प्रदेश सरकार नई औद्योगिक नीति को अंतिम शक्ल देने में जुटी

Update: 2017-04-24 15:24 GMT

लखनऊ : योगी सरकार बड़ी तेजी से प्रदेश में निवेश को आकर्षित करने के लिए नई औद्योगिक नीति का मसौदा करने में जुटी है। संबंधित विभाग के आला अफसर, चीफ सेक्रेटरी के साथ लगातार नई नीति को अमली जामा पहनाने के लिए लगातार बैठक कर रहे हैं।

आपको बता दें, कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हाल ही में उपमुख्यमंत्री दिनेश शर्मा की अध्यक्षता में एक मंत्री समूह का गठन कर दिया है। ये मंत्री समूह प्रदेश में नए उद्योग धंधों के विकास के लिए उचित वातावरण तैयार करने, और ज्यादा से ज्यादा निवेश को उत्तर प्रदेश में कैसे लाया जाए इस दिशा में काम करेगा।

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उच्च पदस्थ सूत्रों की मानें तो इस नई औद्योगिक नीति का प्रारुप फाइनल करते समय प्रदेश के पिछड़े इलाकों जैसे कि बुंदेलखंड और पूर्वांचल पर खास ध्यान दिया जा रहा है, और ऐसी नीतियां बनाई जाएंगी जिससे इन इलाकों में निवेशकों की पसंद लायक वातावरण तैयार किया जा सके। उनको बिजली पानी, इंफ्रास्ट्रक्चर जैसी मूलभूत सुविधाएं आसानी से मिलें इस पर खासा ध्यान दिया जा रहा है।

सूत्रों का कहना है कि नई नीति के लागू होने के बाद इलाके स्तर एक एडिश्नल एसपी की तैनाती की जाएगी जो निवेशकों के लिए इंडस्ट्री फ्रेंडली वातावरण तैयार करने में प्रमुख भूमिका निभाएंगे और उनकी समस्याओं का उचित निदान तयशुदा समय में उपलब्ध कराएंगे।

नई सरकार की कोशिश है कि प्रदेश में उद्यमियों की समस्याओं के समाधान एवं उनके कार्य विस्तार के लिए प्राथमिकता के आधार पर कार्य हो, और उनकी समस्याओं का निस्तारण सिंगल विंडो सिस्टम के तहत शीघ्रता से किया जाए। साथ ही उद्योगों की स्थापना के लिए किसानों से भूमि अधिग्रहण, उनकी सहमति और परस्पर संवाद के आधार पर किया जाए, ताकि बाद में किसी प्रकार की अड़चन न पैदा हो।

पिछली सरकारों में निवेशकों के लिए सबसे बड़ी दिक्कत प्रदेश की लचर कानून व्यवस्था हुआ करती थी। लेकिन नई सरकार के आने के बाद इस दिशा में तेजी से काम हो रहा है, और उच्च अधिकारियों का भी मानना है कि इससे निवेशकों को आकर्षित करने में अच्छी मदद मिलेगी

 

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