Sidhu का शक्ति प्रदर्शन: कैप्टन को दिया झटका, 60 विधायकों के साथ स्वर्ण मंदिर पहुंचे सिद्धू

Captain Amarinder Singh vs Navjot Singh Sidhu: पंजाब कांग्रेस में जारी दंगल अब तक खत्म नहीं हुआ है। सूत्रों का कहना है कि सिद्धू कैप्टन से माफी मांगने को राजी नहीं है।

Newstrack :  Network
Published By :  Shreya
Update:2021-07-21 15:15 IST

नवजोत सिंह सिद्धू (फोटो साभार- सोशल मीडिया)

Captain Amarinder Singh vs Navjot Singh Sidhu: पंजाब कांग्रेस (Punjab Congress) में आंतरिक कलह थमने का नाम नहीं ले रही है। नवजोत सिंह सिद्धू (Navjot Singh Sidhu) की प्रदेश अध्यक्ष पद पर ताजपोशी होने के बाद भी अमरिंदर सिंह और सिद्धू के बीच मतभेद खत्म होते नजर नहीं आ रहा है। एक तरफ कैप्टन यह कह चुके हैं कि वे सिद्धू से तभी मिलेंगे जब वे सार्वजनिक रूप से अपनी टिप्पणियों के लिए माफी मांगेंगे, तो वहीं सिद्धू ऐसा करने के मूड में बिल्कुल नजर नहीं आ रहे हैं।

बता दें कि पंजाब कांग्रेस का नया अध्यक्ष बनाए जाने के बाद से ही सिद्धू लगातार अपने समर्थकों से मुलाकात कर रहे हैं। इसी कड़ी में आज वे अमृतसर में हैं, जहां पर उनके घर पर विधायकों का जुटना जारी है। सिद्धू ने दावा किया है कि उनके साथ 62 विधायक हैं। बताते चलें कि पंजाब में कांग्रेस के कुल विधायकों की संख्या 80 है। वहीं, उन्होंने आज स्वर्ण मंदिर (Golden Temple) जाकर माथा भी टेका। आज उनका वाल्मीकि मंदिर जाने का भी कार्यक्रम है।

नवजोत सिंह सिद्धू (फाइल फोटो साभार- सोशल मीडिया)

कैप्टन से माफी मांगने के लिए राजी नहीं सिद्धू

सूत्रों की मानें तो नवजोत सिंह सिद्धू किसी भी हाल में कैप्टन से माफी नहीं मांगेंगे, जबकि कांग्रेस के पंजाब प्रभारी हरीश रावत (Harish Rawat) से मुलाकात के दौरान कैप्टन ने स्पष्ट कर दिया था कि वे सिद्धू से तभी मुलाकात करेंगे जब वे उनकी सरकार के खिलाफ की गई टिप्पणियों के लिए सार्वजनिक रूप से माफी मांगेंगे। अब ऐसे में कांग्रेस पार्टी के अंदर अभी भी जारी दंगल खत्म होता नजर नहीं आ रहा है। 

मुख्यमंत्री ने अब तक नहीं दी है बधाई

आपको बता दें कि अभी तक कैप्टन अमरिंदर सिंह ने सिद्धू को पंजाब कांग्रेस का प्रदेश अध्यक्ष बनाए जाने पर बधाई भी नहीं दी है। दरअसल, बीते कुछ समय से सिद्धू की ओर से राज्य सरकार के खिलाफ कई ट्वीट किए गए, जिससे सरकार की छवि खराब होने की वजह से कैप्टन अमरिंदर उनसे नाराज हैं। कैप्टन अब तक सिद्धू के साथ खड़े नहीं दिखाई दे रहे हैं, जिससे पार्टी की चिंता बढ़ सकती है, क्योंकि अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव (Punjab Assembly Elections) में इसका खामियाजा देखने को मिल सकता है।

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