केंद्र और ममता सरकार में बढ़ा टकराव, शाह से पहले भागवत गरमाएंगे सियासी माहौल

जेपी नड्डा के बंगाल दौरे के बाद 19 दिसंबर को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने राज्य के दौरे पर पहुंचने वाले हैं मगर उनके दौरे से पहले संघ प्रमुख मोहन भागवत आज पश्चिम बंगाल के दो दिवसीय दौरे पर पहुंचेंगे। पिछले साल अगस्त के बाद संघ प्रमुख का यह पांचवा बंगाल दौरा होगा।

Update:2020-12-12 09:23 IST
केंद्र और ममता सरकार में बढ़ा टकराव, शाह से पहले भागवत गरमाएंगे सियासी माहौल

नई दिल्ली: पश्चिम बंगाल में केंद्र और राज्य सरकार के बीच बढ़ते टकराव के बीच सियासी माहौल लगातार गरमाता जा रहा है। राज्य में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए भाजपा ने पूरी ताकत झोंक दी है। पार्टी के अध्यक्ष जेपी नड्डा के बंगाल दौरे के बाद 19 दिसंबर को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने राज्य के दौरे पर पहुंचने वाले हैं मगर उनके दौरे से पहले संघ प्रमुख मोहन भागवत आज पश्चिम बंगाल के दो दिवसीय दौरे पर पहुंचेंगे। पिछले साल अगस्त के बाद संघ प्रमुख का यह पांचवा बंगाल दौरा होगा।

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केंद्र व ममता सरकार में बढ़ी तल्खी

पश्चिम बंगाल में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के काफिले पर हमले के बाद केंद्र और बंगाल सरकार में तल्खी लगातार बढ़ती जा रही है। राज्यपाल जगदीप धनखड़ की ओर से केंद्र को भेजी गई रिपोर्ट में राज्य की कानून व्यवस्था की हालत को बेहद खराब बताया गया है।

इस मामले में सख्त रुख अपनाते हुए केंद्रीय गृह मंत्रालय ने 14 दिसंबर को राज्य के डीजीपी और मुख्य सचिव को दिल्ली तलब किया है मगर सीएम ममता बनर्जी ने दोनों अफसरों को दिल्ली भेजने से इनकार कर दिया है। राज्यपाल की रिपोर्ट में इन दोनों अफसरों की कार्यप्रणाली पर अंगुली उठाई गई थी। ममता सरकार के रवैये से केंद्र और राज्य सरकार के बीच टकराव चरम पर पहुंचता दिख रहा है।

आगाह करने पर भी नहीं की कार्रवाई

राज्यपाल का कहना है कि नड्डा के काफिले पर हुए हमले की घटना से एक दिन पहले ही मैंने मुख्य सचिव और डीजीपी को आगाह किया था कि डायमंड हार्बर में भाजपा की बैठक के दौरान कानून व्यवस्था बिगड़ सकती है। इसके बावजूद हुई घटना से साफ है कि सरकार कानून व्यवस्था का पालन करने में पूरी तरह विफल साबित हो रही है। उन्होंने घटना पर कड़ा रुख अपनाते हुए सीएम ममता बनर्जी को कड़ी चेतावनी दी है। उन्होंने यह भी कहा है कि ममता सरकार को आग से नहीं खेलना चाहिए और उन्हें बाहरी-भीतरी की बहस में भी नहीं पड़ना चाहिए। राज्यपाल ने कहा कि राजभवन के प्रति ममता का रवैया संवैधानिक नहीं है।

संघ प्रमुख गरमाएंगे सियासी माहौल

राज्य में गरमाए सियासी माहौल के बीच अब हर किसी की नजर संघ प्रमुख मोहन भागवत के पश्चिम बंगाल दौरे पर टिकी है। भागवत शनिवार को बंगाल पहुंच रहे हैं और अपने कोलकाता दौरे के दौरान वे राज्य के युवा मेधावियों से मुलाकात करेंगे। भागवत की मुलाकात राज्य के ऐसे युवाओं से होगी जिन्होंने मेडिकल साइंस, स्पेस रिसर्च, नासा और माइक्रोबायोलॉजी आदि क्षेत्रों में विशेष उपलब्धियां हासिल की हैं। ये ऐसे युवा हैं जिन्होंने वापस भारत लौट कर आत्मनिर्भर भारत अभियान में अहम योगदान दिया है।

बंगाल में संघ को मजबूत बनाने की कवायद

पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव से पहले जहां भाजपा चुनावी तैयारियों में जुटी हुई है वही संघ भी ब्लॉक स्तर पर संगठन को मजबूत करने की कोशिश में जुटा हुआ है। संघ प्रमुख भागवत की बंगाल यात्रा का मुख्य मकसद संगठन को राज्य में और मजबूत करना है। पिछले साल अगस्त के बाद भागवत लगातार राज्य का दौरा करते रहे हैं और यह उनकी बंगाल की पांचवी यात्रा होगी। गृह मंत्री अमित शाह की 19 दिसंबर से शुरू होने वाली पश्चिम बंगाल यात्रा से पहले संघ प्रमुख की इस यात्रा को विधानसभा चुनाव की दृष्टि से भी काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है।

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संघ ने इसलिए बढ़ाई सक्रियता

पश्चिम बंगाल में वामपंथी दलों के प्रभुत्व के कारण संघ दूसरे राज्यों की तरह अपने संगठन को यहां मजबूत नहीं बना सका है। राज्य में वामपंथी सरकार की विदाई और केंद्र में मोदी सरकार बनने के बाद संघ की ओर से लगातार राज्य में संगठन को मजबूत बनाने की कोशिशें की जा रही हैं। माना जा रहा है कि अपने दौरे के दौरान संघ प्रमुख संगठन के पदाधिकारियों को संगठन को मजबूत बनाने के बारे में मार्गदर्शन देंगे। सियासी जानकारों का कहना है कि राज्य में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव के कारण भी संघ ने अपनी सक्रियता बढ़ा दी है। बूथ स्तर पर संघ कार्यकर्ताओं के सक्रिय रहने के कारण चुनाव में भाजपा को अभी तक काफी मदद मिलती रही है।

अंशुमान तिवारी

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