सुल्तानपुर नगर पालिका : नेताओं की पत्नियों पर विरासत बचाने का दबाव

Update: 2017-11-18 12:01 GMT

सुल्तानपुर : नगर पालिका के इतिहास में पहली बार चेयरमैन की कुर्सी पर महिला बैठने वाली है। महिला के लिये आरक्षित इस सीट को हथियाने के लिये सभी दल जोर लगा रहे हैं। जबकि सबसे अधिक दबाव बीजेपी पर है। क्योंकि उसे विधानसभा चुनावों की लहर को बचा कर रखना है। जबकि सपा और बसपा को ये साबित करना है कि वो अभी भी सत्ता संघर्ष में शामिल है। सभी दल पूरा जोर लगाए हुए हैं। आखिर ये चुनाव लोकसभा चुनाव का लिटमस टेस्ट जो हैं।

ससुर की विरासत संजोने का दबाव बीजेपी प्रत्याशी बबिता पर

भाजपा ने दो बार के चेयरमैन और टिकट के सबसे मजबूत दावेदार रहे प्रवीन अग्रवाल की पत्नी का टिकट काटकर बबिता जायसवाल को मैदान में उतारा है। बबिता जिला पंचायत सदस्य अजय जायसवाल की पत्नी हैं। 48 वर्षीय बबिता महज इंटर पास हैं। इनके ससुर स्वर्गीय ह्रदय नारायण जायसवाल जिले में जनसंघ के संस्थापक सदस्यों में थे और आजीवन संघ से जुड़े रहे। बबिता साल 1990 से भाजपा की सक्रिय सदस्य हैं। पूर्व जिला उपाध्यक्ष रह चुकी बबिता वर्तमान में पार्टी की जिला कोषाध्यक्ष हैं।

कांग्रेस प्रत्याशी उर्मिला उपाध्याय को अंतिम समय मिला टिकट

कांग्रेस ने उर्मिला उपाध्याय को अपना उम्मीदवार बनाया है। 53 वर्षीय उर्मिला ने स्नातक तक शिक्षा हासिल की है। काफी समय से पार्टी की सक्रिय कार्यकर्ता हैं। पार्टी में कई सालों से महिला अध्यक्ष हैं। महिला सीट होने के चलते प्रबलता से टिकट की दावेदारी भी कर रही थीं लेकिन पार्टी ने किसी और को उम्मीदवार बना दिया। नामांकन के अंतिम समय टिकट पाने वाली उर्मिला भी पूरी मजबूती से मैदान में हैं।

सपा उम्मीदवार निर्मला पांडे पति की विरासत बचाने मैदान में

सपा ने पूर्व विधायक और को-आपरेटिव बैंक के चेयरमैन रहे स्वर्गीय अशोक पांडे की पत्नी निर्मला पांडे को अपना उम्मीदवार बनाया है। 61 वर्षीय निर्मला पांडे ने स्नातक तक शिक्षा ली है। साल 2003 से 2007 तक को-आपरेटिव बैंक की चेयरमैन रहीं निर्मला उपभोक्ता फोरम की उपाध्यक्ष भी रह चुकी हैं। वर्तमान में वह मधुसूदन विद्यालय की प्रबंधक हैं। इनके पति स्वर्गीय अशोक पांडे 1989 में चांदा विधानसभा से जनता दल से विधायक थे। बाद में वह समाजवादी पार्टी में शामिल हो गये। साल 2009 में उन्होंने लोकसभा का चुनाव लड़ा था लेकिन हार गए।

पति की साफ-सुथरी छवि के भरोसे बसपा उम्मीदवार सायरा बानो

बसपा ने सायरा बानो को अपना उम्मीदवार बनाया है । इंटर तक पढ़ी 40 वर्षीय सायरा नगर के एक प्रतिष्ठित व्यवसायी निसार अहमद गुड्डू की पत्नी हैं। सभासद रह चुके निसार अहमद की छवि साफ-सुथरी है। निसार अहमद गुड्डू पिछले कुछ वर्षों से बसपा की राजनीति कर रहे हैं। पिछले विधानसभा में टिकट के दावेदार भी थे।

इन सबके बीच बड़ा धमाका करने को बेताब सोनम चिश्ती किन्नर

यहां के चुनाव को जिसने सबसे दिलचस्प बनाया है वो हैं सोनम चिश्ती। बतौर निर्दल उम्मीदवार सोनम अपनी मजबूत दावेदारी लेकर मैदान में हैं। पिछले तीन वर्षों से नगर के तमाम आंदोलनों में सक्रिय रही 37 वर्षीय सोनम समाजवादी पार्टी में महिला कार्यकर्ता रही है। सपा से टिकट की दावेदारी कर रही थीं लेकिन जब टिकट नहीं मिला तो इस्तीफा देकर निर्दल चुनावी मैदान में कूद पड़ी।

9 वार्ड महिलाओं के लिए आरक्षित

25 सदस्यों वाली नगरपालिका में 9 वार्ड महिलाओं के लिये आरक्षित हैं।

 

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