राहुल-स्मृति के खिलाफ मैदान मे उतरा दिव्यांग- आजादी पर कही ये बड़ी बात

राहुल-स्मृति के खिलाफ मैदान मे उतरा ये दिव्यांग, बग्घी पर सवार होकर पहुंचा नामांकन करने, कहा "जो उगाता हूं उसका रेट मैं लगाऊं तब समझूगा मिली आजादी"

Update: 2019-04-16 05:18 GMT

अमेठी: लाल बाबू लोधी वैसे तो जन्मजात दिव्यांग हैं लेकिन इनमे कुछ करने का जज्बा है। चुनावी बेला पर उन्होंने भी राहुल गांधी और केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी के विरुद्ध ताल ठोंकी।

सैकड़ों समर्थकों के साथ बग्घी से नामांकन करने पहुंचे। उन्होंने निर्दलीय उम्मीदवार के रूप मे पर्चा भरा है, उन्हें राष्ट्रीय दिव्यांग महासभा ने अपना समर्थन दिया है।

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गौरीगंज विधानसभा के बरौलिया गांव के निवासी हैं दिव्यांग लाल बाबू लोधी

गौरीगंज विधानसभा के बरौलिया गांव के दिव्यांग लाल बाबू लोधी ने नामांकन दाखिल करने के बाद मीडिया से बातचीत की। उन्होंने कहा कि मैं गरीबों की आवाज़ को लेकर प्रत्याशी के रूप मे पर्चा दाखिल करने आया हूं। गरीबों की लड़ाई लड़ने के लिए हमने क़दम उठाया है।

हमारी लड़ाई ये है के किसान जो गेहूं-धान पैदा करता है उसको अपना रेट तय करने का अधिकार है। रेट तय करती है सरकार। उन्होंने कहा "जिस तरह डीजल और पेट्रोल का रेट सरकार तय करती है, हम चाहते हैं के जो मैं उगाता हूं उसका रेट मैं लगाऊं तब हमको आजादी मिलेगी।"

उन्होंने ये भी कहा कि गरीब, वृध्दा, विधवा, किसान, गरीब मजदूर और दिव्यांग इन सबको महीने मे पांच हजार पेंशन मिलनी चाहिए तब इन लोगों का कल्याण होगा। उन्होंने कहा के कोई हमारे टक्कर मे है ही नहीं।

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राहुल गांधी और स्मृति ईरानी ये गरीबों पर दयावान हैं तो इनको मेरे सामने मैदान छोड़ देना चाहिए। उल्लेखनीय है कि दिव्यांग लाल बाबू पहली बार ग़रीब की आवाज बनने के लिए मैदान मे नहीं आए हैं। पूर्व मे गांव के लोगों को प्रधान द्वारा परेशान करने के बाद वो धरने पर बैठे थे।

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