ममता का मोदी सरकार पर हमला, कहा- राजनीतिक वायरस फैलाने आई थी केंद्रीय टीम
कोरोना महामारी से निपटने के लिए सरकार ने देश में लाॅकडाउन किया है। इस बीच जानलेवा वायरस कोरोना को लेकर सियासत भी खूब हो रही है। कांग्रेस और टीएमसी समेत दूसरे विपक्षी दल मोदी सरकार पर हमलावार हैं।
कोलकाता: कोरोना महामारी से निपटने के लिए सरकार ने देश में लाॅकडाउन किया है। इस बीच जानलेवा वायरस कोरोना को लेकर सियासत भी खूब हो रही है। कांग्रेस और टीएमसी समेत दूसरे विपक्षी दल मोदी सरकार पर हमलावार हैं। केंद्र सरकार की तरफ से किस राज्य में कोरोना महामरी की क्या स्थिति है इसका जायजा लेने के लिए क्रेदीय टीम का गठन किया गया है। अब इसे लेकरपश्चिम बंगाल में सियासत तेज हो गई हैं और राज्य में ममता सरकार और केंद्र आमने-सामने आ गए हैं।
अब प्रदेश की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा है कि केंद्री की टीम राज्य में राजनीतिक वायरस फैलाने आई थी। इससे पहले पश्चिम बंगाल गई इंटर-मिनिस्ट्रियल सेंट्रल टीम (आईएमसीटी) ने कोरोना मरीजों और स्वास्थ्य संसाधनों की वास्तविक स्थिति न बताने पर राज्य सरकार के खिलाफ नाराजगी जाहिर की है।
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केंद्रीय चीम आईएमटीसी ने कहा है कि प्रदेश सरकार को 4 पत्र लिखे जा चुके हैं, लेकिन इसके बावजूद बंगाल की सरकार ने राज्य में स्थापित कोविड-19 अस्पतालों, क्वारंटीन सेंटर और कंटेनमेंट जोन की पूरी जानकारी नहीं दी है।
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इसके बाद ममता बनर्जी बौखाल गईं और उन्होंने कहा है कि कोविड-19की स्थिति का आंकलन करने के लिए और स्थिति जानने के लिए बंगाल का दौरा करने वाली इंटर-मिनिस्ट्रियल सेंट्रल टीम ने कुछ नहीं किया। ममता ने आरोप लगाया कि केंद्रीय टीमों का असली उद्देश्य 'राजनीतिक वायरस' फैलाना है और वो यह काम बेशर्मी से कर रहे हैं।
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पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कोविड 19 पर कोलकाता समेत देश के कुछ शहरों में केंद्र द्वारा टीम भेजने पर विरोध जताया था। ममता का कहना था कि आखिर किस आधार पर केंद्र सरकार इंटर मिनिस्ट्रियल सेंट्रल टीम भेजने का फैसला ले रही है। सीएम ने कहा कि वे पीएम नरेंद्र मोदी और अमित शाह से अपील करती हैं कि केंद्र टीम भेजने का आधार बताए, तबतक वे इस दिशा में आगे कोई कदम नहीं उठा पाएंगी। ममता के बयानों से एक बात साफ हो गई थी कि पश्चिम बंगाल की राजनीति में बवाल मचने वाला है।