Sharad Pawar: मोदी सरकार की गलत नीतियों के चलते देश में आर्थिक संकट, केंद्र पर बरसे शरद पवार
Sharad Pawar: पूर्व केंद्रीय मंत्री और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के प्रमुख शरद पवार ने देश में लगातार बढ़ रही महंगाई और बेरोजगारी को लेकर मोदी सरकार को घेरा है।
Sharad Pawar Slams Modi Government: पूर्व केंद्रीय मंत्री और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के प्रमुख शरद पवार (Sharad Pawar) ने देश में लगातार बढ़ रही महंगाई और बेरोजगारी को लेकर मोदी सरकार (Modi Government) को घेरा है। एनसीपी प्रमुख ने कहा कि केंद्र की गलत आर्थिक नीतियों के कारण देश में वित्तीय संकट खड़ा हो गया है। उन्होंने नोटबंदी का जिक्र करते हुए कहा कि सरकार ऐसे फैसले लोगों के बिना सहमित के ले लेती है, जो कि संकट का सबसे बड़ा कारण है।
वहीं, जब कोरोना से लोग मर रहे थे, उनकी नौकरियां जा रही थीं, तब प्रधानमंत्री मोदी लोगों से थाली और प्लेट बजाने के लिए कह रहे थे। ये न तो कोरोना से बचने का समाधान था न ही गंभीर आर्थिक संकट से।
श्रीलंका संकट को लेकर बोले पवार
अभी हाल ही में जम्मू कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती (Former Chief Minister Mehbooba Mufti) ने मोदी सरकार (Modi Government) पर निशाना साधते हुए कहा था कि देश श्रीलंका की तरह आर्थिक संकट की ओर जा रहा है। एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने ऐसे खतरों को खारिज करते हुए कहा कि भारत श्रीलंका की तरह आर्थिक संकट में नहीं फंस सकता क्योंकि हमारे पास डॉ भीमराव अंबेडकर का बनाया हुआ संविधान है।
संविधान के कारण भारत एकजुट
उन्होंने भारत के दो पड़ोसी देशों पाकिस्तान और श्रीलंका के हालात का जिक्र करते हुए कहा कि संविधान के कारण आज हमारे देश की हालत ऐसी नहीं है। पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि आज श्रीलंका जल रहा है। वहां आर्थिक संकट के कारण इमरजेंसी लागू कर दिया गया है। लोग सड़को पर हैं। वहां की सियासी जमात सत्ता खो चुकी है। पाकिस्तान में भी बीते महीने प्रधानमंत्री को पद से हटा दिया गया था। पड़ोसी देशों में एक मजबूत संविधान न होने के कारण ऐसी घटनाएं सामने आई हैं। मगर मुझे खुशी है कि हम आज बाबा साहेब के संविधान की बदौलत एकजुट हैं। इसी संविधान ने हमें स्वतंत्र रखा है।
मोदी सरकार को दी नसीहत
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री रह चुके कद्दावर नेता शरद पवार ने साल 1975 में लगाए गए आपातकाल का जिक्र कर मोदी सरकार को नसीहत दे दी। उन्होंने कहा कि जो लोग सरकार नहीं चला पाते, जनता उनसे कुर्सी छिन लेती है। इमरजेंसी के बाद जनता को अहसास हुआ कि लोकतंत्र खतरे में है, इसलिए इंदिरा गांधी को दोबारा कुर्सी नहीं मिली।
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