महाराष्ट्र कैबिनेट में रार! अब विभागों को लेकर मचा मंत्रियों में घमासान

महाराष्ट्र की राजनीति में उठापटक का दौर जारी है। शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने एनसीपी और कांग्रेस के साथ मिल कर भाजपा को तो सत्ता से बाहर कर दिया और सरकार बना ली, लेकिन अब गठबंधन की उद्धव सरकार में तालमेल नहीं बन पा रहा है।

Update: 2020-01-02 06:10 GMT
Uddhav Thackeray

मुंबई: महाराष्ट्र की राजनीति में उठापटक का दौर जारी है। शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) ने एनसीपी और कांग्रेस के साथ मिल कर भाजपा को तो सत्ता से बाहर कर दिया और सरकार बना ली, लेकिन अब गठबंधन की उद्धव सरकार में तालमेल नहीं बन पा रहा है। जानकारी के मुताबिक, महाराष्ट्र सरकार में नेताओं के बीच विभागों के बंटवारे को लेकर ठन गयी है। यहीं वजह है कि मंत्रिमंडल विस्तार और शपथ ग्रहण के बाद अब तक नेताओं में विभागों के आवंटन की घोषणा नहीं की जा सकी है।

विभागों के आवंटन पर महाराष्ट्र की गठबंधन सरकार के बीच ठनी:

दरअसल, महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव परिणाम के बाद शिवसेना ने अजित पवार की एनसीपी और कांग्रेस के साथ मिल कर राज्य में गठबंधन की सरकार बनाई है। उद्धव ठाकरे को मुख्यमंत्री पद मिला तो वहीं उनके बेटे आदित्य ठाकरे को भी कैबिनेट में मंत्री पद मिला। अजित पवार महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री बनाये गये। कांग्रेस के विधायकों को भी मंत्रिमंडल में जगह मिल गयी। लेकिन विभागों के बंटवारे को लेकर पेंच फंस गये। शपथ ग्रहण के दो दिन बीतने के बाद भी एनसीपी, शिवसेना और कांग्रेस के बीच इस बाबत बातचीत जारी है।

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बैठक के बाद भी नहीं निकला निष्कर्ष:

जानकारी के मुताबिक़, राज्य सचिवालय में हुई बैठक में मुख्यमंत्री ठाकरे, कांग्रेस नेता अशोक चव्हाण, एनसीपी नेता अजित पवार समेत कई अन्य बड़े नेताओं ने विभागों के आंवटन पर चर्चा की। इसके अलावा दूसरे मुद्दों पर भी चर्चा हुई।

कांग्रेस दोनों दलों से करना चाहती है विभागों की अदला बदली:

वहीं सूत्रों के मुताबिक़, विभाग बंटवारे को लेकर पार्टियों के बीच नाराजगी भी हो गयी। दरअसल, कांग्रेस इस बात से नाराज है कि उन्हें कृषि और सहकारिता जैसे ग्रामीण क्षेत्रों से संबंधित कोई भी विभाग नहीं मिला है, जो राज्य के ग्रामीण जीवन से संबंधित हैं। इसको लेकर कांग्रेस अन्य दो दलों के साथ विभागों की अदला-बदली करना चाहती है। हालाँकि बताया जा रहा रही कि मीटिंग में कांग्रेस ने विभागों की संख्या में बढ़ोतरी की मांग नहीं की।

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मंत्री न बनाये जाने वाले विधायकों में नाराजगी:

इसके अलावा ये भी जानकारी मिल रही है कि जो विधायक मन्त्रिमंडल में शामिल नहीं हो सके,उनमें भी नाराजगी है। इसमें कांग्रेस के संग्राम थोप्टे का नाम शामिल है। गौरतलब है कि संग्राम के समर्थकों ने मंगलवार को पुणे कांग्रेस कार्यालय में तोड़फोड़ भी की थी। इसके अलावा जो नेता गठबंधन के फैसलों से असंतुष्ट हैं, उनमें राकांपा के प्रकाश सोलंकी भी हैं।

शिवसेना नेता भी कैबिनेट विस्तार से नाखुश:

सूत्रों के अनुसार, शिवसेना के भी कुछ नेता मंत्रिमंडल विस्तार से नाखुश हैं। शिवसेना के तानाजी सावंत कैबिनेट में उनको नजरअंदाज किये जाने से नाराज हैं। वहीं चुनाव से ठीक पहले शिवसेना में शामिल हुए भास्कर जाधव को भी मंत्री न बनाये जाने के चलते खुद को ठगा से महसूस कर रहे हैं। हालाँकि गठबंधन में नाराजगी को लेकर आ रही खबरों का एनसीपी नेता अजित पवार ने खंडन किया है।

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