लखनऊ में मेट्रो तैयार है, पर कोच्चि में उसकी शुरूआत की जा रही

Update: 2017-06-09 12:55 GMT

लखनऊ : समाजवादी पार्टी के प्रवक्ता राजेंद्र चौधरी ने कहा है कि भाजपा की योगी सरकार 80 दिन बाद भी अपनी एक भी प्रभावी जनहित की नई योजना पेश नहीं कर सकी है। वह समाजवादी सरकार की योजनाओं को ही नाम बदल-बदलकर पेश कर रही है। भाजपा की सोच है कि इस तरह वह जनता को बहकाने में सफल हो सकेगी और अपनी सरकार की पहले असफलओं पर पर्दा डाल सकेगी। लखनऊ में मेट्रो तैयार है पर कोच्चि में उसकी शुरूआत की जा रही है। लखनऊ की जनता के प्रति यह भाजपा की उपेक्षा असहनीय है।

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लखनऊ मेट्रो योजना के साथ केंद्र की भाजपा सरकार ने सौतेला व्यवहार करने में कोई कसर नहीं छोड़ी थी। अखिलेश यादव ने अपने मुख्यमंत्रित्वकाल में मेट्रो परियोजना को अंतिम रूप दिया था। उनका इरादा मेट्रो योजना का कानपुर, गाजियाबाद, मेरठ, वाराणसी, आगरा तक विस्तार करने का था। मेट्रों के काम को प्राथमिकता देने के फलस्वरूप इसके निर्माण में तेजी आई और 01 दिसम्बर 2016 को इसका पहला ट्रायल भी हो गया था।

अखिलेश यादव ने लखनऊ की जनता को ट्रैफिक समस्या से निजात दिलाने के लिए मेट्रो की जो महत्वाकांक्षी योजना बनाई थी उसमें पग-पग पर केंद्र की भाजपा सरकार ने बाधाएं खड़ी की थी। लखनऊ मेट्रो के परिचालन के लिए केंद्र सरकार द्वारा जारी की जाने वाली तकनीकी अनुमति कई मौकों पर रोकी गई। केन्द्र से कोई न कोई बहाना बनाकर परिचालन के काम में विलम्ब किया गया।

भाजपा की केंद्र सरकार ने लखनऊ में मेट्रो को तकनीकी अनुमति देने में इसलिए हीलाहवाली की थी क्योंकि यहां उत्तर प्रदेश में समाजवादी सरकार थी और मेट्रो का श्रेय अखिलेश यादव को न मिल जाये। भाजपा की योगी सरकार बनते ही आनन-फानन में प्रदेश की सभी फाईलें निस्तारित हो गई हैं। ताकि प्रधानमंत्री जी और योगी जी योग के साथ मेट्रो का भी संयोग पा सकें। भाजपा का यह रवैया लोकतांत्रिक व्यवस्था में संविधान के संघीय ढ़ांचा की अनेदखी है। रागद्वेेष से प्रेरित यह कार्यवाही जनमानस की भावना के साथ खिलवाड़ है।

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