लापता हो गए चन्नी: पंजाब चुनाव में करारी हार के बाद से हैं गायब, जाने इसकी वजह

Charanjit Singh Channi: जब अमरिंदर सिंह ने कांग्रेस छोड़ दी थी तब चन्नी को कांग्रेस ने गुमनामी से निकाल कर पंजाब का मुख्यमंत्री बना दिया था। चन्नी के इस अचानक उदय से उनके खासमखास लोग भी हैरान रह गए थे।

Written By :  Neel Mani Lal
Published By :  Praveen Singh
Update:2022-04-01 22:50 IST

चरणजीत सिंह चन्नी(फोटो-सोशल मीडिया)

Charanjit Singh Channi: पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी का कोई अतापता नहीं हैं। वह सार्वजनिक रूप से लापता हैं। जब अमरिंदर सिंह ने कांग्रेस छोड़ दी थी तब चन्नी को कांग्रेस ने गुमनामी से निकाल कर पंजाब का मुख्यमंत्री बना दिया था। चन्नी के इस अचानक उदय से उनके खासमखास लोग भी हैरान रह गए थे। जल्द ही चन्नी को एक मजबूत दलित नेता के रूप में प्रोजेक्ट किया गया और उनके दम पर दलित वोट बटोरने की कोशिश की गयी।

लेकिन पंजाब चुनाव बीतते ही चन्नी नामक सितारा उसी तेजी से लुप्त हो गया जिस तेजी से वह आसमान पर चढ़ा था। हाल के चुनावों में दोनों विधानसभा सीटों से हारने के बाद चन्नी को सार्वजनिक रूप से नहीं देखा गया है। चुनाव नतीजा आने के बाद वह सिर्फ दो बार दिखाई दिए, एक बार तब जब उन्होंने मुख्यमंत्री के रूप में अपना इस्तीफा राज्यपाल बनवारीलाल पुरोहित को सौंपा था और बाद में एक बार और उन्होंने भगवंत मान को बधाई देने के लिए अपनी मौजूदगी दर्ज कराई थी। चन्नी सोशल मीडिया पर भी एकदम शांत हैं। उन्होंने चुनाव परिणामों के बाद से केवल दो बार ट्वीट किया है, लोगों को होली और होला मोहल्ला की शुभकामनाएं देने के लिए।

चरणजीत सिंह चन्नी मनी लॉन्ड्रिंग के एक मामले में प्रवर्तन निदेशालय के एक सम्मन के बाद हाजिर भी नहीं हुए थे। चन्नी के भतीजे भूपिंदर सिंह हनी को ईडी ने अवैध रेत खनन मामले में गिरफ्तार किया था, और केंद्रीय एजेंसी द्वारा की गई तलाशी के दौरान लगभग 10 करोड़ रुपये जब्त किए गए थे। हनी के आवास से ही 7.9 करोड़ रुपये जब्त किए गए थे, जिसने पंजाब राज्य में एक बड़ा विवाद खड़ा कर दिया था।

चन्नी उस समय भी अनुपस्थित थे जब तत्कालीन पंजाब कांग्रेस प्रमुख नवजोत सिंह सिद्धू ने पार्टी के कुछ विधायकों के साथ दो बैठकंा कीं। खुद अपनी सीट गंवाने के बाद, सिद्धू को विपक्ष के नेता का पद बनाए रखने की कोशिश के रूप में देखा गया था।

चन्नी तब भी चुप रहे जब वरिष्ठ नेता और पूर्व राज्य कांग्रेस अध्यक्ष सुनील जाखड़ ने फिर से प्रदेश कांग्रेस में पुराने झगड़े को भड़काया। वही झगडा जिसके परिणामस्वरूप चन्नी अमरिंदर के प्रतिस्थापन के रूप में पार्टी में आम सहमति के नाम के रूप में उभरे थे।

एक समय में सुनील जाखड़ मुख्याम्नात्री पद के दावेदार थे। लेकिन उनकी उम्मीदें तब ध्वस्त हो गईं जब पार्टी की वरिष्ठ नेता अंबिका सोनिया ने जोर देकर कहा था कि सीएम केवल "सिख" हो सकते हैं। उस समय जाखड़ ने चन्नी के बारे में कहा था कि वह एक बोझ हैं। इसके अलावा उन्होंने अम्बिका सोनी पर हाईकमान की आंखों में धूल झोंकने का आरोप लगाया था।

चुनाव परिणामों के बाद जाखड़ ने कहा था : भगवान का शुक्र है कि उन्हें (चन्नी) कांग्रेस कार्यसमिति में उस महिला ने राष्ट्रीय खजाना घोषित नहीं किया जिन्होंने उन्हें पहले स्थान पर सीएम के रूप में प्रस्तावित किया था। जाखड़ ने कहा था कि कांग्रेस ने बेहतर प्रदर्शन किया होता अगर अमरिंदर को सीएम के पद से नहीं हटाया जाता।

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