Congress MLA Arrested: विधायक सुखपाल खैरा की गिरफ्तारी से पंजाब में सियासी भूचाल, जानें किस मामले में हुई है कार्रवाई
Congress MLA Arrested: पुलिस ने गुरूवार सुबह तकरीबन साढ़े छह बजे चंडीगढ़ स्थित आवास से उन्हें गिरफ्तार किया है। गिरफ्तारी के दौरान उनकी पुलिस से बहस भी हुई, जिसका एक वीडियो भी सामने आया है।
Congress MLA Arrested: पंजाब की राजनीति में आज सुबह होते ही उस वक्त बड़ा सियासी भूचाल आ गया, जब पुलिस अचानक कांग्रेस विधायक सुखपाल सिंह खैरा को गिरफ्तार करने उनके घर पहुंच गई। खैरा पंजाब कांग्रेस के फायरब्रांड नेताओं में गिने जाते हैं और अक्सर सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी के नेताओं पर हमलावर रहते हैं। पुलिस ने गुरूवार सुबह तकरीबन साढ़े छह बजे चंडीगढ़ स्थित आवास से उन्हें गिरफ्तार किया है। गिरफ्तारी के दौरान उनकी पुलिस से बहस भी हुई, जिसका एक वीडियो भी सामने आया है।
कांग्रेस विधायक ने गिरफ्तार करने पहुंचे पुलिस अधिकारी से उनकी पहचान पहुंची। तब पुलिस अधिकारी ने खुद का परिचय डीएसपी जलालाबाद ए.आर.शर्मा के रूप में दिया। इसके बाद शर्मा ने कहा कि उनको 2015 एनडीपीएस एक्ट के मामले में गिरफ्तार करने आए हैं। कांग्रेस विधायक ने उनसे अरेस्ट वारंट दिखाने को कहा। खैरा ने आरोप लगाया कि पुलिस ने उन्हें पानी तक नहीं पीने दिया और हाथ से गिलास छीन लिया।
किस मामले में हुई गिरफ्तारी ?
कांग्रेस विधायक सुखपाल सिंह खैरा की गिरफ्तारी 2015 फाजिल्का ड्रग्स तस्करी मामले में हुई है। पुलिस ने उस साल अंतरराष्ट्रीय तस्करों के एक गिरोह से 2 किलो हेरोइन, 24 सोने के बिस्कुट, दो हथियार, 26 कारतूस और दो पाकिस्तानी सिम कार्ड जब्त किए थे। पुलिस का आरोप है कि खैरा अपने निजी सचिव के फोन से तस्करों से बात किया करते थे। इस मामले को लेकर गिरफ्तार किए गए मार्केट कमेटी ढिलवां के पूर्व चेयरमैन गुरदेव सिंह के साथ कथित तौर पर उनके संबंध भी सामने आए थे।
इतना ही नहीं ड्रग्स तस्करी मामले को लेकर कांग्रेस विधायक प्रवर्तन निदेशालय की जांच का भी सामना कर रहे हैं। साल 2015 में ईडी ने उनके ठिकानों पर रेड मारी थी और पूछताछ के लिए तलब किया था। नवंबर 2021 में संघीय जांच एजेंसी ने मनी लॉन्डिंग के मामले में उन्हें गिरफ्तार किया था। 78 दिन जेल में गुजारने के बाद हाईकोर्ट ने विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए उन्हें जमानत दे दी थी। फाजिल्का ड्रग्स तस्करी का मामला सुप्रीम कोर्ट में भी चल रहा है।
कांग्रेस ने AAP सरकार पर साधा निशाना
पंजाब में आम आदमी पार्टी की सरकार आने के बाद से लगातार कांग्रेस के बड़े नेताओं के खिलाफ एक्शन हो रहा है। इनमें पूर्व सीएम चरणजीत सिंह चन्नी जैसे बड़े नेता भी शामिल हैं। अभी तक तकरीबन एक दर्जन पूर्व मंत्रियों और बड़े नेताओं पर भ्रष्टाचार के मामले दर्ज हुए हैं। कांग्रेस लगातार भगवंत मान सरकार पर बदले की भावना से कार्रवाई करने का आरोप लगा रही है। विधायक सुखपाल खैरा की गिरफ्तारी को लेकर भी कांग्रेस ने हमला बोला है।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अमरिंदर सिंह राजा वडिंग ने खैरा के परिवार से जाकर मुलाकात की है। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, कांग्रेस विधायक सुखपाल खैरा की गिरफ्तारी में राजनीतिक प्रतिशोध की बू आती है। यह विपक्ष को डराने की कोशिश है और एक चाल है। पंजाब की आम आदमी पार्टी सरकार असल मुद्दों से ध्यान भटकाना चाहती है। हम सुखपाल खैरा के साथ मजबूती से खड़े हैं और इस लड़ाई को तार्किक निष्कर्ष तक ले जाएंगे।
वहीं, वरिष्ठ कांग्रेस नेता प्रताप सिंह बाजवा ने खैरा की गिरफ्तारी को अत्यंत निंदनीय करार दिया है। उन्होंने कहा कि पंजाब की आम आदमी पार्टी की सरकार अब तक के सबस निचले स्तर पर गिर गई है और प्रतिशोध की राजनीति पर उतर आई है। सुखपाल खैरा ने भगवंत मान सरकार द्वारा किए गए गलत कार्यों और अनियमितताओं के खिलाफ आवाज उठाई है।
सीएम का विरोध करता हूं इसलिए गिरफ्तार हुआ
कांग्रेस विधायक सुखपाल सिंह खैरा ने भी कहा कि मैं पंजाब के सीएम का विरोध करता हूं, इसलिए मेरे खिलाफ यह कार्रवाई की जा रही है। पंजाब में जंगल राज आ गया है, सरकार बदले की भावना से काम कर रही है। दरअसल, खैरा राज्य में आम आदमी पार्टी सरकार के सबसे तीखे आलोचकों में से हैं। राज्यसभा सांसद राघव चड्ढा की शादी में हुए भारी – भरकम खर्च पर भी उन्होंने सवाल उठाये थे। उन्होंने पूछा था कि राघव जैसा आम आदमी ऐसी भव्य और आलीशान शादी का खर्च कैसे उठा सकता है ?
AAP से कांग्रेस में आए खैरा
आम आदमी पार्टी पर तीखे प्रहार करने वाले सुखपाल सिंह खैरा कभी पंजाब में पार्टी के कद्दावर चेहरों में गिने जाते थे। 2017 के विधानसभा चुनाव में उन्होंने कपूऱथला की भुलत्थ विधानसभा सीट से आम आदमी पार्टी के सिंबल पर चुनाव जीता था। पार्टी ने उन्हें विधानसभा में विपक्ष का नेता भी बनाया था। इस पद पर वे जुलाई 2017 से जुलाई 2018 तक रहे थे। 2018 में अचानक उन्हें विपक्ष के नेता के पद से हटा दिया, जिससे वे बेहद नाराज हो गए। जनवरी 2019 में आखिरकार उन्होंने पार्टी को अलविदा कह दिया।
इसके बाद उन्होंने पंजाब एकता पार्टी के नाम से खुद की राजनीतिक पार्टी बनाई और बठिंडा लोकसभा सीट से 2019 में किस्मत भी अजमाया लेकिन असफल रहे। इसके बाद जून 2021 में वे कांग्रेस में शामिल हो गए। कांग्रेस ने उन्हें भुलत्थ सीट से चुनाव लड़ाया, राज्य में आम आदमी पार्टी की जबरदस्त लहर के बावजूद वे अपनी सीट निकालने में कामयाब रहे।