Navjot Singh Sidhu: 'मैं मरने से नहीं डरता,...उस क्रांति का नाम राहुल गांधी है', जेल से बाहर निकलते ही सिद्धू ने ललकारा

Navjot Singh Sidhu: पंजाब कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और पूर्व कैबिनेट मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू को पटियाला जेल से रिहा कर दिया गया है। नवजोत सिंह सिद्धू के स्वागत के लिए शहर में बड़े-बड़े हार्डिंग भी लगाए गए हैं।

Update: 2023-04-01 18:16 GMT
नवजोत सिंह सिद्धू (सोशल मीडिया)

Navjot Singh Sidhu: पंजाब कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और पूर्व कैबिनेट मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू को पटियाला जेल से रिहा कर दिया गया है। नवजोत सिंह सिद्धू के स्वागत के लिए शहर में बड़े-बड़े हार्डिंग भी लगाए गए हैं। सिद्धू के जेल से रिहा होने से उनके परिवार के लिए अच्छी खबर है, क्योंकि उनकी पत्नी नवजोत कौर सिद्धू को दूसरी स्टेज कैंसर पीड़ित हैं। इसलिए सिद्धू के रिहा हो जाने से उनकी पत्नी को बड़ी राहत मिली है, क्योंकि सिद्धू अब अपनी पत्नी का बेहतर इलाज करवा पाएंगे।

पंजाब के पटियाला जेल से रोड रेज केस में अपनी 10 महीने की सजा पूरी करने के बाद नवजोत सिंह सिद्धू 01 अप्रैल को बाहर आए हैं। जेल से निकलते ही सिद्धू अपने समर्थकों से मिले। नवजोत सिद्धू ने इस दौरान मीडिया से बात की और केंद्र सरकार पर निशाना साधा। हालांकि, उन्होंने अपने अगले कदम के बारे में फिलहाल कुछ नहीं कहा। लेकिन, उन्होंने गांधी परिवार और राहुल गांधी की जमकर तारीफ की।

'उस क्रांति का नाम राहुल गांधी है'
जेल से बाहर निकलते ही नवजोत सिद्धू ने ऊपर वाले का शुक्रिया अदा किया। प्रेस से बात करते हुए उन्होंने कहा कि, 'जब भी इस देश में तानाशाही आई है, उसके बाद एक बड़ी क्रांति भी आई है। उस क्रांति का नाम राहुल गांधी है। सिद्धू ने इस दौरान पंजाब की आंतरिक स्थिति पर भी चर्चा की। सिद्धू ने केंद्र और पंजाब सरकार को जमकर खरी-खोटी सुनाई। इस दौरान उन्होंने कहा,मैं मरने से नहीं डरता।'

'राहुल गांधी के बुजुर्गों ने ही देश को आजाद करवाया'

नवजोत सिद्धू ने आगे कहा, कि 'देश में लोकतंत्र आज के समय में फेल साबित हो रहा। सभी सरकारी संस्थाओं को गुलाम बनाया जा रहा। लेकिन, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी चट्टान की तरहजमे हैं। इनका सामना कर रहे हैं। उन्होंने कहा, राहुल गांधी के बुजुर्गों ने ही इस देश को आजाद करवाया है। जवाहरलाल नेहरू, मौलाना आजाद जैसे बुजुर्गों से ही सीख कर राहुल गांधी लोकतंत्र की बेड़ियां काट रहे हैं।'

दो महीने पहले जेल से रिहा हुए सिद्धू

सुप्रीम कोर्ट ने 34 साल पुराने रोडरेज के एक मामले में नवजोत सिंह सिद्धू को 19 मई 2022 को एक साल की सजा सुनाई थी। इसके अगले दिन यानी 20 मई को सिद्धू ने पटियाला कोर्ट में सरेंडर कर दिया था। उनकी रिहाई 16 मई 2023 को होनी थी। लेकिन जेल में उनके अच्छे आचरण का संज्ञान लेते हुए उन्हें सजा पूरा होने से डेढ़ माह पहले ही रिलीज कर दिया जाएगा। 10 महीने से अधिक समय तक जेल में गुजराने वाले सिद्धू ने एक भी पैरोल नहीं ली थी।

जानें किस मामले में हुई थी सजा?

नवजोत सिंह सिद्धू का 27 दिसंबर 1988 पटियाला निवासी गुरनाम सिंह से पार्किंग स्थल को लेकर विवाद हो गया था। सिद्धू ने कथित तौर पर गुरनाम सिंह को उनकी कार से बाहर खींच लिया और उनके साथ मारपीट की। बाद में एक अस्पताल में गुरनाम सिंह की मृत्यु हो गई। एक चश्मदीद गवाह ने सिद्धू पर सिर पर वार कर गुरनाम सिंह की हत्या करने का आरोप लगाया था, जिसके बाद सिद्धू पर गैर इरादतन हत्या करने का मुकदमा दर्ज हुआ था। इसी मामले में सिद्धू जेल में सजा काट रहे थे।

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