों का डर साफ दिखा। डीरेका और बीएचयू के बीच दो किमी की दूरी को तय करने के लिए मोदी को हेलीकॉप्टर का सहारा लेना पड़ा। जबकि सोमवार को डीरेका से नरउर प्राथमिक स्कूल के बीच की दूरी उन्होंने कार से तय की थी। मोदी के इस फैसले को लेकर सभास्थल पर चर्चाओं का दौर जारी रहा।

सूत्रों के मुताबिक हाल के दिनों में हुई घटनाओं के मद्देनजर एसपीजी और जिला प्रशासन किसी तरह का रिस्क नहीं लेना चाहता था। जिला प्रशासन को इस बात का डर था कि अगर मोदी सड़क मार्ग से बीएचयू आते हैं तो उन्हें छात्रों के विरोध का सामना करना पड़ सकता है। यही कारण है कि एहतिहातन जिला प्रशासन ने मोदी के लिए हेलीकॉप्टर का ऑप्शन चुना।

सभास्थल पर मुस्लिम महिलाओं को रोका

विरोध के डर का आलम ये था कि एमपी थियेटर ग्राउंड में दाखिल होने के पहले हर शख्स की कड़ाई से चेकिंग की जा रही थी। काले रंग के कपड़ों पर सख्त मनाही देखी गई। इस बीच मोदी का भाषण सुनने पहुंची मुस्लिम महिलाओं के एक दल को सुरक्षाकर्मियों ने रोक दिया।

सुरक्षाकर्मियों ने मुस्लिम महिलाओं से बुरखा उतारने की बात कही तो महिलाएं भड़क उठी और विरोध करने लगी। मामला देख आलाधिकारियों ने हस्तक्षेप किया। हालांकि बाद में इन महिलाओं को अंदर प्रवेश की अनुमति दी गई।

सभास्थल पर देरी से पहुंचें मोदी तो शुरू हो गई चर्चा

पीएम नरेंद्र मोदी सभास्थल पर लगभग डेढ़ घंटे की देरी से पहुंचे। इसके पीछे अलग-अलग वजहें गिनाई जा रही हैं। दरअसल बीजेपी के स्थानीय संगठन ने रैलीस्थल पर लगभग पचास हजार की भीड़ जुटाने का दावा किया था। लेकिन सुबह साढ़े नौ बजे तक आलम ये था कि आधा पंडाल ही भरा था। उसमें भी छात्रों और पुलिसवालों की संख्या अधिक थी। पंडाल से भीड़ को गायब देख नेताओं के पसीने छूटने लगे।

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