मंत्री के घर शोक: इनको दी नई जिंदगी, लेकिन नहीं बचा पाये इन्हें
बचपन में जिस गोद में पला-बढ़ा अंतिम समय में उनके साथ रहने का मौका नहीं मिला। झारखंड के कृषि मंत्री बादल पत्रलेख को जब अपने दादा के निधन की जानकारी मिली उस दौरान वे झारखंड से सैंकड़ों किलोमीटर दूर चेन्नई में इलाजरत मंत्री जगरनाथ महतो को बी पॉज़िटीव ब्लड डोनेट कर रहे थे।
बचपन में जिस गोद में पला-बढ़ा अंतिम समय में उनके साथ रहने का मौका नहीं मिला। झारखंड के कृषि मंत्री बादल पत्रलेख को जब अपने दादा के निधन की जानकारी मिली उस दौरान वे झारखंड से सैंकड़ों किलोमीटर दूर चेन्नई में इलाजरत मंत्री जगरनाथ महतो को बी पॉज़िटीव ब्लड डोनेट कर रहे थे। शनिवार से लगातार मंत्री बादल पत्रलेख मंत्री के स्वास्थ्य की जानकारी ले रहे थे। उन्होने बताया कि, जब उनके दादा के निधन के बारे में जानकारी मिली तो वो अपने बड़े भाई समान जगरनाथ महतो को एक नई ज़िंदगी देने की कोशिश कर रहे थे।
कोरोना संक्रमित हैं मंत्री जगरनाथ महतो
मंत्री जगरनाथ महतो कोरोना वायरस से संक्रमित हैं। कई दिनों तक रांची के मेडिका में उनका इलाज किया गया लेकिन स्वास्थ्य में कोई सुधार नहीं हुआ। इस बीच मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की पहल पर चेन्नई से डॉक्टरों की टीम रांची आकर मंत्री जगरनाथ महतो के स्वास्थ्य के बारे में जानकारी ली। अंत में तय हुआ कि, मंत्री को एयर एंबुलेंस से चेन्नई ले जाया जाए। परिवार और मुख्यमंत्री की हरी झंडी के बाद मंत्री जगरनाथ महतो को एमजीएम चेन्नई में भर्ती कराया गया। स्वास्थ्य की जानकारी लेने के लिए कृषि मंत्री बादल पत्रलेख शनिवार को चेन्नई पहुंचकर चिकित्सकों से स्वास्थ्य के बारे में जानकारी ली। इस बीच मंत्री जगरनाथ महतो को ब्लड की ज़रूरत हुई तो कृषि मंत्री ने अपना खून दिया।
कृषि मंत्री का अन्य मंत्रियों से संबंध
झारखंड के कृषि मंत्री बादल पत्रलेख कांग्रेस कोटे से कैबिनेट मंत्री हैं। बेहद लो प्रोफाइल में रहने वाले कृषि मंत्री का अन्य मंत्रियों के साथ बेदह नज़दीकी रिश्ता है। पिछले दिनों जब झामुमो कोटे के मंत्री हाजी हुसैन अंसारी बीमार पड़े और बाद में उनका निधन हुआ तो उस दौरान भी कृषि मंत्री की सक्रियता काफी ज्यादा थी। हाजी हुसैन अंसारी के परिवार के साथ खड़े रहना। अस्पताल में जाकर उनके स्वास्थ्य के बारे में जानकारी लेना। मुख्यमंत्री तक बातों को पहुंचाना। और अब जब मंत्री जगरनाथ महतो कोरोना संक्रमित होने के बाद चेन्नई एमजीएम में भर्ती हैं तो वहां जाकर उनका स्वास्थ्य का हालचाल लेना भी मंत्री बादल पत्रलेख के किरदार को साबित करता है।
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बेरोज़गारों के साथ खड़े कृषि मंत्री
रोज़गार की मांग को लेकर पिछले दिनों रांची में विभिन्न संगठनों के लोगों ने धरना-प्रदर्शन शुरू किया। कांग्रेस ने छात्रों, अभ्यर्थियों और संगठनों के साथ वार्ता के लिए मंत्री बादल पत्रलेख को अधिकृत किया। मंत्री ने खुद मौके पर पहुंचकर सभी आंदोलनकारियों का धरना, प्रदर्शन और अनशन समाप्त कराया। इतना ही नहीं पिछले दिनों कांग्रेस भवन में तमाम संगठनों के लोगों को बुलाकर उनके साथ वार्ता की। मंत्री बादल पत्रलेख ने भरोसा दिलाया कि, उनकी मांगों को लेकर कांग्रेस संवेदनशील है। कांग्रेस के दरबार में हर बेरोज़गार की बात सुनी जाएगी। मंत्री के व्यवहार से छात्र एवं अभ्यर्थी संतुष्ट नज़र आए। युवाओं को लगा की अब उनकी बात सुनी जा रही है।
रांची से शाहनवाज़