Rajasthan Politics: चुनाव नतीजों में पायलट का कमाल, गहलोत फिसड्डी, फिर गरमाएगा राजस्थान में नेतृत्व परिवर्तन का मुद्दा
Rajasthan Politics: गुजरात में कांग्रेस के पर्यवेक्षक का दायित्व राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत निभा रहे थे जबकि हिमाचल प्रदेश में राजस्थान के पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट को पर्यवेक्षक बनाया गया था।
Rajasthan Politics: गुजरात और हिमाचल प्रदेश के विधानसभा चुनाव के नतीजों के बाद कांग्रेस में एक बार फिर राजस्थान का मुद्दा गरमाने के आसार हैं। दरअसल गुजरात में कांग्रेस ने अभी तक का सबसे खराब प्रदर्शन किया है जबकि हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस सत्ता में वापस आने में कामयाब रही है। गुजरात में कांग्रेस के पर्यवेक्षक का दायित्व राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत निभा रहे थे जबकि हिमाचल प्रदेश में राजस्थान के पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट को पर्यवेक्षक बनाया गया था।
राजस्थान में गहलोत के करीबी रघु शर्मा को प्रदेश प्रभारी बनाया गया था मगर राज्य में कांग्रेस की ऐतिहासिक हार हुई है। अब इसे लेकर सवाल उठाए जाने लगे हैं। राजस्थान में नेतृत्व परिवर्तन की वकालत करने वाले कांग्रेस के वरिष्ठ नेता आचार्य प्रमोद कृष्णम ने गहलोत पर तंज कसते हुए सचिन पायलट की तारीफ की है। ऐसे में माना जा रहा है कि आने वाले दिनों में राजस्थान की सियासत पर भी इसका असर पड़ेगा और नेतृत्व परिवर्तन का मुद्दा फिर गरमा सकता है।
गुजरात में कांग्रेस को बड़ा झटका
गुरुवार को आए गुजरात विधानसभा के चुनावी नतीजों में भाजपा ने नया कीर्तिमान बनाया है। पार्टी राज्य की 182 में से 156 सीटें जीतने में कामयाब रही है जो आज तक गुजरात के इतिहास में किसी भी दल को नहीं मिलीं। भाजपा ने 1985 में कांग्रेस के सर्वाधिक 149 सीटें जीतने का रिकॉर्ड भी तोड़ दिया है।
पार्टी लगातार सातवीं बार गुजरात की सत्ता पर काबिज होने में कामयाब हुई है। दूसरी ओर गुजरात के चुनाव में कांग्रेस सिर्फ 17 सीटों पर सिमट गई है और पार्टी की ऐसी दुर्गति आज तक कभी नहीं हुई। कांग्रेस गुजरात में इतनी भी सीटें नहीं पा सकी कि वह नेता विपक्ष के पद के लिए दावा कर सके।
गहलोत की निगरानी में कांग्रेस ने लड़ा चुनाव
गुजरात में कांग्रेस नेतृत्व की ओर से राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को वरिष्ठ पर्यवेक्षक बनाया गया था। इसके साथ ही गहलोत के करीबी रघु शर्मा को गुजरात के प्रभारी का दायित्व सौंपा गया था। इन दोनों नेताओं ने राज्य में धुआंधार प्रचार करने के साथ कई रैलियों को संबोधित किया था। गुजरात में कांग्रेस की रणनीति बनाने में भी इन दोनों नेताओं की ही प्रमुख भूमिका थी।
2017 के विधानसभा चुनाव में भी गुजरात के पर्यवेक्षक अशोक गहलोत ही थे मगर उस समय पार्टी ने अच्छा प्रदर्शन करते हुए 77 सीटों पर जीत हासिल की थी। वैसे इस बार सियासी जादूगर माने जाने वाले गहलोत का गुजरात में कोई जादू नहीं दिखा और कांग्रेस इतिहास की सबसे बुरी हार झेलने पर मजबूर हो गई।
हिमाचल में सचिन पायलट ने दिखाया कमाल
दूसरी ओर हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस ने शानदार प्रदर्शन करते हुए पांच साल बाद फिर सत्ता पर कब्जा कर लिया है। राज्य की 68 विधानसभा सीटों में कांग्रेस 40 सीटें जीतने में कामयाब रही है। कांग्रेस को पिछले चुनावों की अपेक्षा 19 सीटों का फायदा हुआ है जबकि भाजपा राज्य में 25 सीटें ही जीत सकी है। इस बार के चुनाव में भाजपा को 19 सीटों का सियासी नुकसान उठाना पड़ा है।
कांग्रेस नेतृत्व की ओर से सचिन पायलट को हिमाचल प्रदेश का पर्यवेक्षक बनाया गया था और हिमाचल प्रदेश में पार्टी की रणनीति बनाने में सचिन पायलट की प्रमुख भूमिका थी। हिमाचल प्रदेश में सचिन पायलट ने स्टार प्रचारक की भूमिका निभाते हुए राजधानी शिमला, मंडी और कांगड़ा आदि इलाकों में धुआंधार प्रचार किया था।
अपनी सभाओं के दौरान उन्होंने भाजपा पर तीखा हमला करते हुए महंगाई, बेरोजगारी, ओल्ड पेंशन स्कीम और अग्निवीर भर्ती जैसे मुद्दों को प्रमुखता से उठाया। इसका कांग्रेस को बड़ा फायदा भी मिला और पार्टी सत्ता में वापसी करने में कामयाब रही है। भाजपा अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा के गढ़ में कांग्रेस की जीत को बड़ी कामयाबी माना जा रहा है।
प्रमोद कृष्णम ने कसा गहलोत पर तंज
गुजरात और हिमाचल प्रदेश के इस परस्पर विपरीत नतीजों को लेकर अब राजस्थान पर इसका सियासी असर पड़ने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता। प्रियंका गांधी और सचिन पायलट के करीबी माने जाने वाले कांग्रेस नेता आचार्य प्रमोद कृष्णम ने इस मुद्दे को उठा भी दिया है। उन्होंने दोनों राज्यों के चुनाव नतीजों के चर्चा करते हुए राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर तंज भी कसा है।
उन्होंने इस बाबत अपने ट्वीट में कहा कि युवा नेता सचिन पायलट हिमाचल प्रदेश के ऑब्जर्वर थे जबकि हमारे अनुभवी नेता अशोक गहलोत जी गुजरात के। इसके आगे मुझे कुछ नहीं कहना है।
दरअसल आचार्य प्रमोद कृष्णम ने अपने ट्वीट के जरिए गहलोत पर निशाना साधते हुए सचिन पायलट की काबिलियत का जिक्र किया है। राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा इन दिनों राजस्थान में है और इस कारण गहलोत और पायलट में एका नजर आ रहा है। सियासी जानकारों का मानना है कि भारत जोड़ो यात्रा के राजस्थान से रवानगी के बाद एक बार फिर राजस्थान में सियासी माहौल गरमा सकता है और नेतृत्व परिवर्तन की मांग जोर पकड़ सकती है।