मायावती ने अपने बर्थडे पर मांगा जन्मदिन का यह तोहफा, अन्य दलों की उड़ी नींद

बसपा सुप्रीमों मायावती का आज यानि 15 जनवरी को जन्मदिन है। जन्मदिन मनाने वालों का आभार जताते हुए मायावती ने कहा कि इस बार मेरा जन्मदिन ऐसे मौके पर हो रहा है जब लोकसभा का चुनाव होने जा रहा है और हमारी पार्टी ने सपा के साथ गठबंधन करके चुनाव लड़ने का फैसला किया है।

Update: 2019-01-15 06:32 GMT

लखनऊ: बसपा सुप्रीमों मायावती का आज यानि 15 जनवरी को जन्मदिन है। जन्मदिन मनाने वालों का आभार जताते हुए मायावती ने कहा कि इस बार मेरा जन्मदिन ऐसे मौके पर हो रहा है जब लोकसभा का चुनाव होने जा रहा है और हमारी पार्टी ने सपा के साथ गठबंधन करके चुनाव लड़ने का फैसला किया है। इससे भाजपा और अन्य पार्टियों की नींद उड़ी है। उन्होंने सपा और बसपा के लोगों से अपील करते हुए कहा कि सभी पुराने गिले शिकवे, निजी हितों को भूलकर विरोधियों के साम दाम से बचकर एकजुट हों। यही मेरे जन्मदिन का तोहफा होगा। यही प्रदेश तय करता है कि कौन प्रधानमंत्री बनेगा और किसकी सरकार बनेगी।

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अल्पसंख्यकों को अलग आरक्षण की मांग

मायावती ने कहा कि 10% सवर्ण आरक्षण का हमारी पार्टी समर्थन करती है लेकिन धार्मिक अल्पसंख्यको को खास लाभ नही मिलने वाला। जब तक इनकी द्वेषपूर्ण सोच बनी रहती है। हमारी पार्टी अल्पसंख्यकों को अलग आरक्षण देने की मांग करती है और इस पर कायम है। कार्यकर्ता अपने खुद के नेतृत्व में सरकार बनाएं। ऐसा होता है तो यही जन्मदिन का गिफ्ट होगा।

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भाजपा और कांग्रेस पर हमलावर

पूर्व सीएम ने कहा कि भाजपा और कांग्रेस की सरकार ने अधिकांश राज किया है, अल्पसंख्यक गरीब दलित विरोधी नीतियों की वजह से हमे आखिरकार अलग पार्टी बसपा बनानी पड़ी, कई और पार्टियां बनी। अभी तक कोई फर्क इन लोगो की स्थिति में नही आया, खासकर किसानों की स्थिति खराब है। मध्यप्रदेश राजस्थान छत्तीसगद में नतीजों ने भाजपा को सबक सिखाया लेकिन इससे कांग्रेस एंड कंपनी को भी सबक सीखने की जरूरत है।

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कांग्रेस सरकारों पर उठाये सवाल

बसपा मुखिया ने कहा कि कांग्रेस सरकार में कर्जमाफी की सीमा केवल 9 महीने पहले की क्यों तय की गई? जिन शर्तों के आधार पर केवल 2 लाख का कर्ज माफ करने की बात कही। इससे कोई खास लाभ किसानों को नही मिलने वाला है। किसानों की कर्जमाफी के लिए केंद्र राज्य सरकारों को कोई ठोस नीति बनानी चाहिए। एक बार पूरी कर्ज राशि माफ करने के लिए कदम उठाने की जरूरत है, आगे कर्ज न लेना पड़े। इसके लिए सभी समस्याओं को दूर करना चाहिए और स्थायी नीति बनानी चाहिए, स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट को पूरी तौर पर मानकर अमल करती है तो समाधान निकल सकता है।

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भूमिहीनों की कर्जमाफी के लिए नहीं उठाए गए कदम

उन्होंने कहा कि दलित, आदिवासी, पिछड़ा, अल्पसंख्यक जो भूमिहीन हैं, जो छोटे मोटे काम के लिए कर्ज लेते हैं, इनके कर्ज माफी के लिए कोई ठोस कदम नही उठाये गए, GST नोटबन्दी से इनकी स्थिति और दयनीय हो गई है, इन सरकारों में इनके हित न सुरक्षित रहे हैं न आगे रहेंगे। सीबीआई और संवैधानिक संस्थानों का दुरुपयोग कर रहे है। इसका ताजा उदाहरण सपा अध्यक्ष का सीबीआई में नाम लाना है। BJP आरएसएस ने धर्म के नाम पर न केवल राजनीति करने का काम किया बल्कि देवी देवताओं को भी जाति में बाटने का घिनौना काम किया। मुसलमानों की जुमा की नमाज रोकना शुरू कर दिया है।

 

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