तोमर फर्जी डिग्री : 13 आरोपियों को मिली जमानत, देश न छोड़ने का निर्देश

Update: 2017-05-17 12:26 GMT

नई दिल्ली : बड़ी खबर मिल रही कि सूबे के पूर्व कानून मंत्री जितेंद्र सिंह तोमर के विरुद्ध फर्जी डिग्री मामले में एक कोर्ट ने बुधवार को 13 आरोपियों को जमानत दे दी है। अतिरिक्त मुख्य महानगर दंडाधिकारी संदीप गर्ग ने ये जमानत दी है। इसमें बिहार के भागलपुर के तिलकामांझी विश्वविद्यालय के कर्मचारी शामिल हैं।

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गर्ग ने उनसे अलग-अलग 50,000 रुपये का निजी मुचलका भरने और इतनी ही राशि का जमानती बांड भरने को कहा। अदालत ने आरोपियों को बिना इजाजत के देश नहीं छोड़ने का निर्देश दिया। साथ ही मामले में सबूतों से छेड़छाड़ नहीं करने व गवाहों को प्रभावित नहीं करने का निर्देश दिया।

13 आरोपियों में बड़े नारायण सिंह, राजी अहमद, राजेंद्र प्रसाद सिंह, जनार्दन प्रसाद यादव, दिनेश कुमार श्रीवास्तव, अनिल कुमार सिंह, निरंजन शर्मा, सदानंद राय, अनिरुद्ध दास, आर.आर. पोद्दार, सुरेंद्र प्रसाद सिंह, राम अवतार शर्मा और रामाशीष पुरभे शामिल हैं।

अदालत ने मार्च में मामले में तोमर और सभी को सम्मन किया था। दिल्ली पुलिस ने तोमर व दूसरों के खिलाफ धोखाधड़ी, जालसाजी व आपराधिक साजिश व अन्य प्रासंगिक धाराओं में आरोप लगाए हैं। तोमर को 9 जून, 2015 को गिरफ्तार किया गया था और उन्हें 23 जुलाई, 2015 को जमानत मिली थी।

इसके साथ ही तिलकामांझी भागलपुर यूनिवर्सिटी ने तोमर की डिग्री रद कर दी है। अधिसूचना विवि द्वारा जारी की जा चुकी है। डिग्री रद करने से संबंधित अधिसूचना की कॉपी अखबारों में विज्ञापन के लिए दिया गया है। सीनेट ने गत 20 मार्च को पूर्व कानून मंत्री तोमर की लॉ की डिग्री रद कर दी थी।

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