Punjab Congress: कांग्रेस में फिर आपसी कलह के आसार, नहीं थम रहा सिद्धू ट्रेंड, नए प्रदेश अध्यक्ष के लिए बड़ी चुनौती

Punjab Congress: सियासी गलियारों में इस बात की अटकलें बेहद तेज हो गई हैं कि क्या पंजाब कांग्रेस एक बार फिर आपसी कलह के मुहाने पर खड़ी है?

Written By :  Rajat Verma
Published By :  Monika
Update:2022-04-20 12:53 IST

नवजोत सिंह सिद्धू-राजा वररिंग (photo: social media )

Punjab Congress: पंजाब कांग्रेस के लिए मुश्किलें थमने का नाम नहीं ले रही है। ऐसे में नवनियुक्त पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष राजा वडिंग (Raja Warring) के सामने पूर्व अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू (Navjot Singh Sidhu) एक बड़ी चुनौती साबित हो रहे हैं। आपको बता दें कि अमृतसर में हालिया आयोजित पंजाब कांग्रेस (Punjab Congress) की एक बैठक में नवजोत सिद्धू उपस्थित नहीं रहे और साथ ही उन्होनें अपनी अनुपस्थिति को लेकर प्रदेश अध्यक्ष तक को कारण बताना सही नहीं समझा और ना ही उनका फ़ोन से संपर्क हुआ।

नवजोत सिंह सिद्धू के इस हालिया बर्ताव के बाद सियासी गलियारों में इस बात की अटकलें बेहद तेज हो गई हैं कि क्या पंजाब कांग्रेस एक बार फिर आपसी कलह के मुहाने पर खड़ी है? हालांकि, आसार तो कुछ ऐसे ही प्रतीत हो रहे हैं। दरअसल पंजाब कांग्रेस के नए प्रदेश अध्यक्ष राजा वडिंग ने अगामी राज्य निकाय चुनावों के मद्देनज़र अमृतसर में पार्टी के प्रमुख नेताओं के साथ बैठक का आयोजन किया था, लेकिन नवजोत सिंह सिद्धू इस बैठक से नदारद रहे और ना तो उनसे फ़ोन पर सम्पर्क साधा जा सका और ना ही सिद्धू ने इस अनुपस्थिति का कोई कारण बताया।

नवजोत सिंह सिद्धू का नए प्रदेश अध्यक्ष के लिए चुनती साबित होना कोई नई बात नहीं है, इससे पहले भी वह अपने पार्टी के नेताओं और मुख्यमंत्रियों के लिए चुनौती साबित होते आए हैं। नवजोत सिंह सिद्धू ने अपनी पार्टी के पूर्व सीएम कैप्टन अमरिंदर और चरणजीत सिंह चन्नी के खिलाफ बयान तक दिए हैं। नवजोत सिंह सिद्धू की पंजाब कांग्रेस के नेताओं के साथ आपसी कलह जग-जाहिर है। सियासी गलियारों में फैली हवा की मानें तो सिद्धू की अपनी पार्टी के किसी भी वरिष्ठ नेता के साथ नहीं बनती और इन्हीं कारणों के चलते अब वह आगामी समय में नए पंजाब कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष राजा वडिंग के लिए भी एक बड़ी चुनौती साबित हो सकते हैं।

पंजाब समेत कुल 5 राज्यों में कांग्रेस की करारी हार

आपको बता दें कि पंजाब समेत कुल 5 राज्यों में कांग्रेस की करारी हार के बाद पार्टी प्रमुख सोनिया गांधी ने पांचों राज्यों के प्रदेश अध्यक्ष से उनका इस्तीफा मांगा था, जिसके बाद नवजोत सिंह सिद्धू सहित सभी प्रदेश अध्यक्षों ने अपना इस्तीफा पार्टी प्रमुख को सौंप दिया था। 5 राज्यों में हुए विधानसभा चुनाव में अकेले पंजाब ही ऐसा राज्य था जहां कांग्रेस की सरकार थी लेकिन कांग्रेस को पंजाब में भी आम आदमी पार्टी के हाथों मुँह की खानी पड़ी।

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