बीच-बीच में राहुल को छोड़नी पड़ी पढ़ाई, नाम भी बदला, ये थी वजह
कांग्रेस उपाध्यक्ष अविवाहित राहुल गांधी ने 47 साल पांच महीने और 27 दिन की उम्र में मुश्किल दौर में 16 दिसम्बर को पार्टी की कमान संभाल ली। देश की सबसे पुरानी राजनीतिक पार्टी कांग्रेस के,
नई दिल्ली: कांग्रेस उपाध्यक्ष अविवाहित राहुल गांधी ने 47 साल पांच महीने और 27 दिन की उम्र में मुश्किल दौर में 16 दिसम्बर को पार्टी की कमान संभाल ली। देश की सबसे पुरानी राजनीतिक पार्टी कांग्रेस के, राहुल 49वें अध्यक्ष हैं ।
नेहरू गांधी परिवार पर हुए हमले की वजह से राहुल को अपनी पढाई कई बार बीच में ही छोड़नी पड़ी। यही नहीं उन्हें अपना नाम तक बदलना पड़ा। कारण थे सुरक्षा के।
- उन्होंने शुरुआती पढ़ाई दिल्ली के मॉडर्न स्कूल से की है। इसके बाद राहुल गांधी पढ़ने के लिए देहरादून के 'Doon School' चले गए।
- उनके पिता राजीव गांधी की स्कूली शिक्षा भी इसी जगह हुई थी । साल 1984 में इंदिरा गांधी की हत्या के बाद सुरक्षा कारणों से उन्हें अपनी पढ़ाई घर से ही करनी पड़ी।
- साल 1989 में राहुल गांधी ने दिल्ली के सैंट स्टीफन कॉलेज में एडमिशन लिया, लेकिन यहां भी सुरक्षा कारणों से उन्हें यहां पढ़ाई छोड़नी पड़ी और आगे की पढ़ाई के लिए वे अमेरिका चले गए।
राहुल गांधी ने साल 1990 में Harvard University में एडमिशन लिया, लेकिन उसके एक साल बाद 1991 में राजीव गांधी की हत्या के बाद सिक्योरिटी के कारण उन्हें यहां भी पढ़ाई छोड़नी पड़ी। हार्वर्ड से पढ़ाई छोड़ने के बाद 1991 से 1994 तक रोलिंस कॉलेज में पढ़ाई की और आर्ट्स से ग्रेजुएशन पूरा किया।
-साल 1995 में University of Cambridge के Trinity College से एमफिल की डिग्री हासिल की।
-ग्रेजुएशन के बाद राहुल ने 3 साल तक लंदन के मॉनिटर ग्रुप के लिए भी काम किया।
- यह कंपनी मैनेजमेंट गुरु माइकल पोर्टर की ही सलाहकार संस्था थी।
- वहीं इस दौरान भी सुरक्षा कारणों से उनकी पहचान किसी को मालूम नहीं थी और वो रौल विंसी के नाम से काम करते थे।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक उन्होंने नाम बदलकर पढ़ाई भी की है। राहुल ने मार्च 2004 में राजनीति में एंट्री ली और मई 2004 में अपने पिता राजीव गांधी के संसदीय क्षेत्र अमेठी से लोकसभा चुनाव लड़ा और जीता। वो इस सीट से अभी भी सांसद हैं ।