Military Station Firing Case: बठिंडा मिलिट्री स्टेशन फायरिंग मामले में गवाह ही निकला हत्यारा, 4 जवानों की हुई थी मौत

Military Station Firing Case: बठिंडा के वरीय पुलिस अधीक्षक गुलनीत खुराना ने आरोपी गनर की गिरफ्तारी की पुष्टि करते हुए कहा कि इस घटना के चश्मदीद को हत्या के आरोप में अरेस्ट किया गया है।

Update:2023-04-17 16:21 IST
Military Station Firing Case (photo: social media )

Military Station Firing Case: पंजाब स्थित देश के सबसे पुराने और बड़े बठिंडा मिलिट्री स्टेशन में बीते दिनों फायरिंग की हुई एक घटना में 4 जवानों की मौत हो गई थी। जिसने सेना और रक्षा एजेंसियों में हड़कंप मचा दिया था। इस घटना का आरोपी अब पुलिस के हत्थे चढ़ गया है। पुलिस ने जिसे गिरफ्तार किया है, वो और कोई नहीं बल्कि मृतक जवानों का साथ गनर निकला, जिसका नाम डिसाई मोहन है। मोहन पहले इस मामले का चश्मदीद गवाह था। हालांकि, बाद में पुलिस को उस पर शक गहराता गया, जिसके बाद उसे गिरफ्तार कर लिया गया।

बठिंडा के वरीय पुलिस अधीक्षक गुलनीत खुराना ने आरोपी गनर की गिरफ्तारी की पुष्टि करते हुए कहा कि इस घटना के चश्मदीद को हत्या के आरोप में अरेस्ट किया गया है। मोहन से पुलिस ने देर रात तक इस मामले को लेकर पूछताछ की है। इस दौरान उसने बताया कि उसकी साथियों से रंजिश थी। वे उसका यौन उत्पीड़न किया करते थे। उनकी हत्या के लिए मोहन ने रायफल चुराई और फायरिंग कर दी। साथियों को मौत के घाट उतारने के बाद उसने अफसरों को गुमराह किया और केस में गवाह बन गया।

सीनियर को बतायी झूठी कहानी

मोहन ने फायरिंग के बारे में 80 मीडियम रेजीमेंट के मेजर आशुतोष शुक्ला को सबसे पहले जानकारी दी थी। उसने कहा था कि बुधवार सुबह साढ़े चार बजे किचन के बैरक में फायरिंग हुई है। वहां 2 अज्ञात व्यक्ति आए, जिन्होंने सफेद रंग के कुर्ते पायजामे पहन रखे थे। उनके मुंह – सिर कपड़े से ढ़के हुए थे। उनके पास इंसास रायफल और कुल्हाड़ी दिखी थी। वह मुझे देकर जंगल की ओर भागे।

बता दें कि बीते बुधवार को बठिंडा मिलिट्री स्टेशन पर ये घटना तब हुई थी, जब सभी जवान अपने बैरक में सो रहे थे। तभी अचानक गोलियों की तड़तड़ाहट सुनाई दी। घटनास्थल पर पहुंचने पर चार जवान सागर बन्ने, करनालेश आर, योगेश कुमार जे और संतोष एम नागराल मृत मिले थे। सभी 80 मीडियम रेजीमेंट के थे। हालांकि, पुलिस ने शुरूआत में ही इस घटना को किसी प्रकार का आतंकी हमला मानने से इनकार करते हुए आपसी रंजिश की घटना बताया था। लेकिन सेना की ओर से इस पर प्रतिक्रिया नहीं आई थी।

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