बसपा ने दिया वसूली का टारगेट, इंकार पर इंद्रजीत सरोज से माया ने किया नमस्ते

Update: 2017-08-02 14:40 GMT

लखनऊ: बसपा सुप्रीमों मायावती ने प्रदेश भर में पार्टी कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों को विधानसभा स्तर पर नौ लाख से 22 लाख रूपये तक वसूली का टारगेट दिया है। बीते आठ जुलाई को इस सिलसिले में राजधानी स्थित पार्टी कार्यालय में इसकी बैठक भी हुई थी।

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बकौल पूर्व मंत्री इंद्रजीत सरोज, उन्होंने पैसा वसूलने से इंकार कर दिया तो मंगलवार की शाम मायावती का फोन आया और उन्होंने कहा कि आपने जोन इंचार्ज को पैसा देने से मना कर दिया है, सरोज ने अपनी असमर्थता जाहिर की तो उन्होंने कहा कि तब आपको पार्टी में भी रहने का कोई हक नहीं है और आपको सभी पदों से हटा रही हूं।

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सरोज ने newstrack.com से बातचीत में बताया कि बीते आठ जुलाई की बैठक में प्रदेश प्रभारी, जोन इंचार्ज और मंडलीय प्रभारी भी मौजूद थे। इसमें मायावती ने कहा कि उन्हें पैसे की जरूरत है और फिर विधानसभा स्तर पर नौ से 22 लाख रूपये तक वसूली का टारगेट दिया।

वसूली को विधानसभा लेबल पर बने हैं रजिस्टर

उन्होंने बताया कि वसूली के लिए विधानसभा स्तर पर रजिस्टर बने हैं। लखनऊ मंडल, कानपुर, इलाहाबाद मंडलों के विधानसभाओं से 15 लाख वसूली का टारगेट दिया गया है। पश्चिमी यूपी के विधानसभाओं से 22 लाख और जिन सीटों पर पार्टी की स्थिति कमजोर है। वहां नौ लाख तक वसूली का टारगेट दिया गया है।

इंद्रजीत सरोज का कहना है कि लखनऊ स्थित मंडलीय कार्यालय में बैठक के दौरान उनसे पैसा मांगा गया तो उन्होंने असमर्थता जताई। इसके बाद जाने इंचार्ज इलाहाबाद आए थे। तब भी उन्होंने पैसा मांगा तो उन्होंने इंकार कर दिया। उनका कहना है कि कार्यकर्ताओं में पैसा वसूले जाने से रोष है।

उनका कहना है कि मायावती चार बार सीएम रह चुकी हैं। फिर भी उन्हें अब पैसे की क्या जरूरत पड़ रही है। पार्टी से बड़े पैमाने पर लोग भागने की तैयारी मे हैं। कुछ पार्टी छोड़ भी चुके हैं। उनके इस कदम के विरोध में प्रदेश भर से कार्यकर्ताओं के पार्टी छोड़ने का सिलसिला जारी है।

कौन हैं इंद्रजीत सरोज?

इंद्रजीत सरोज कौशाम्बी के मंझनपुर विधानसभा से चार बार विधायक चुने गएं। वह बसपा सरकार में मंत्री भी रह चुके हैं। सरोज की गिनती बसपा सुप्रीमों मायावती के किचेन कैबिनेट के सदस्य के तौर पर होती रही है। इस बार के विधानसभा चुनाव में वह अपनी सीट गवां बैठे।

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