मायावती का बड़ा फैसला, अब शहरी निकायों का चुनाव भी सिंबल पर लड़ेगी बसपा

Update: 2017-04-19 11:42 GMT

लखनऊ: विधानसभा चुनाव में मिली हार से सबक लेते हुए बसपा ने बड़ा फैसला लिया है। अब पार्टी शहरी निकायों का चुनाव भी अपने सिंबल पर लड़ेगी। बीते चुनाव में मुस्लिम और दलितों की सोशल इंजीनियरिंग के दम तोड़ने के बाद, इन चुनाव में एक बार फिर सर्व समाज का कार्ड चला जाएगा। ताकि शहरी क्षेत्रों के वोटरों में पैठ बनाई जा सके।

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इसी सिलसिले में पार्टी की यूपी और उत्तराखंड इकाई की बैठक 12 माल एवेन्यू स्थित पार्टी मुख्यालय में हुई। इसमें मौजूदा राजनीतिक हालात की समीक्षा की गई। बैठक में यह भी स्वीकारा गया कि शहरी क्षेत्रों के वोटरों में पार्टी की स्थिति ठीक नहीं है।

बसपा सुप्रीमों मायावती ने कहा कि चुनाव में सफलता नहीं मिलने के कारण साम्प्रदायिक व जातिवादी ताकतों की बांछे खिली हुई हैं। वोटिंग मशीन में धांधली पर से लोगों का ध्यान बांटने के लिए झूठा प्रचार कर लोगों का ध्यान बांटने का प्रयास किया जा रहा है।

उन्होंने कहा कि भाजपा जिस तरह आरएसएस के सहयोग से साम, दाम, दण्ड, भेद का प्रयोग कर रही है। उससे लोकतंत्र को खतरा हो गया है। इस पर चिंता जताते हुए मायावती ने कहा कि लोकतंत्र सही मायने में जिंदा नहीं रहेगा तो दलितों, पिछड़ों के लिए सत्ता के दरवाजे हमेशा के लिए बंद हो जाएंगे।

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