Chandigarh Mayor Election: मेयर चुनाव में होगी आप-कांग्रेस गठबंधन की पहली परीक्षा, लोकसभा चुनाव से पहले चंडीगढ़ में दोनों दलों के बीच हुआ समझौता

Chandigarh Mayor Election: चंडीगढ़ कांग्रेस के अध्यक्ष एचएस लकी ने दोनों दलों के बीच हुए गठबंधन की पुष्टि की है। उन्होंने कहा कि दोनों दलों ने गठबंधन का फैसला लिया है और इस बार हम भाजपा को हराने के लिए तैयार हैं।

Written By :  Anshuman Tiwari
Update:2024-01-16 12:52 IST

AAP Congress in Chandigarh Mayor Election  (photo: social media )

Chandigarh Mayor Election: लोकसभा चुनाव से पहले आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के बीच चंडीगढ़ के मेयर चुनाव को लेकर समझौता हो गया है। मेयर के चुनाव में भाजपा को पटखनी देने के लिए दोनों दलों ने संयुक्त उम्मीदवार उतारने का ऐलान किया है। लोकसभा चुनाव से पहले में इस चुनाव में दोनों दलों के साथ आने के फैसले को सियासी नजरिए से काफी अहम माना जा रहा है। इसका दूरगामी असर पड़ने की संभावना जताई जा रही है।

दोनों दलों के बीच हुए समझौते के मुताबिक आम आदमी पार्टी मेयर पद का चुनाव लड़ेगी जबकि सीनियर डिप्टी मेयर और डिप्टी मेयर के पद पर कांग्रेस के उम्मीदवार बीजेपी को चुनौती देंगै। आम आदमी पार्टी ने मेयर पद पर कुलदीप कुमार टीटा को चुनाव मैदान में उतारने का ऐलान किया है। टीटा भाजपा के उम्मीदवार मनोज सोनकर को चुनौती देंगे। अब सबकी निगाहें आप-कांग्रेस गठबंधन की इस पहली सियासी परीक्षा पर लगी हुई हैं।

भाजपा को हराने के लिए मिलाया हाथ

चंडीगढ़ कांग्रेस के अध्यक्ष एचएस लकी ने दोनों दलों के बीच हुए गठबंधन की पुष्टि की है। उन्होंने कहा कि दोनों दलों ने गठबंधन का फैसला लिया है और इस बार हम भाजपा को हराने के लिए तैयार हैं। कांग्रेस नेता ने कहा कि चंडीगढ़ में भाजपा का पिछले आठ साल से मेयर है। भाजपा के लोग चंडीगढ़ में अपना एजेंडा चलाने में जुटे रहते हैं और यहां किसी भी तरह का लोकतांत्रिक माहौल नहीं रह गया है। इसी कारण हमने भाजपा को हराने के लिए हाथ मिलाने का फैसला किया है।

पंजाब में आम आदमी पार्टी की सरकार है और पिछले विधानसभा चुनाव में आप ने बड़ी जीत हासिल की थी। कांग्रेस को भी पंजाब में मजबूत माना जाता रहा है और ऐसे में दोनों दलों के बीच गठबंधन के कारण मेयर चुनाव में भाजपा को मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है। पिछले चुनाव में जीत के बाद इस बार भाजपा की सियासी राह आसान नहीं मानी जा रही है।

लोकसभा चुनाव में भी सीट शेयरिंग की तैयारी

आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के बीच लोकसभा चुनाव में सीट शेयरिंग के मुद्दे पर दिल्ली में बातचीत हो चुकी है। दोनों दलों के नेताओं के बीच बातचीत के बाद पिछले दिनों दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और राहुल गांधी से चर्चा की थी। दिल्ली में चार-तीन का फार्मूला अपनाए जाने की तैयारी है।

इसके तहत चार सीटों पर आप और तीन सीटों पर कांग्रेस के उम्मीदवारों को चुनाव लड़ने का मौका मिलेगा। पंजाब को लेकर अभी गठबंधन की तस्वीर साफ नहीं हो सकती है। दोनों दलों की पंजाब इकाई की ओर से गठबंधन का विरोध किया जा रहा है।

पंजाब और गोवा में फंसा हुआ है पेंच

जानकार सूत्रों के मुताबिक पंजाब में आप की ओर से कांग्रेस को छह सीटें देने का प्रस्ताव किया गया है। इस संबंध में अभी तक दोनों दलों के बीच आखिरी समझौता नहीं हो सका है। आम आदमी पार्टी ने हरियाणा, गुजरात और गोवा में भी कांग्रेस से सीटें मांगी हैं।

गोवा में कांग्रेस दोनों सीटों पर चुनाव लड़ने की इच्छुक है। सियासी जानकारों का मानना है कि पंजाब और गोवा में दोनों दलों के बीच तालमेल मुश्किल दिखाई दे रहा है।

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